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ED officer Arrested: तमिलनाडु के मदुरै में ईडी दफ्तर पर विजिलेंस का छापा, तलाशी के बाद वापस लौटी टीम
ED officer Arrested:पूरा मामला ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को एक डॉक्टर से 20 लाख रूपये का रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचने से जुड़ा हुआ है।
ED officer Arrested: नेताओं, नौकरशाहों और कारोबारियों के ठिकानों पर अक्सर अचानक रेड मारकर सनसनी मचाने वाली ईडी अब खुद निशाने पर है। तमिलनाडु के मदुरै में स्थित प्रवर्तन निदेशालय के उप-जोनल कार्यालय पर विजिलेंस ने छापेमारी की। पूरा मामला ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को एक डॉक्टर से 20 लाख रूपये का रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचने से जुड़ा हुआ है। तिवारी को गिरफ्तार करने के बाद तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) के अधिकारी मदुरै स्थित एजेंसी के दफ्तर तलाशी के लिए पहुंचे।
ताजा जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु विजिलेंस के अधिकारी अभी-अभी तलाशी खत्म कर ईडी दफ्तर से लौटे हैं। DVAC की ओर से फिलहाल इस कार्रवाई पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। दरअसल, एक दिसंबर की शाम को तमिलनाडु पुलिस ने डिंडीगुल-मदुरै हाईवे पर ईडी अधिकारी अंकित तिवारी की कार का 8 किमी तक पीछा कर उसे गिरफ्तार किया था। आरोपी को 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने इसके बाद डिंडीगुल स्थित उसके घर पर भी छापेमारी की।
कुछ और ईडी अधिकारियों के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई
तमिलनाडु पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अंकित तिवारी प्रवर्तन विभाग के मदुरै कार्यालय में प्रवर्तन अधिकारी के रूप में कायर्रत हैं। विजिलेंस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में मदुरै और चेन्नई के कार्यालय में तैनात कई और अधिकारी भी शामिल हैं। उनके खिलाफ सबूत इकट्ठा किया जा रहा है, जिसके बाद उनपर भी एक्शन होगा। जांच में पता चला है कि तिवारी लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे करोड़ों की उगाही कर रहा था। वह रिश्वत में मिले इन पैसों को ईडी के अन्य अधिकारियों के बीच भी बांटता था। विजिलेंस की टीम ने इसी सिलसिले में मदुरै स्थित एजेंसी के दफ्तर पर छापा मारा था।
तमिलनाडु कांग्रेस प्रमुख की प्रतिक्रिया
ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को रिश्वत मामले में गिरफ्तार करने पर तमिलनाडु कांग्रेस के प्रमुख केएस अलागिरी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राज्य पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस को मिली जानकारी और शिकायत के आधार पर वे प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में जांच करने गए थे। अगर वह (अंकित तिवारी) निर्दोष थे तो उनका सामना कर सकते थे और उस समय भाग क्यों गए?
दरअसल, विपक्षी राज्यों की तरह तमिलनाडु में भी केंद्रीय एजेंसियों खासकर ईडी की सक्रियता केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव का बड़ा मुद्दा है। प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर सत्तारूढ़ डीएमके के कई नेता हैं, उनमें से कुछ सीएम स्टालिन के करीबी भी हैं। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री सेंथिल बालाजी नौकरी के बदले कैश घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में महीनों से सलाखों के पीछे हैं। पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।