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UPSC RESULT: नंदिनी के दोस्तों ने उड़ाया था मजाक, टॉपर बनकर दिया जवाब
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विस एग्जाम में कर्नाटक की नंदिनी केआर ने टॉप किया है। नंदिनी ने चौथी कोशिश में ये मुकाम हासिल किया है। रिजल्ट से बेहद खुश नंदिनी का कहना है कि वह हमेशा से आईएएस बनना चाहती थीं। नंदिनी ने वैकल्पिक विषय के तौर पर कन्नड़ साहित्य की परीक्षा दी थी। उन्होंने बेंगलुरु के एम.एस. रमैया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से सिविल इंजिनियरिंग में बीई की डिग्री हासिल की थी।
नई दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विस एग्जाम में कर्नाटक की नंदिनी केआर ने टॉप किया है। नंदिनी ने चौथी कोशिश में ये मुकाम हासिल किया है। रिजल्ट से बेहद खुश नंदिनी का कहना है कि उनका हमेशा से ख्वाब था कि वह आईएएस बने। नंदिनी ने वैकल्पिक विषय के तौर पर कन्नड़ साहित्य की परीक्षा दी थी। उन्होंने बेंगलुरु के एम.एस. रमैया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से सिविल इंजिनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की थी।
कौन हैं नंदिनी
नंदिनी अभी फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय सीमा-शुल्क, उत्पाद शुल्क और नारकोटिक्स अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। वह मूल रूप से कर्नाटक के कोलार जिले की रहने वाली हैं। नंदिनी के उनके पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और मां गृहिणी हैं।
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कहा तक पढ़ाई की है?
-नंदिनी ने शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से की है।
-उनके पिता कर्नाटक के कोलार जिले के टीचर हैं।
-वो ओबीसी कैटेगरी से हैं।
-12वीं की पढ़ाई के लिए वो चिकमंगलूर जिले के मूदाबिदरी आईं और 94.83 प्रतिशत अंक हासिल किए
-बेंगलुरु के एमएस रमैय्या इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग की है।
-इंजीनियरिंग के बाद कर्नाटक के पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी कर ली।
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दोस्तों ने उड़ाया मजाक
नंदिन के दोस्त पिछले एक हफ्ते से उनका मजाक उड़ा रहे थे। क्योंकि पहले भी वो सिविल सर्विस के लिए प्रयास कर चुकी थीं, इसलिए इस बार उनके दोस्त कह रहे थे कि नंदिनी ही टॉप करेंगी। लेकिन शायद उन्हें पता नहीं था कि उनकी ये बात सच साबित हो जाएगी।
लक्ष्य बनाकर करें पढ़ाई
सिविल परीक्षा की तैयारी के बारे में नंदिनी का कहना है कि उन्होंने कभी घंटे के हिसाब से पढ़ाई नहीं की, बल्कि एक निश्चित लक्ष्य बनाकर पढ़ाई करती थीं। उनका कहना है कि विषय भले ही कोई भी हो, अच्छी तैयारी करो तो सफलता निश्चित रूप से मिल सकती है। भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी नंदिनी देश के शिक्षा क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहती है।
नहीं मानी हार
नंदिनी ने बताया, 2014 में आईआरएस मिलने के बाद 2015 में भी परीक्षा दी थी, लेकिन मैं असफल रही, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। साल 2016 में एक बार फिर परीक्षा दी। नंदिनी ने कहा, टॉप करना अद्भुत अनुभव है। आईआरएस बनने के बाद इस सफलता के लिए मैंने जी-जान लगा दी थी। बता दें कि नंदिनी को 2014 में 849वीं रैंक हासिल हुई थी।