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Pentagon Report: अब हिंद महासागर में ताकत बढ़ा रहा चीन, भारत के लिए नया 'सिरदर्द'..यूएस रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे
Pentagon Report On China: अमेरिका ने हाल ही में चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। यूएस ने डिफेंस एनुअल रिपोर्ट जारी कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
Pentagon Report On China: भारत के पड़ोसी राष्ट्र चीन के रिश्ते शुरुआत से ही अच्छे नहीं रहे हैं। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से सीमा विवाद बढ़ता ही गया। दरअसल, चीन की नजरें हमेशा ही अपने पड़ोसी देशों की जमीन हड़पने पर रही है। क्षेत्र विस्तार चीन की आदतों में शुमार रहा है, इस लालच में उसने अपने दोस्तों को भी नहीं बख्शा। गलवान घाटी हो या पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश, चीन ने कई बार यहां घुसपैठ की कोशिश की। इस वजह से इंडियन आर्मी और चीनी सेना में तनातनी का माहौल बना है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बाद चीन अब समुद्री सीमा में भी भारत को चुनौती दे रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) में चीनी सेना की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। चीन सेना की मौजूदगी भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए परेशानी खड़े कर रहा है। ये खुलासा अमेरिका ने किया है। अपने डोजियर में अमेरिका ने कई खुलासे किए हैं।
अमेरिकी सैन्य विभाग की रिपोर्ट में क्या-क्या?
अमेरिका (US) ने हाल ही में चीन से संबंधित डिफेंस एनुअल रिपोर्ट (Defense Annual Report) जारी किया। इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुआ हैं। पेंटागन ने इस रिपोर्ट में बताया है कि किस प्रकार चीन अपने परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons of China) को लगातार बढ़ा रहा है। अमेरिकी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि, साल 2035 तक चीन के पास करीब 1500 से अधिक खतरनाक परमाणु हथियार होंगे। यूएस द्वारा जारी रिपोर्ट में जिबूती बेस (Djibouti Base) का भी जिक्र किया गया है। इस बेस के जरिये चीन हिंद महासागर में अपनी ताकत को मौजूदा स्थिति से कई गुना बढ़ा सकता है।
तैनात हो सकते हैं एयरक्राफ्ट कैरियर और पनडुब्बी
अमेरिकी रिपोर्ट में चीनी सेना और जिबूती बेस का खास तौर पर जिक्र किया गया है। दरअसल, चीन जिबूती बेस पर तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है। उसमें किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier) और पनडुब्बी (Submarine) को तैनात किया जा सकता है। कहने का मतलब है कि, भविष्य में ये चीनी सेना के लिए युद्ध के एक बड़े बेस की तरह होगा। इस बेस से चीनी सेना किसी भी तरह की हरकत को अंजाम दे सकता है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, चीन छोटे देशों में ऐसे ठिकानों की तलाश में रहता है जहां वो अपना मिलिट्री बेस (Chinese Military Base) तैयार कर सके। चीन ऐसा कर लगातार स्वयं को अन्य देशों के मुकाबले और अधिक मजबूत करने का काम करता रहा है।
सामरिक मसलों में चीन की तुलना में भारत पीछे
पेंटागन की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, चीन लंबे वक्त से एयरक्राफ्ट कैरियर तैयार करने में जुटा है। जहां से चीन तमाम तरह के लड़ाकू विमानों को संचालित कर सकता है। बता दें, फिलवक्त चीन के पास तीन ऐसे एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जिनकी क्षमताएं काफी अधिक हैं। अगर, इसकी तुलना भारत से करें तो पता चलता है कि हमारी नौसेना के पास सिर्फ दो बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर हैं। जिसमें एक रूस में बना आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) तथा दूसरा आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant)।
चीन पर अमेरिका निगाहें, मगर बचने की कोशिश जारी
भारत का पड़ोसी राष्ट्र चीन, हिंद महासागर के पूरे इलाके में कुछ नदी साजिश रच रहा है। ये बात इससे भी साबित होती है कि वो (चीन) लगातार इसे छिपाने की कोशिशें भी कर रहा है। पेंटागन द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि, 'वो हमारी नजरों से बचने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहा है। अमेरिकी ड्रोन्स और सेटेलाइट (American drones and satellites) को 'ब्लाइंड' करने के लिए जमीन पर लेजर लगाए गए हैं। इसके अलावा, चीनी सेना अमेरिका के ड्रोन को लगातार निशाना भी बनाता रहा है।
रिपोर्ट में जिबूती बेस का खास जिक्र
अमेरिकी रिपोर्ट (US Defense Annual Report 2022) में कहा गया है कि चीन जिबूती (Djibouti) में अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती की योजना बना रहा है। दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में अपनी मौजूदगी को पहले से मजबूत करने के लिए चीन ने यहां कई आर्टिफिशियल आइलैंड (Artificial Island) तैयार किए हैं। साल 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंबोडिया (Cambodia) के रीम नौसैनिक अड्डे पर भी चीन लगातार निर्माण कार्य जारी रखे हुए है। यहां के बंदरगाहों में तमाम तरह की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।