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उत्तराखंड विधानसभा चुनावः बीजेपी ने 33 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निकाला

बीजेपी ने अब तक 50 नेताओं को पार्टी से निकाला दिया है। इस विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर बीजेपी के बागी उम्मीदवार मैदान में हैं।

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Published on: 6 Feb 2017 6:26 AM GMT
उत्तराखंड विधानसभा चुनावः बीजेपी ने 33 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निकाला
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नई दिल्ली: बीजेपी ने उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से 10 दिन पहले अपने 33 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। बीजेपी ने इन नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया है। इस खबर की पुष्टि बीजेपी के उत्तराखंड के प्रदेश महासचिव नरेश बंसल ने की है। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि ये नेता अति महत्वाकांक्षी हैं। इनके जाने से आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

बता दें कि इससे पहले बीजेपी ने 17 नेताओं को पार्टी से निकाला था। बीजेपी ने अब तक 50 नेताओं को पार्टी से निकाला दिया है। इस विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर बीजेपी के बागी उम्मीदवार मैदान में हैं। बीजेपी की उन्हें मनाने की कोशिशें पूरी तरह से नाकाम हो गई थीं। यह बगावत कांग्रेस से आए नेताओं को चुनाव लड़ाने की वजह से 13 सीटों पर भड़की थी।

होने वाली है पीएम मोदी की 4 रैलियां

पीएम मोदी की उत्तराखंड में 4 रैलियां होनी हैं। पहली रैली हरिद्वार में 10 फरवरी, दूसरी 11 फरवरी को पिथौरागढ़ में, तीसरी श्रीनगर में 12 फरवरी, चौथी और आखिरी रैली गढ़वाल-रूद्रपुर में होनी है। इस विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ही बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। यूपी की तरह उत्तराखंड में भी बीजेपी ने कोई सीएम उम्मीदवार नहीं घोषित किया है।

किसानों का ऋण होगा माफ- राजनाथ सिंह

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार आने पर किसानों का फसल ऋण माफ कर दिया जाएगा। प्रदेश में 15 फरवरी से विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद के समर्थन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दुर्गागढ़ गांव में चुनावी सभा को संबोधित किया था। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि बाहुबली की सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई हैं। प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने पर युवाओं को रोजगार उपलब्ध करे जाएंगे। पर्वतीय क्षेत्रों से उनका पलायन रोकने के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाई जाएंगी।

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