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Uttarkashi Tunnel Accidnet: रेस्क्यू ऑपरेशन का आज पांचवां दिन, थाईलैंड की कंपनी से मांगी गई मदद

Uttarkashi Tunnel Accidnet: टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब थाईलैंड की कंपनी से मदद मांगी गई है। गुरूवार शाम या रात तक श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा।

Krishna Chaudhary
Published on: 16 Nov 2023 4:10 AM GMT
Uttarkashi Tunnel Accidnet (Photo : Social Media)
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Uttarkashi Tunnel Accidnet (Photo : Social Media) 

Uttarkashi Tunnel Accidnet Update. उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का आज यानी गुरूवार 16 नवंबर को पांचवां दिन है। बीते 100 घंटे से 40 मजदूर टनल के अंदर फंसे हुए हैं। बचाव अभियान में जुटी टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घटनास्थल पर अत्याधुनिक मशीनें पहुंचाई गई हैं। जैसे-जैसे समय बीत रहा श्रमिकों के परिजनों का धैर्य टूटने लगा है। बुधवार को टनल के बाहर उन्होंने बड़ा विरोध-प्रदर्शन किया था।

दरअसल, रविवार 12 नवंबर को सुबह चार बजे चारधाम परियोजना के तहत ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही एक निर्माणधीन टनल धंस गई थी, जिसके अंदर 40 श्रमिक फंसे हुए हैं। अंदर फंसे हुए मजदूर विभिन्न राज्यों के हैं, जिनमें सबसे अधिक झारखंड के हैं। श्रमिकों को पाइप की मदद से भोजन, पानी और ऑक्सीजन अंदर पहुंचाया जा रहा है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना को भी किया गया शामिल

टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब सेना को भी शामिल कर लिया गया है। ऐसा प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर हुआ है। अब सेना अपनी भारी मशीन से ड्रिलिंग का काम करेगी। सेना का मालवाहक विमान हरक्यूलिस बुधवार को मशीन लेकर चिन्यालीसौर हैलीपेड पहुंचा। यहां से मशीन सिलक्यारा लाई जा चुकी है। बता दें कि मजदूरों को बाहर निकालने के लिए नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ और नेशनल हाईवे की 200 ज्यादा लोगों की टीम पिछले 4 दिनों से 24 घंटे लगी हुई है।


थाईलैंड की कंपनी से मांगी गई मदद

बचाव अभियान के दौरान बढ़ रही चुनौतियों को देखते हुए अब सरकार ने विदेशी कंपनियों से भी सहयोग लेने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने सबसे पहले थाईलैंड की उस कंपनी से संपर्क किया है, जिसने 2018 में एक सफल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी थीं। दरअसल, उस साल थाईलैंड की एक गुफा में जूनियर फुटबॉल टीम के 12 बच्चे फंस गए थे, जिन्हें 2 हफ्ते तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में सुरक्षित बाहर निकाला गया था। जानकारी के मुताबिक, नॉर्वेजियन जियोटेक्नीकल इंस्टीट्यूट के सॉइल-रॉक एक्सपर्ट्स से भी मदद मांगी गई है।


कब तक बाहर आने की उम्मीद ?

रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे अधिकारियों ने बताया कि टनल के अंदर फंसे मजदूर 100 फीसदी सुरक्षित हैं। बुधवार को दो लोगों की तबियत थोड़ी बिगड़ी थी, जिन्हें दवा पाइप के जरिए पहुंचाई गई थी। वे अब ठीक हैं। उनका कहना है कि आज यानी गुरूवार शाम या रात तक सभी श्रमिक सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे। दरअसल, बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचे श्रमिकों के परिजों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि उन्हें टनल के अंदर जाने दिया जाए, वे उन्हें निकाल लाएंगे। इसको लेकर वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों से उनकी झड़प भी हुई।


किस राज्य के कितने मजदूर हैं फंसे

उत्तराखंड स्टेट डिजाजस्टर मैनेजमेंट के अनुसार, टनल में सबसे अधिक झारखंड के 15 मजदूर फंसे हुए हैं। इसके बाद यूपी के 8, ओडिशा के पांच, बिहार के 4, बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल के एक मजदूर फंसे हुए हैं। झारखंड सरकार ने अपने यहां के श्रमिकों की मदद के लिए एक तीन सदस्यीय दल को उत्तरकाशी भेजा है।

Krishna Chaudhary

Krishna Chaudhary

Content Writer

Krishna Chaudhary having four year experience of working in different positions during his Journalism. Having Expertise to create content in Politics, Crime, National and International Affiars.

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