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इस गांव में है 450 हिंदू परिवार, अकेले मुस्लिम को चुना सरपंच, पेश की मिसाल

Dharmendra kumar
Published on: 8 Dec 2018 5:37 PM IST
इस गांव में है 450 हिंदू परिवार, अकेले मुस्लिम को चुना सरपंच, पेश की मिसाल
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आज यानी शनिवार को पंचायत चुनाव के आठवें चरण का मतदान संपन्न हुआ। 2,600 से अधिक मतदान केन्द्रों पर शनिवार को लोगों ने वोट डाले। यह चुनाव कुल नौ चरणों में होना है। अधिकारियों ने बताया कि 2,633 मतदान केन्द्रों पर सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ। इनमें से 550 कश्मीर संभाग में और 2083 मतदान केन्द्र जम्मू संभाग में हैं। उन्होंने बताया कि 361 मतदान केन्द्रों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। लेकिन इस पंचायत चुनाव में लोगों ने भाईचारे की एक मिसाल पेश की है।

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450 हिंदू परिवारों में है अकले मुस्लिम परिवार

जम्मू के भद्रवाह शहर में हिंदुओं की बहुलता वाले एक गांव ने सांप्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारे की मिसाल पेश की है। हिंदुओं ने गांव के एकमात्र मुस्लिम परिवार के मुखिया को निर्विरोध अपना पंच चुना है। 54 साल के चौधरी मोहम्मद हुसैन मवेशी पालने वाले परिवार से आने वाले एक गुज्जर हैं। हुसैन हंगा पंचायत के भेलन-खरोठी गांव के पंच चुने गए हैं।

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सबसे दिलचस्प बात है कि गांव में रहने वाले 450 परिवारों में हुसैन का परिवार एकमात्र मुस्लिम परिवार है। वह अपनी बीवी, पांच बेटों और बहू के साथ रहते हैं जबकि उन्होंने अपनी चारों बेटियों की शादी कर दी है। गांव के 57 साल के एक ग्रामीण धुनी चंद ने बताया, ध्रुवीकृत और सांप्रदायिक आधार पर चीजों को देखने वाले समाज में यह अजीब लग सकता है, लेकिन हमें अपने साझा भाईचारे पर नाज है।

'एकजुटता को नहीं होने देंगे खत्म'

उन्होंने कहा कि हुसैन उनके समुदाय की सर्वसम्मत पसंद हैं। उनका समुदाय सौहर्द्रपूर्ण सहअस्तित्व और भाईचारे के लिए एक मिसाल पेश करना चाहता था, जो हमारे देश की ताकत है। चंद ने कहा, ध्रुवीकरण और धर्म के नाम पर मतभेद की बातें हमारे उस विश्वास को डगमगा नहीं सकीं कि हम एक ही परिवार का हिस्सा हैं। अगर इतने साल में यह हमारी एकजुटता को खत्म नहीं कर पाया है तो यह अब कभी नहीं होगा।

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गांव के युवा भी इस फैसले से बेहद खुश हैं और उन्हें भेलन का निवासी होने पर फख्र है। ग्रामीणों के सहमति के फैसले से हुसैन न सिर्फ भावविभोर हैं बल्कि वह ग्रामीणों के कल्याण के लिए दिन-रात काम करना चाहते हैं। हुसैन ने कहा, हमलोग सौहार्द्र से भरपूर माहौल में रहते आए हैं। उन्होंने मुझे कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि मैं गांव में रहने वाला एकमात्र मुस्लिम हूं। मुझे अपना पंच चुनकर और वह भी निर्विरोध चुनकर उन्होंने मेरे प्रति अपना प्यार जताया है। वे इसे एक अलग स्तर पर लेकर गए जिसके लिए मैं उम्र भर उनका कर्जदार रहूंगा।

Dharmendra kumar

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