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Vice President Election 2022: एकतरफा मुकाबले में धनखड़ की जीत तय, 65 फीसदी मत मिलने की उम्मीद

Vice President Election 2022: देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए कल होने वाले मतदान में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की जीत तय मानी जा रही है। विपक्ष की ओर से धनखड़ के खिलाफ कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा को चुनाव मैदान में उतारा गया है मगर चुनावी जंग को महज औपचारिकता माना जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 5 Aug 2022 12:20 PM IST
Vice President Election
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Vice President Election 2022 (image social media)

Vice President Election 2022: देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए कल होने वाले मतदान में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की जीत तय मानी जा रही है। विपक्ष की ओर से धनखड़ के खिलाफ कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा को चुनाव मैदान में उतारा गया है मगर चुनावी जंग को महज औपचारिकता माना जा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा में अपने सांसदों की ताकत के बल पर भाजपा अकेले धनखड़ को चुनाव जिताने में सक्षम है जबकि पार्टी को कई विपक्षी दलों का समर्थन भी हासिल हो गया है।

संसद में मजबूत स्थिति वाली तृणमूल कांग्रेस ने मतदान से दूर रहने की घोषणा कर दी है जबकि शिवसेना में फूट का फायदा भी धनखड़ को मिलना तय है। बसपा मुखिया मायावती ने भी गुरुवार को धनखड़ को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। कुल मिलाकर मुकाबला पूरी तरह एकतरफा हो गया है और धनखड़ को 65 फ़ीसदी से अधिक वोट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

प्रतीकात्मक रह गई है विपक्ष की लड़ाई

नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए शनिवार को संसद भवन में सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा मतदान खत्म होने के बाद तुरंत मतगणना का काम शुरू हो जाएगा और माना जा रहा है कि देर शाम तक नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। इस चुनाव में विपक्ष की लड़ाई सिर्फ प्रतीकात्मक ही रह गई है क्योंकि धनखड़ काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं। उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही मतदान करते हैं। इस चुनाव में मनोनीत सांसदों को भी मतदान करने का अधिकार हासिल होता है। इस चुनाव में राज्यों की विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य मतदान नहीं करते।

उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को कांग्रेस, एनसीपी, माकपा, भाकपा, सपा, टीआरएस, राजद, झामुमो और डीएमके सहित 17 दलों का समर्थन हासिल है। दूसरी ओर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के उम्मीदवार धनखड़ को 20 दलों का समर्थन हासिल है। लोकसभा और राज्यसभा में एनडीए की ताकत को देखते हुए धनखड़ की जीत पहले ही तय मानी जा रही है।

क्यों मजबूत स्थिति में हैं धनखड़

उपराष्ट्रपति चुनाव के समीकरण को देखा जाए तो लोकसभा में भाजपा के पास 303 सांसदों की ताकत है जबकि राज्यसभा में भी पार्टी के 91 सदस्य हैं। लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा की ताकत को देखते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए यह संख्या काफी है। इसके साथ है कि एनडीए उम्मीदवार धनखड़ को बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, बसपा और टीडीपी ने भी समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

इन दलों के मिलाकर दोनों सदनों में 67 सदस्य हैं जबकि एनडीए को शिवसेना में हुई बगावत का बड़ा फायदा मिलेगा। जानकारों का मानना है कि शिवसेना के बागी गुट से करीब 13 सांसदों का भाजपा को समर्थन मिलना तय माना जा रहा है। इस तरह यदि इन सभी सांसदों के वोट जोड़े जाएं तो धनखड़ को 65 फ़ीसदी से अधिक वोट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

टीएमसी ने दिया सबसे बड़ा झटका

विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को सबसे बड़ा झटका तृणमूल कांग्रेस के फैसले से लगा है। तृणमूल कांग्रेस ने मतदान से विरत रहने का फैसला किया है जबकि दोनों सदनों में मिलाकर तृणमूल कांग्रेस के पास 35 सांसदों की ताकत है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी का कहना है कि पार्टी से सलाह मशवरा किए बग़ैर जिस तरह विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को घोषित किया गया।

उसे देखते हुए पार्टी ने मतदान से विरत रहने का फैसला किया है इस चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की जीत तो पहले ही तय मानी जा रही थी मगर विपक्ष ने एकजुटता दिखाने का मौका भी गंवा दिया है। मार्गरेट अल्वा की ओर से ममता से पुनर्विचार की भी अपील की गई थी मगर ममता ने उसे कोई महत्व नहीं दिया।

झामुमो का विरोध, फिर भी धनखड़ मजबूत

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने वाले झामुमो ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को समर्थन देने की घोषणा की है। झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन की ओर से इसके लिए सभी सांसदों को निर्देश जारी किया गया है। सोरेन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सम्यक विचार के बाद पार्टी ने मार्गरेट अल्वा को समर्थन देने का फैसला किया है।

झामुमो का यह रुख पहले से ही तय माना जा रहा था। वैसे झामुमो के फैसले के बाद भी झारखंड में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का ही पलड़ा भारी रहेगा। झारखंड से लोकसभा के 14 और राज्यसभा के 6 सांसदों को मिलाकर कुल 20 सांसद मतदान में हिस्सा लेंगे। इनमें एनडीए के सांसदों की संख्या 15 है और झामुमो व कांग्रेस को मिलाकर सिर्फ पांच सांसद है।

मायावती का भी मिला समर्थन

ममता के अलावा बसपा मुखिया मायावती ने भी विपक्ष को करारा झटका दिया है। बसपा मुखिया मायावती ने एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन देने का ऐलान किया है। बसपा मुखिया ने इस बाबत किए गए अपने ट्वीट में कहा है कि व्यापक जनहित और अपने मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए हमने एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन देने का फैसला किया है। इससे पहले राष्ट्रपति के चुनाव में भी मायावती ने एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था।



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Prashant Dixit

Prashant Dixit

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