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हिमाचल चुनाव 2017: विद्या स्टोक्स के लिए कोटखाई गैंगरेप मर्डर बना 'नासूर'
शिमला : हिमाचल की राजनीति में यदि विद्या स्टोक्स का नाम न हो तो लगता नहीं की कोई बात हो रही है। सूबे की सिंचाई मंत्री अपनी ईमानदारी के लिए पहचानी जाती है। ठियोग कुमारसेन विद्या के नाम से पहचाना जाता है। विद्या के ससुर सत्यानंद स्टोक्स अमेरिका से भारत आए और शिमला के होकर रह गए। हिमाचल में सेब लाने का श्रेय इन्हें ही जाता है। सत्यानंद शिमला के जाने माने समाजसेवी थे। विद्या ने राजनीति में उनके नाम पर ही सफलता अर्जित की। इस बार 89 वर्ष की विद्या अपना अंतिम चुनाव लड़ रहीं हैं। लेकिन उनका ये चुनाव जीत पाना मुश्किल नजर आ रहा है।
ये बात विद्या को भी अच्छी तरह पता है। और वो बार-बार कह भी रही हैं कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। विद्या चाहती हैं कि सीएम वीरभद्र सिंह ठियोग से चुनाव लड़ें। लेकिन सीएम साहेब भी हिम्मत नहीं जुटा पाए। वीरभद्र ने शुक्रवार को अर्की से नामांकन भर दिया।
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अब विद्या को ठियोग से चुनावी वैतरणी पार करनी है। कोटखाई गैंगरेप मर्डर ठियोग विधायक विद्या स्टोक्स के लिए गले की फ़ांस बन चुका है। इलाके में उनका विरोध चरम पर है।
जनता के गुस्से को विरोधी दल भुना स्टोक्स को किनारे लगाने का प्लान बना चुके हैं। बीजेपी ने राकेश वर्मा तो माकपा ने राकेश सिंघा को मैदान में उतारा है। विद्या भले ही सिटिंग विधायक हों लेकिन वर्मा और सिंघा ने उनकी ऐसी घेराबंदी कर दी है कि उनका हारना लगभग तय है।