रावत का यू-टर्न, अब बोले- U'Khand में नहीं घुसे चीन के सैनिक

By
Published on: 27 July 2016 1:10 PM GMT
रावत का यू-टर्न, अब बोले- UKhand में नहीं घुसे चीन के सैनिक
X

देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में चीन के सैनिकों के घुसपैठ के मामले को पहले सही बताने वाले सूबे के सीएम हरीश रावत बुधवार शाम तक अपने बयान से पलट गए। रावत ने पहले चीन के सैनिकों की घुसपैठ की खबर की पुष्टि की थी। अब उनका कहना है कि चीन के सैनिक अपने इलाके में थे।

सीएम रावत ने क्या कहा?

सीएम रावत ने कहा कि जब सरकारी अफसर सीमा क्षेत्र की जांच-पड़ताल के लिए गए, तो उन्होंने देखा कि अपने इलाके में चीन के सैनिकों की तादाद काफी ज्यादा है। ऐसा पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि ये चिंताजनक है। इस मामले में मुझे लगता है कि केंद्र सरकार जरूरी कदम उठाएगी। इससे पहले रावत ने कहा था कि चीन के सैनिकों की घुसपैठ की खबर सही है। सेंट्रल एजेंसीज और आर्मी को भी इसकी जानकारी है, अच्छी बात ये है कि चीनी सैनिकों ने एक महत्वपूर्ण नाले को नहीं छुआ। मगर फिर भी उनकी सक्रियता ज्यादा है।

ये भी पढ़ें ...केजरीवाल ने कहा- मोदी सरकार हमें मरवा सकती है, AAP रहे तैयार

किसने देखा ?

सीएम हरीश रावत ने बताया था कि उत्तराखंड सरकार के अधिकारी अपनी रेवेन्यू लैंड को नापने के लिए वहां गए थे। उन्होंने वहां चीनी सैनिकों की गतिविधियों को देखा। इसके बाद इन अफसरों ने तुरंत इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी।

साल में तीन बार होता है क्षेत्र का निरीक्षण

बताया जाता है कि बाड़ाहोती तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है। जोशीमठ से 103 किमी दूर मलारी होते हुए रिमखिम तक सड़क से पहुंचा जाता है। इसके बाद आठ किलोमीटर पैदल चलने के बाद बाड़ाहोती आता है। प्रशासनिक टीम इस इलाके का साल में तीन बार निरीक्षण करती है। यह निरीक्षण दो बार गर्मियों और एक बार सर्दी में होता है।

ये भी पढ़ें ...POK में सड़कों पर उतरी जनता,PM नवाज पर लगाया चुनाव में धांधली का आरोप

19 जुलाई का मामला

सूत्रों की मानें तो 19 जुलाई को निरीक्षण दल रिमखिम से आगे बढ़ा तो बाड़ाहोती के पास उन्हें कुछ चीनी सैनिक नजर आए। चीनी सैनिकों ने भारतीय दल को वापस लौटने का इशारा किया। रिमखिम लौटने पर भारतीय दल ने आइटीबीपी और बाकी बड़े अफसरों को जानकारी दी।

घुसपैठ का यह पहला मामला नहीं

गौरतलब है कि बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों की घुसपैठ का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल भी यहां आए कुछ चरवाहों से चीनी सैनिकों ने मारपीट की थी। हाल के सालों में चीन की ओर से इस तरह के कई मामले सामने आए हैं।

ये भी पढ़ें ...MODI के काम का साइड इफेक्ट, केंद्र में IAS अफसरों की हो सकती है कमी

Next Story