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गुजरात में अब रुपानी राज, बने 16वें CM, शामिल हुए 25 नए मंत्री
अहमदाबाद: आनंदीबेन के इस्तीफे के बाद विजय रुपानी ने रविवार को गुजरात के 16वें सीएम के रूप में शपथ ली। वहीं डिप्टी सीएम के रूप में नितिन पटेल ने शपथ ली। गवर्नर ओपी कोहली ने विजय रुपानी और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाई। रविवार दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर गांधीनगर में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
-आनंदीबेन पटेल के बाद गुजरात में नितिन पटेल का नाम जोरों से चर्चा में आ रहा था।
-शुक्रवार को अचानक विजय रुपानी के नाम की घोषणा कर दी गई थी।
-रुपानी के नाम को लेकर अमित शाह और आनंदीबेन पटेल के बीच नोक-झोंक भी हुई थी।
-विजय रुपानी कैबिनेट में कुल 25 मंत्री बनाए गए हैं।
-इसमें 8 मंत्री पटेल समुदाय के बनाए गए हैं।
-वहीं रजनी पटेल, सौरभ पटेल, रमन बोरा को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया है
रुपानी और नितिन के अलावा 25 मंत्रियों ने ली शपथ
शंकर चौधरी, प्रदीपसिंह जडेजा, जयंतीभाई कवाड़िया, नानुभाई वानाणी, पुरुषोत्तम सोलंकी, जशाभाई बारड, वचूभाई खावड, जयद्रथसिंह परमार, ईश्वर पटेल, वल्लभ काकड़िया, राजेंद्र त्रिवेदी, केशाजी चौहाण, रोहित पटेल, वल्लभ वघासिया, निर्मला बाधवानी, शब्दसरन तडवी,भूपेंद्र सिंह चुड़ासमा, पूर्व स्पीकर गणपत वसावा, चिमन सापरिया, बाबू बोकारिया, आत्माराम परमार, दिलीप ठाकोर, जयेश रादाड़िया।
नए सीएम रूपानी
-नए सीएम के रूप में चुने गए रूपानी को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी, दोनों का करीबी माना जाता है।
-वह जैन समाज से हैं रूपानी राजकोट से हैं।
-रुपानी बचपन से ही छात्र राजनीति में जुड़े थे।
-इमरजेंसी के दौरान वे जेल में भी रहे।
कौन हैं गुजरात के नए डिप्टी सीएम नितिन पटेल
-नितिन पटेल उत्तरी गुजरात के कड़वा पटेल नेता हैं। नितिन की छवि जमीनी नेता की रही है।
-90 के दसक में लगातार मंत्री रहे। वह अब तक सिर्फ एक बार 2002 में ही चुनाव हारे हैं।
-जब गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार थी तब वह शहरी विकासमंत्री और वित्तमंत्री रहे।
-गुजरात कैबिनेट में उनकी नंबर 2 पोजीशन थी। कहने को वह आनंदीबेन पटेल सरकार में स्वास्थ्यमंत्री थे लेकिन सरकार के प्रवक्ता वही थे।
-आनंदीबेन की ही तरह वे उत्तरी गुजरात से पटेल नेता हैं।
-नितिन उस समिति के प्रमुख थे जिसने पाटीदार आंदोलन के बाद सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आरक्षण के मसले पर पाटीदार नेताओं से बातचीत की थी।
-वह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और आनंदीबेन पटेल दोनों के करीबी माने जाते हैं।