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Sunil Kedar: विदर्भ में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका! अब पूर्व मंत्री सुनील केदार की विधानसभा सदस्यता रद्द, जानिए क्या है मामला
Sunil Kedar: नागपुर पुलिस की ओर से विधानसभा सचिवालय को केदार को सजा सुनाए जाने की सूचना भेजने के साथ अदालत का आदेश भी भेजा गया था।
Sunil Kedar: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सुनील केदार को नागपुर के बहुचर्चित जिला बैंक घोटाला मामले में 5 साल की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के बाद महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुनील केदार की विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी है। केदार को सजा सुनाए जाने और उसके बाद उनकी विधायकी रद्द किए जाने के कदम को विदर्भ में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। नागपुर पुलिस की ओर से विधानसभा सचिवालय को केदार को सजा सुनाए जाने की सूचना भेजने के साथ अदालत का आदेश भी भेजा गया था। अदालत का आदेश मिलने के बाद केदार की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का बड़ा कदम उठाया गया है।
पांच साल की सजा के साथ जुर्माना
दरअसल नागपुर की विशेष अदालत ने बहुचर्चित जिला बैंक घोटाला मामले में सुनील केदार और पांच अन्य को सजा सुनाए जाने के साथ ही साढ़े 12 लाख रुपए का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया था। इससे एक दिन पहले 150 करोड़ के बैंक घोटाले में विशेष अदालत ने सावनेर से कांग्रेस विधायक सुनील केदार और पांच अन्य को दोषी ठहराया था। इस मामले में सबूतों के अभाव में तीन अन्य आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया था। इस मामले में दायर चार्जशीट में सुनील केदार और 11 अन्य आरोपियों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।
150 करोड़ रुपए का है घोटाला
सुनील केदार महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इस मामले में करीब दो दशक बाद महत्वपूर्ण फैसला आया है। 2002 में जब 150 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था,तब कांग्रेस नेता सुनील केदार बैंक के अध्यक्ष थे। सीआईडी के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी हैं। इस मामले में 22 नवंबर 2002 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी। तभी से विभिन्न कारणों से मामले की सुनवाई टलती रही और इतने लंबे समय बाद अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सुनील केदार को सजा सुना दी है।
विदर्भ में कांग्रेस को बड़ा झटका
सुनील केदार को सजा और उनकी विधायकी रद्द किए जाने के कदम को विदर्भ में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। विदर्भ की राजनीति में सुनील केदार का लंबे समय से दबदबा रहा है। नागपुर में जिला स्तर की राजनीति पर भी उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती रही है। जिला परिषद और नगर परिषद में भी वे अपनी ताकत दिखा चुके हैं। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की तगड़ी घेरेबंदी के बावजूद सुनील केदार जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे।
कांग्रेस ने बोला भाजपा पर हमला
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस मामले में कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। जब भाजपा के विधायकों को सजा होती है तो उनकी विधायक की रद्द करने में काफी वक्त लिया जाता है जबकि विपक्ष के सदस्य की विधायकी रद्द करने में जल्दबाजी दिखाई जाती है। दूसरी ओर राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि विधायक की रद्द करने के मामले में नियमानुसार कार्रवाई की गई है। उन्होंने इस मामले में आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है।