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Vice President election 2022: अब उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मुश्किल में फंसे उद्धव, शिंदे गुट फिर हावी

Vice President election 2022: शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे को याद दिलाया 2005 में नारायण राणे की बगावत के समय उम्मीदवार मार्गरेट आल्वा ने क्या भूमिका निभाई थी।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 20 July 2022 5:52 AM GMT
uddhav thackeray
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Uddhav Thackeray (photo: social media )

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Vice President election 2022: महाराष्ट्र में शिंदे गुट की बगावत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ( uddhav thackeray) की सियासी दिक्कतों का अंत होता नहीं दिख रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना (Shiv sena) सांसदों के दबाव के चलते उद्धव एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए मजबूर हो गए थे। अब शिंदे गुट ने 2005 के नारायण राणे प्रकरण की याद दिलाकर एक बार फिर उद्धव को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। शिवसेना के नेता और सांसद संजय राउत पहले ही कह चुके हैं कि उपराष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) का समर्थन करेगी।

दूसरी ओर शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे को याद दिलाया है कि 2005 में नारायण राणे की बगावत के समय उपराष्ट्रपति पद की विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट आल्वा ने क्या भूमिका निभाई थी। लोकसभा में शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले का कहना है कि उस समय महाराष्ट्र कांग्रेस की प्रभारी मार्गरेट अल्वा ने नारायण राणे को कांग्रेस में शामिल कराने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। ऐसे में शिंदे गुट ने मार्गरेट अल्वा को शिवसेना के समर्थन पर सवाल उठाए हैं।

शिवसेना मार्गरेट अल्वा के समर्थन में

वैसे उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की राह काफी आसान मानी जा रही है क्योंकि भाजपा के पास उन्हें अपने दम पर जिताने की ताकत है। हालांकि भाजपा को संसद में अपने सहयोगी दलों के साथ ही कई और क्षेत्रीय दलों का समर्थन भी मिल रहा है। ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष में किसी कड़े मुकाबले की कोई उम्मीद नहीं है मगर महाराष्ट्र में शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे पर एक बार फिर एनडीए उम्मीदवार धनखड़ के समर्थन का दबाव बढ़ा दिया है।

हालांकि एनसीपी मुखिया शरद पवार के घर हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद संजय राउत मार्गरेट अल्वा को शिवसेना के समर्थन की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। शिंदे गुट ने 17 साल पहले हुए नारायण राणे प्रकरण की याद दिलाकर उद्धव ठाकरे पर दबाव बढ़ाया है।

नारायण राणे प्रकरण में मार्गरेट की बड़ी भूमिका

शिवसेना के विधायकों की बगावत के बाहर अब 12 सांसद भी शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने इस गुट को मान्यता भी दे दी है। लोकसभा में शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले ने एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को शिंदे गुट के समर्थन की घोषणा भी कर दी है। शेवाले ने शिवसेना नेताओं को याद दिलाया है कि 2005 में महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी के रूप में विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने शिवसेना के साथ किस तरह अन्याय किया था।

महाराष्ट्र की सियासत में मजबूत नेता माने जाने वाले नारायण राणे ने 2005 में शिवसेना से बगावत करके कांग्रेस का दामन थाम लिया था। शेवाले ने कहा कि नारायण राणे को उकसाने और उन्हें कांग्रेस में शामिल कराने में मार्गरेट अल्वा और प्रभा राव ने बड़ी भूमिका निभाई थी। नारायण राणे को कांग्रेस में आने पर मुख्यमंत्री बनाने तक का वादा किया गया था।

उद्धव ठाकरे पर बढ़ा दबाव

नारायण राणे ने 2005 में शिवसेना के सात विधायकों के साथ बगावत की थी। बाद में हुए उपचुनाव में इनमें से छह विधायक जीतने में कामयाब रहे थे। इन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी। बाद में राणे को राज्य का राजस्व मंत्री भी बनाया गया था। शेवाले ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के सामने नारायण राणे की मजबूत नेता की छवि बनाने में मार्गरेट अल्वा और प्रभा राव ने ही बड़ी भूमिका निभाई थी। हालांकि बाद में नारायण राणे की तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के साथ लंबे समय तक पटरी नहीं बैठ सकी।

शेवाले ने कहा कि इस तरह मार्गरेट अल्वा ने महाराष्ट्र में शिवसेना को काफी नुकसान पहुंचाया था। ऐसे में शिवसेना को मार्गरेट अल्वा के समर्थन पर फैसला लेने से पहले नारायण राणे प्रकरण की याद जरूर करनी चाहिए। शिंदे गुट ने नारायण राणे के प्रकरण की याद दिलाकर उद्धव ठाकरे की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ा दी हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी काफी वक्त है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में उद्धव ठाकरे पर दबाव और बढ़ेगा।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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