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Varun Gandhi: आखिर क्या सियासी गुल खिलाने वाले हैं वरुण गांधी, अब मां के साथ अलग पार्टी बनाने की चर्चा
Varun Gandhi: पिछले दिनों वरुण गांधी के कांग्रेस में जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था मगर राहुल गांधी के अलग विचारधारा वाले बयान के बाद इन चर्चाओं पर विराम लग गया था।
Varun Gandhi: भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ बागी तेवर अपना चुके पार्टी सांसद वरुण गांधी के सियासी भविष्य को लेकर अटकलों का दौर जारी है। भाजपा नेतृत्व की ओर से वरुण गांधी के खिलाफ कोई एक्शन तो नहीं लिया गया है मगर अगले लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी का टिकट न मिलना तय माना जा रहा है। ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि आखिर वरुण गांधी आने वाले दिनों में क्या सियासी गुल खिलाने वाले हैं।
पिछले दिनों वरुण गांधी के कांग्रेस में जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था मगर राहुल गांधी के अलग विचारधारा वाले बयान के बाद इन चर्चाओं पर विराम लग गया था। उनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने की चर्चाएं भी जोरों पर सुनी जा रही हैं मगर कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि वरुण गांधी अपनी अलग पार्टी बना सकते हैं। अलग पार्टी के गठन में उन्हें अपनी मां मेनका गांधी का साथ भी मिल सकता है।
वरुण के बागी तेवर से चर्चाएं हुईं तेज
पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने काफी दिनों से भाजपा के खिलाफ बागी तेवर अपना रखा है। वे बीच-बीच में अपने बयानों के जरिए मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करते रहे हैं। मोदी सरकार की ओर से बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समय भी उन्होंने किसानों के प्रति सरकार की नीतियों को लेकर सवाल खड़े किए थे। इसके अलावा कई अन्य मौकों पर भी वे मोदी सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। भाजपा नेतृत्व की ओर से भले ही उनके खिलाफ अभी तक एक्शन न लिया गया हो मगर यह तय माना जा रहा है कि अब पार्टी अगले चुनाव के दौरान उनकी दावेदारी पर विचार नहीं करेगी।
2024 की सियासी जंग नजदीक होने के कारण अब उनके सियासी भविष्य को लेकर राजनीतिक हलकों में खूब चर्चाएं हो रही हैं। नई चर्चाओं में कहा जा रहा है कि वरुण गांधी नए राजनीतिक दल का गठन करके 2024 के चुनाव के दौरान सियासी अखाड़े में कूद सकते हैं। वरुण गांधी के भाजपा विरोधी बयानों पर उनकी मां मेनका गांधी ने अभी तक चुप्पी साधे रखी है और ऐसे में माना जा रहा है कि वरुण गांधी को इस मामले में अपनी मां मेनका गांधी का साथ भी हासिल हो सकता है।
वरुण के सामने क्या हैं विकल्प
सियासी जानकारों का मानना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए वरुण गांधी के सामने तीन विकल्प हैं। इनमें पहला विकल्प कांग्रेस में शामिल होने का है। वैसे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की विचारधारा को वरुण गांधी से अलग बता चुके हैं मगर वरुण के प्रियंका गांधी के संपर्क में बने रहने की बात भी सामने आई है।
सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी लगातार वरुण गांधी के संपर्क में बनी हुई हैं और दोनों के बीच विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान होता रहता है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि वरुण गांधी की कांग्रेस में एंट्री के दरवाजे अभी पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं। प्रियंका के जरिए उनकी अभी भी कांग्रेस में एंट्री की संभावनाएं बनी हुई हैं।
वरुण गांधी के बारे में दूसरी चर्चा समाजवादी पार्टी में शामिल होने की है। वरुण गांधी कई बार समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काम की तारीफ कर चुके हैं। पिछले दिनों शिवपाल यादव ने भी बयान दिया था कि वे भाजपा को हराने की मंशा रखने वाले नेताओं का पार्टी में स्वागत करेंगे। हालांकि अभी तक इस दिशा में बातचीत की कोई बात सामने नहीं आई है।
अलग पार्टी की चर्चा ने पकड़ी तेजी
ऐसे में कुछ सूत्रों की ओर से दावा किया जा रहा है कि वरुण गांधी अपनी अलग पार्टी बना कर किस्मत आजमाने के लिए सियासी अखाड़े में कूद सकते हैं। चुनाव लड़ने की स्थिति में उन्हें अन्य विपक्षी दलों का समर्थन भी हासिल हो सकता है। जानकारों का कहना है कि वरुण गांधी की ओर से इस दिशा में जल्द ही कदम उठाया जा सकता है। इस मामले में उन्हें अपनी मां मेनका गांधी का समर्थन भी हासिल हो सकता है क्योंकि मेनका गांधी भी इन दिनों पार्टी में हाशिए पर हैं। वैसे वरुण गांधी ने अभी तक अपने सियासी पत्ते नहीं खोले हैं। 2024 की सियासी जंग नजदीक आने के साथ ही वरुण गांधी के भावी कदमों पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।