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Varanasi Ropeway Project: काशी को पीएम मोदी की एक और बड़ी सौगात,पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे वाला दुनिया का तीसरा शहर होगा
Varanasi Ropeway Project: दुनिया के पैमाने पर देखा जाए तो बोलीविया की राजधानी लोपाज और मैक्सिको के बाद अब भारत में पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे सेवा शुरू करने की तैयारी है।
Varanasi Ropeway Project: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे को भी काशी से जुड़ा महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट माना जा रहा है। इस परियोजना पर करीब 645 करोड़ की लागत आएगी और यह देश की पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे सेवा होगी। यदि दुनिया के पैमाने पर देखा जाए तो बोलीविया की राजधानी लोपाज और मैक्सिको के बाद अब भारत में पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे सेवा शुरू करने की तैयारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार को इस रोपवे परियोजना की आधारशिला रखने के बाद कैंट स्टेशन पर रोपवे स्टेशन का काम शुरू हो जाएगा। पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 24 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना से काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी और जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
बाबा के भक्तों को होगी काफी सहूलियत
काशी में रोपवे परियोजना के तैयार की गई रूपरेखा के अनुसार पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक चलाने की तैयारी है। इससे बाहर से आने वाले और काशी के श्रद्धालुओं के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर व गंगा घाट तक जाना काफी आसान हो जाएगा। इसके साथ ही जाम की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिल जाएगी।
जानकारों का मानना है कि काशी में रोपवे परियोजना से पर्यटन कारोबार को आने वाले दिनों में जबर्दस्त फायदा मिलेगा। इसके साथ ही रोपवे परियोजना शुरू होने के बाद देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है। काशी में कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही रोडवेज बस अड्डा भी है। इसलिए रोपवे परियोजना से बस यात्रियों को भी काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा घाट तक पहुंचने में काफी सहूलियत होगी।
दुनिया का तीसरा शहर होगा बनारस
कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे के बीच करीब 3.8 किलोमीटर लंबी दूरी तक रोपवे परियोजना को चलाने की तैयारी है। इस परियोजना पर करीब 645 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। काशी से पहले दुनिया में केवल दो शहरों बोलिविया की राजधानी लोपाज और मैक्सिको में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रुप में रोपवे का संचालन किया जा रहा है। इस तरह देश में पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना काशी में शुरू की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 2025 में शुरू करने की तैयारी है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद रोपवे परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने संसदीय क्षेत्र को बड़ा तोहफा माना जा रहा है।
पीएम मोदी दे चुके हैं 51 हजार करोड़ की सौगात
2014 में वाराणसी से सांसद चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं में गहरी दिलचस्पी लेते रहे हैं। पिछले नौ वर्षों के दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र को 51 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की 500 से अधिक विकास परियोजनाओं की सौगात दी है। इन परियोजनाओं के कारण काशी विकास की नई ऊंचाइयों को छूने लगी है।
पीएम मोदी ने काशी के जरिए विकास का नया मॉडल पेश किया है। आने वाले दिनों में रोपवे, आरओबी, फ्लाईओवर और फोरलेन सहित कई योजनाओं के आकार लेने के बाद काशी का स्वरूप और निखरने की उम्मीद जताई जा रही है।
दो साल में पूरी होगी रोपवे परियोजना
जिलाधिकारी एस राजलिंगम का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस परियोजना के शिलान्यास के बाद नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक लिमिटेड जल्द ही काम शुरू कर देगा। परियोजना को पूरा करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया है। जानकारों के मुताबिक एक घंटे के दौरान एक दिशा में करीब तीन हजार लोग यात्रा कर सकेंगे। इसका मतलब है दोनों दिशा से एक घंटे में छह हजार लोग आ-जा सकेंगे। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को रोपवे ट्राली उपलब्ध होगी।
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी का कहना है कि वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन बनाए जाएंगे। परियोजना की रूपरेखा के मुताबिक कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा। हर स्टेशन पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण के साथ तार व पाइप शिफ्टिंग का काम तेजी से किया जा रहा है।
जाम की समस्या से मिलेगी निजात
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल का कहना है कि रोपवे परियोजना के जरिए काशी को जाम की समस्या से निजात दिलाने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि काशी के पुराने इलाकों की सड़कें कम चौड़ी हैं और जबकि यातायात का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जाम की समस्या के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों को भी परेशानी उठानी पड़ती है मगर रोपवे बनने के बाद जाम की समस्या खत्म हो जाएगी।