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उरी हमले को लेकर बरसे मोदी : बेकार नहीं जाएगी शहादत, अपना घर संभाले पाकिस्तान

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Published on: 24 Sep 2016 3:57 AM GMT
उरी हमले को लेकर बरसे मोदी : बेकार नहीं जाएगी शहादत, अपना घर संभाले पाकिस्तान
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केरल: उरी अटैक के बाद शनिवार को पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर जमकर बरसे। उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को कोसा तो यूएन में नवाज शरीफ के भाषण को आतंकवादियों के आकाओं के हाथों लिखा बताया। मोदी ने कहा कि हम उरी हमले को नहीं भूलेंगे। 18 जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। कश्मीर राग गाने वाले नवाज शरीफ को इशारों में सचेत कर दिया कि अपने घर को संभालों, कहीं ऐसा ना हो कि बांग्लादेश की तरह सिंध, बलूचिस्तान और पीओके भी हाथ से निकल जाए। केरल में लाखों लोगों के सामने मोदी ने पाकिस्तान की आवाम को गरीबी-बेरोजगारी के खिलाफ लड़ने की चुनौती दी।

पूरी दुनिया में आतंकवाद एक्सपोर्ट कर रहा पाक

मोदी ने कहा, ''आज मानवजाति के सामने कई चुनौतियां हैं। हम कई वर्षों से सुन रहे हैं कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। एशिया के सभी देश अपना योगदान देने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन एक देश एशिया में ऐसा है जो 21वीं सदी एशिया की ना बने, पूरा एशिया रक्त रंजित हो, आतंकवादी की चपेट में आ जाए, खूनखराबा हो, इसके षड्यंत्र में लगा हुआ है। आतंकवाद के सामने भारत ना तो झुका है और ना झुकेगा। उसे परास्त करके रहेंगे।''

18 जवानों को नहीं बेकार जाएगा बलिदान: मोदी

-पाकिस्तान के हुक्मरान सुन लें हमारे 18 जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।

-भारत सफल रहा है आपको दुनिया में अलग-थलग करने में। हम आपको दुनिया में अकेला कर देंगे।

-वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान की आवाम पाकिस्तान के हुक्मरानों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में आएगी।

-हमारे देश का भविष्य शांति, एकता सद्भावना से जुड़ा हुआ है। हिंदुस्तान का जवान तब जीतता है जब हम एक साथ कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं।

-आज देशवासी हर कीमत देने को तैयार हैं। मैं भारत के उज्ज्वल भविष्य की ओर देख रहा हूं। हम सफल होंगे, इसका विश्वास दिलाता हूं।

आतंकवाद पर और क्या बोले पीएम मोदी ?

-एशिया के अंदर जहां भी आतंकवाद की घटनाएं हो रही हैं, सभी देश एक ही देश को दोषी मानता है।

-केवल भारत की बात नहीं है। अफगानिस्तान हो, बांग्लादेश हो। आपने देखा होगा दुनिया में जहां भी आतंकवाद की घटना होती है, थोड़े दिनों बात एक खबर आती है।

-आतंकवादी उस देश से गया था या घटना को अंजाम देने के बाद ओसामा बिन लादेन की तरह उस देश में छुपने के लिए गया था।

-आतंकवाद कैसा होता है। यह हमारे केरल के लोग जानते हैं। खाड़ी के देशों में काम करने वाली हमारी बेटियों को आतंकवादी उठाकर ले गए थे।

-पूरा देश चिंतित था। लेकिन पूरे केरल ने देखा कि दिल्ली सरकार ने भरसक प्रयास किया और बेटियों को सही सलामत घर तक पहुंचा दिया।

मानवता का दुश्मन है आतंकवाद: मोदी

-आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। मानवतावादियों ने एक होकर आतंकवाद को हराना है।

-आतंकवाद के सामने भारत ना तो झुका है और ना झुकेगा। आतंकवाद को परास्त करके रहेंगे।

-इन दिनों पूरे देश में एक आक्रोश का माहौल है। उरी में हमारे पड़ोसी देश के एक्सपोर्ट किए हुए आतंकवादियों ने हमारे 18 जवानों को शहीद किया।

