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पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी कर फंस गए शशि थरुर, कोर्ट में दर्ज हुआ परिवाद

Rishi
Published on: 30 Oct 2018 8:15 PM IST
पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी कर फंस गए शशि थरुर, कोर्ट में दर्ज हुआ परिवाद
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वाराणसी : कांग्रेस नेता शशि थरूर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई उनकी विवादित टिप्पणी के बाद एक ओर जहां बीजेपी हमलावर है तो दूसरी ओर अदालत में भी उन्हें लाने की तैयारी हो रही है। शशि थरूर के खिलाफ वाराणसी कोर्ट में एक परिवाद दाखिल किया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने वाद दाखिल करते हुए कोर्ट से शशि थरुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

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अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी की शिकायत पर एसीजेएम 9 की अदालत ने परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने शशि थरुर के खिलाफ धारा धारा 295 A और धारा 298 के तहत परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके तहत एक साल से लेकर तीन साल तक की सजा हो सकती है। मामले की अगली सुनवाई अब 6 नवंबर को होगी। कमलेश चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक शशि थरुर का बयान हिंदुओँ की आस्था को ठेस पहुंचाने वाला था। उन्होंने अपने राजनीति हित को साधने के लिए भगवान शिव का इस्तेमाल किया।

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क्या कहा था शशि थरुर ने ?

अपने लेखन व किताबों को लेकर बेंगलुरु लिट फेस्ट में हिस्सा लेने गए शशि थरूर ने कहा था कि 'एक असाधारण रूपक है जिसका जिक्र आरएसएस के अनाम सूत्र ने एक जर्नलिस्ट से किया था। मैंने उसका संदर्भ अपनी किताब में दिया है।' थरूर ने कहा, 'उसने कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे उस बिच्छू की तरह हैं, जिसे आप हाथ से हटा नहीं सकते और चप्पल से मार भी नहीं सकते।' उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारे में जमकर हंगामा मचा था। बीजेपी के गिरिराज सिंह और रघुवंश प्रसाद ने थरुर के बयान की निंदा की थी।

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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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