दादा ने की PM मोदी की तारीफ, लेकिन सवाल बरकरार- 'आखिर मेरा कसूर क्या था?'

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By aman
Published on: 5 March 2017 8:46 AM GMT
दादा ने की PM मोदी की तारीफ, लेकिन सवाल बरकरार- आखिर मेरा कसूर क्या था?
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नई दिल्ली: वाराणसी के दक्षिणी विधानसभा सीट से सात 7 बार के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक श्यामदेव राय चौधरी टिकट काटने से अब भी नाराज हैं। एक खबरिया चैनल से बातचीत में उन्होंने पार्टी से पूछा कि 'आखिर मेरा कसूर क्या था?'

उल्लेखनीय है कि शनिवार (4 मार्च) को पीएम नरेंद्र मोदी जब वाराणसी में रोड शो कर रहे थे तो तो उन्होंने श्यामदेव राय चौधरी (इन्हें दादा के नाम से भी जाना जाता है) का हाथ पकड़ा और मंदिर तक ले गए। हालांकि पीएम के व्यवहार की 'दादा' ने तारीफ की। इस दौरान ये कयास लगाए जा रहे थे कि दादा की नाराजगी कम हुई है लेकिन टीवी चैनल से बातचीत में एक बार फिर उनका दर्द छलका।

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पीएम ने मेरा हालचाल पूछा

चैनल से बातचीत में दादा ने कहा, 'मैं दुखी तो था ही, मैंने पूछा था कि मेरा कसूर क्या है। लेकिन वाराणसी से लखनऊ तक कोई मेरा कसूर तो बता नहीं पाया। प्रधानमंत्री जी यहां से सांसद हैं। कल मैं प्रोटोकॉल के तहत उन्हें रिसीव करने के लिए खड़ा था। इस दौरान उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और कहा, चलिए दादा दर्शन कर आएं। उन्होंने मेरे स्वास्थ का हालचाल भी पूछा।'

पीएम ने नाराजगी कम करने की कोशिश की

श्याम देव राय चौधरी ने आगे कहा, 'मंदिर दर्शन के बाद उन्होंने सभा की। सभा में उनके पास ही मेरी सीट थी। पीएम ने फिर मेरा हाल जाना और शायद मेरी नाराजगी कुछ कम करने की कोशिश की। मेरी समझ से ये उनका कर्तव्य था जो उन्होंने देर से ही सही पूरा किया। लेकिन मेरे मन की पीड़ा का जवाब नहीं मिला।'

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मोदी जी के सम्मान की रक्षा के लिए गया था

दादा ने कहा, 'मैं जनसंघ के वक्त से जुड़ा हूं। पार्टी में मुझे लगभग पचास वर्ष हो गए हैं। मेरे खून में राजनीति है लेकिन अब खून बोलता है। खून बोल रहा है कि आप चुप नहीं बैठिए। कमल ना मुरझाए इसके लिए कुछ कीजिए। मैं कल पीएम के मंच पर कमल को जिताने और मोदी जी से सम्मान की रक्षा के लिए गया था।'

दादा का सवाल अब भी बरकरार

दादा बोले, 'मैं सबसे यही सवाल पूछ रहा हूं कि मेरा कसूर क्या है। मुझसे कहा गया कि जो हुआ आप उसे भूल जाइए। आप को कई और बड़ा सम्मान दिया जाएगा। लेकिन मेरा टिकट क्यों कटा, ये नहीं पता।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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