-आतंकवादी कान खोलकर सुन लें ये देश इस बात को कभी भूलने वाला नहीं है।

-पिछले कुछ महीनों में 17 बार पड़ोसी अलग-अलग गुट सीमा पार करके फिदायीन हमलावरों ने देश को तहस-नहस करने का प्रयास किया।

-लेकिन, हमारे जवानों ने 17 बार प्रयास को विफल किया। लाइन ऑफ कंट्रोल के पास ही मार गिराया।

-सबसे कम समय में 110 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया। इन संभावित 17 घटनाओं से देश को बचाने का महान काम सुरक्षाबलों ने किया।

-सीना तान करके लड़ाइयां लड़ी। सवा सौ करोड़ देशवासियों को सेना की वीरता पर गर्व है।

जवानों की शक्ति देश का मनोबल: मोदी

-आप कल्पना कर सकते हैं, पड़ोसी देश एक घटना में सफल हुआ और हमारे 18 जवान शहीद हुए।

-यदि 17 घटनाओं में वो सफल हुए होते तो देश को कितना नुकसान किया होता।

-हमारे सेना के जवान चाहे बीएसएफ के हो या सीआईएसएफ हो या जम्मू-कश्मीर पुलिस सभी इस लड़ाई को जीतते गए हैं।

-इसका कारण सिर्फ हथियार नहीं है। जवानों के लिए शस्त्र तो सिर्फ खिलौना है।

-जवानों की शक्ति देश का मनोबल है। आज देश का मनोबल सबसे ऊंचा है।

-देश के जवानों के लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों का मनोबल ही हमारी शक्ति है।

पाकिस्तान की आवाम से की सीधे बात

-पड़ोस के देश के नेता के हुक्मरान कहा करते थे हजार साल लड़ेंगे। काल के भीतर कहां खो गए कहीं नजर नहीं आते।

-आज के हुक्मरान आतंकवादियों के आकाओं के लिखे हुए भाषण पढ़कर कश्मीर के गीत गा रहे हैं।

-मैं आज यहां से सीधा पाकिस्तान की आवाम से बात करना चाहता हूं। उन आकाओं से जो आतंकवादियों के लिखे भाषण पढ़ते हैं, उनसे दुनिया को कोई अपेक्षा नहीं है।

-मैं पाकिस्तान की आवाम से बात करना चाहता हूं। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि 1947 से पहले आपके पूर्वज भी इसी मिट्टी को नमन करते थे।

-उन पूर्वजों की याद दिलाकर मैं आपसे कुछ बात कहना चाहता हूं।

'पहले अपना घर तो संभाल ले पाकिस्तान'

-पाकिस्तान की आवाम अपने हुक्मरानों से पूछे कि पीओके तो आपके पास है आप उसको नहीं संभाल पाते।

-कभी पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) आपके पास था। आप संभाल नहीं पाए। आप सिंध, पख्तून, गिलगित-बाल्तिस्तान, बलूचिस्तान को संभाल नहीं पा रहे हो और कश्मीर की बात करते हो। पहले जो घर में है उसे तो संभाल के बताओ।

पाकिस्तान की आवाम जरा उनसे पूछे कि दोनों देश एक साथ आजाद हुए क्या कारण है कि हिंदुस्तान दुनिया में सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट करता है और पाकिस्तान आतंकवाद एक्सपोर्ट करता है। क्या कारण है?

