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Air Conditioners : एसी चलायें लेकिन संभल कर, बिजली बिल बढाने के साथ सेहत का भी हो सकता है बंटाधार
Air Conditioners : भीषण गर्मी है, AC की भारी डिमांड है और जिसकी जितनी क्षमता है वो उतना ही AC का मज़ा ले रहा है। बहुत से लोग इस प्रचंड गर्मीं में एयर कंडीशनर को "जीवन रक्षक उपकरण" के रूप में उपयोग कर रहे हैं।
Air Conditioners : भीषण गर्मी है, AC की भारी डिमांड है और जिसकी जितनी क्षमता है वो उतना ही AC का मज़ा ले रहा है। बहुत से लोग इस प्रचंड गर्मीं में एयर कंडीशनर को "जीवन रक्षक उपकरण" के रूप में उपयोग कर रहे हैं। हालाँकि, बहुत से लोग एयर कंडीशनरों को चला जरूर रहे हैं लेकिन उनकी चिंता बिजली के बिल को लेकर बनी रहती है। इंटरनेट पर तमाम मैसेज चल रहे हैं कि 26 डिग्री सेल्सियस तक की एयर कंडीशनिंग सबसे ज्यादा बिजली बचाती है और इस नुस्खे को बहुत से लोगों ने आजमाया भी है।
तो क्या करना चाहिए?
सबसे पहले यह जान लीजिये कि बिजली की खपत एयर कंडीशनर द्वारा तय तापमान से जुड़ी हुई है। ये गणना की गई है कि अगर एयर कंडीशनिंग का ठंडा तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से घटकर 25 डिग्री सेल्सियस हो जाए, तो बिजली की खपत 47.89 फीसदी बढ़ जाएगी। एयर कंडीशनर के लिए तय तापमान जितना कम होगा, बिजली की खपत उतनी ही अधिक होगी।
- ये भी ध्यान रखें कि बिजली की खपत एसी की हॉर्स पावर पर भी निर्भर करती है। एसी के कम्प्रेसर की हॉर्स पावर जितनी ज्यादा होगी, वह उतनी ही तेजी से ठंडा तो करेगा लेकिन बिजली की खपत भी उतनी ही ज्यादा होगी।
- एयर कंडीशनर की बिजली खपत भी बाहरी तापमान से संबंधित होती है। अगर घर के अंदर और बाहर के तापमान के बीच अंतर बहुत बड़ा है, तो इससे बिजली की खपत भी कुछ हद तक बढ़ जाएगी। आमतौर पर, जब घर के अंदर और बाहर के तापमान के बीच का अंतर लगभग 4 डिग्री सेल्सियस होता है, तो एयर कंडीशनर ज्यादा बिजली नहीं खाता है।
कैसे बिजली बचाएं?
- हवा को सर्कुलेट करने के लिए एयर कंडीशनर के ब्लेड को ऊपर की ओर घुमाएँ। चूँकि ठंडी हवा भारी होती है इसलिए उसे सीधे उड़ाने की बजाये ऊपर की ओर फेंकने से कमरे में ठंडक फैलाना आसान होता है।
- इसके अलावा आप एयर कंडीशनिंग के साथ सीलिंग फैन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसकी मदद से ठंडी हवा को कमरे के सभी कोनों में फैलाया जा सकता है।
- एसी को 26 डिग्री पर चलाने और पंखे को धीमी गति से चलाना हमेशा बेहतर ही होता है 28 प्लस डिग्री पर एसी चलायें। इससे सेहत पर भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा।
AC से नुकसान
बहुत से लोगों को एसी 20 से 22 डिग्री पर चलाने की आदत होती है और जब उन्हें ठंड लगती है तो वे कम्बल ओढ़ लेते हैं। लम्बे समय तक ऐसा करने से कई नुकसान हो सकते हैं। दरअसल, लो टेम्प्रेचर पर एसी चलाने से कमरे का तापमान सामान्य शरीर के तापमान से बहुत कम हो जाता है और यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है और कई नुकसान पैदा कर सकता है।
- एसी से आने वाली ठंडी, लेकिन शुष्क हवा श्वसन प्रणाली को प्रभावित कर सकती है, जिस वजह से अस्थमा, एलर्जी और सांस का संक्रमण जैसी स्थितियों को ट्रिगर कर सकती हैं। लंबे समय एसी की ठंडी हवा में रहने से सर्दी या फ्लू होने का खतरा भी बढ़ सकता है। इन समस्याओं से सुरक्षित रहने के लिए सुनिश्चित करें कि एसी का फिल्टर साफ हों और इसके तापमान को धीरे-धीरे एडजस्ट करें।
- ज्यादा देर तक एसी के संपर्क में रहने से त्वचा का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। इसके कारण त्वचा की प्राकृतिक नमी खोने लगती है और आपको रूखी और पपड़ीदार त्वचा का सामना करना पड़ सकता है। त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां पड़ सकती हैं और चेहरे पर दाने भी निकलने लगते हैं। इन समस्याओं से बचे रहने के लिए समय-समय पर मॉइस्चराइजर लगाते रहें।
- एसी वाले कमरे में लंबे समय तक रहने से मांसपेशियों में ऐंठन या जोड़ों में दर्द हो सकता है और इस कारण चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है। खासतौर से अगर आपको पहले से अर्थराइटिस या मांसपेशियों में किसी भी वजह से अकड़न हो तो एसी के संपर्क में ज्यादा देर तक नहीं रहना चाहिए।
- एसी में ज्यादा देर तक रहने से इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है, जिससे आपके अंदर बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। देर तक एसी में बैठने की वजह से इसकी ठंडी हवा शरीर पर दबाव डालती है, जिसके कारण थकान महसूस होती है। ज्यादा समय तक कम तापमान में रहने की वजह से सिरदर्द और चिड़चिड़ाहट भी होने लगती है।