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तो ये बचा रहा कोरोना से भारतीयों की जान, शोध में सामने आया इम्यूनटी का राज
कोरोना से जब पूरी दुनिया जूझ रही है तो भारत अब भी बहुत बेहतर स्थिति में है। आंकडों की मानें तो भारत में 10 लाख में 15, रुस में 72, ब्राजील में 308 और....
नई दिल्ली: कोरोना से जब पूरी दुनिया जूझ रही है तो भारत अब भी बहुत बेहतर स्थिति में है। आंकडों की मानें तो भारत में 10 लाख में 15, रुस में 72, ब्राजील में 308 और अमरीका में 402 मौत हुई है। भारत में मृत्यु दर तीन प्रतिशत से कम यानी 2.9 फीसदी है जबकि रुस, ब्राजील, अमरीका और यूरोप में 10 प्रतिशत से ज्यादा है। कोरोना की लड़ाई में भारत कहीं बेहतर स्थिति में है।
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सेल का पावरहाउस बना भारतीयों का सेफगार्ड
भारत के लोगों में कोरोना के प्रति बेहतर इम्यूनटी का राज अब खुल चुका है। बीएचयू में हुए एक शोध में पता चला है कि भारतीयों के सेल यानी कोशिकाओं में माइटोकांड्रिया ही भारतियों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जीत दिला रहा है। माइटोकांड्रिया को पावरहाउस ऑफ सेल कहा जाता है। कोरोना जब हमला करता है तो माइटोकांड्रिया पर ही हमला करता है।
वनवासी भारतीय सबसे ज्यादा सुरक्षित बीएचयू के डॉक्टर ज्ञानेश्वर चौबे ने अपने शोध में साबित किया है कि जिन देशों में कम कोरोना से मृत्युदर और रिकवरी रेट ज्यादा है वहां के माइटोकांड्रिया डीएनए में एम-हेप्लोग्रुप माइटोकांड्रिया पाया गया। यही माइटोकांड्रिया चीन और पूर्वी एशियाई देशों के लोगों सहित 70 फीसदी भारतीयों में भी पाया गया है।
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इसी स्टडी में पता चला है कि इस तरह के माइटोकांड्रिया सबसे ज्यादा वनवासी भारतीयों में पाए जाते हैं। वनवासी भारतीयों में इस तरह के माइटोकांड्रीया का प्रतिशत 90 है। वहीं पश्चिमी भारत में 50 फीसदी, उत्तरी व दक्षिणी भारत में 70 फीसदी इस तरह के माइटोकांड्रिया पाए गये हैं। अब ये रिसर्च इंटरनेशनल जर्नल फ्रंटियर्स इन जेनेटिक्स में प्रकाशित किया जाएगा।
ये कर लिया तो कोरोना खत्म
प्रोफेसर चौबे के शोध से ये स्पष्ट हुआ है कि कोरोना वायरस माइटोक्रांडिया पर ही सबसे घातक वार करता है। इसी तरह एक अन्य शोध में अलबामा विश्वविद्यालय के डाक्टर जेक चेन और बिरला इंस्टीट्यूट राजस्थान के डॉक्टर प्रशांत सुरावंझाला के शोध ने भी ये साफ कर दिया है कि माइटोकांड्रिया पर होने वाला कोरोना वायरस का वार अगर रोक दिया जाय तो इस बीमारी से ही निजात मिल सकती है। इस संयुक्त रिसर्च को पिछले महीने ही अमेरिकन जर्नल आफ फिजियोलॉजी में पब्लिश किया गया है। यानी माइटोक्रांडिया ही कोरोना वायरस से बचाता है और इस पर होने वाला हमला रोक दिया जाय तो इस बीमारी से दुनिया को पूरी तरह छुटकारा मिल सकता है।
रिपोर्ट: तनवीर फातिमा
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