-आपको गुमराह करने के लिए आपके हुक्मुरान हिंदुस्तान से हजार साल लड़ने की बात करते हैं।

-आज दिल्ली में ऐसी सरकार है जिसे आपकी चुनौती स्वीकार है।

-पाकिस्तान की आवाम आओ हमसे लड़ो, आओ हमसे गरीबी को हराने की लड़ाई लड़ो। देखते हैं पहले गरीबी को कौन हराता है।

-पाकिस्तान के नौजवान आओ लड़ाई लड़ें कि बेरोजगारी को पहले पाकिस्तान खत्म करता है या भारत।

-मैं पाकिस्तान के उन छोटे-छोटे बालकों से कहता हूं आओ अशिक्षा को खत्म करने की लड़ाई लड़ें।

'इससे युक्त हो और इससे मुक्त हो भारत'

-हमारे हर प्रयास का केंद्र बिंदु गरीब हैं। हम गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।

-केरल के लोग हमें आशीर्वाद दें ताकि अपने मकसद में कामयाब हों।

-21वीं सदी में हमारा संकल्प बने कि हिंदुस्तान गरीबी से मुक्त देश बने।

-भारत भेदभाव से मुक्त हो समानता से युक्त हो।

-भारत ऐसा देश हो जो अन्याय से मुक्त हो न्याय से युक्त हो।

-भारत ऐसा देश हो गंदगी से मुक्त हो स्वच्छता से युक्त हो।

-भारत ऐसा देश हो भ्रष्टाचार से मकु्त हो पारदर्शिता से युक्त हो।

-बेरोजगारी से मुक्त हो रोजगार से युक्त हो।

-निराशा से मुक्त हो आशा से युक्त हो।

मोदी ने भाषण की शुरुआत उन्होंने मलयालम में की, जिससे वहां मौजूद भीड़ में जोश आ गया। मलयालम में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा...

-केरल के स्मरण मात्र से मन में 'गॉड्स ओन कंट्री', श्रद्धा का भाव पैदा होता है।

-ये केवल भू भाग के कारण नहीं है। यहां के लोगों ने, साधु-संतों ने परंपरा ने जिन आदर्शों मूल्यों और परिश्रम संस्कारित किया है।

-उसी का परिणाम है कि देश में जहां भी कोई केरल का कोई व्यक्ति रहता है उसे आदर से देखा जाता है।

-पिछले दिनों मुझे खाड़ी के देशों में जाने को मिला। मैंने आग्रह किया था कि मैं इस इलाके में रहने वाले अपने देश के लोगों जिनमें ज्यादातर केरल के हैं, से मिलना चाहूंगा।

-इसी मैदान में मुझे पहले एक राजनीतिक रैली करने का मौका मिला था। लेकिन तब और अब में मैं बहुत ज्यादा फर्क देख रहा हूं।

-50 साल पहले पंडित दीनदयाल उपाध्यक्ष जी ने अध्यक्ष के नाते यहां कार्यभार संभाला था।

-मैं नहीं जानता कि उस समय जनसंघ की ये खबर अखबारों में कहीं छपी होगी।

-उस समय के राजनीतिक पंडितों को आश्चर्य होता होगा कि 50 साल के भीतर ये दल हिंदुस्तान की नंबर एक पार्टी बन गया।

-देश उपाध्याय जी की जन्म शताब्दी मनाने जा रहा है। पिछली शताब्दी में भारत की राजनीति को तीन महापुरुषों ने प्रभावित किया।

-सबसे ऊपर महात्मा गांधी, दीन दयाल उपाध्याय और राम मनोहर लोहिया।

-इन तीन महापुरुषों का विचार आज की राजनीति पर कहीं ना कहीं दिखाई पड़ता है।

बीजेपी सरकार गरीबों के लिए है: मोदी

-लोकसभा के चुने हुए सदस्यों ने मुझे अपने नेता के रूप में चुना और अपने पहले भाषण में संसद में मैंने कहा था कि हमारी ये सरकार गरीबों को समर्पित है।

-ये विचार महात्मा गांधी और दीनदयाल जी के विचार हैं।

-सत्ता के गलियारे में आने से पहले मुझे वर्षों तक संगठन में काम करने का सौभाग्य मिला।

-केरल के भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दशकों में जो बलिदान दिए हैं।

-हजारों कार्यकर्ताओं ने जो यातनाएं झेली हैं, सत्ता में आने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं।

-फिर भी बिना थके मेहनत करते रहे, ऐसे कार्यकर्ता प्रेरणा के स्रोत हैं।

आगे की स्लाइड्स में सुनिए, पीएम मोदी का पूरा भाषण...

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