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Violence in India: ऐसी हिंसक घटनाएं, जिससे खुली लॉ एंड ऑर्डर की पोल

Violence in India : इस साल देश के अलग-अलग शहरों में कई सारी छोटी बड़ी सांप्रदायिक हिंसा (communal violence) हो चुकी हैं। शुक्रवार को देश के कई शहरों में जुमे की नमाज के बाद हिंसा की खबरें सामने आयी।

Krishna Chaudhary
Published on: 11 Jun 2022 2:04 AM GMT
Violence Across India
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Violence Across India (Image Credit : Social Media) 

Violence Across India : साल 2022 में अब तक देश में कई छोटी-बड़ी सांप्रदायिक घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ घटनाएं ऐसी रहीं जिसकी गुंज काफी समय तक सुनाई देती रही। राजस्थान (Rajasthan) के करौली में हुई हिंसा (Karauli Violence) और दिल्ली (Delhi) के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा (Jahangirpuri Violence) इसके उदाहरण हैं। उस दौरान रामनवमी और हनुमान जंयती के मौके पर हिंसा का एक ट्रेंड सा देखने को मिला था। इन घटनाओं के शांत होने के महीने भर बाद देश में नए सिरे से हिंसा का माहौल व्यापत हो गया है। शुक्रवार को देश के कई शहरों में हुई हिंसा (Friday Violence) वाकई में डराने वाली है और साथ ही यह लॉ एंड ऑर्डर की पोल भी खोलती है।

हिंसा की इन घटनाओं ने देश में सत्ता पक्ष और विपक्ष शासित राज्यों की सरकार को कानून व्यवस्था के मसले पर बेनकाब कर दिया है। आज जिस तरह सड़कों पर उन्मादी भीड़ उत्पात मचा रहे थे, पुलिस उसके सामने लाचार दिख रही थी। झारखंड के एक घायल पुलिसकर्मी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने सीनियर पुलिस अधिकारी से फोन पर रोते हुए मदद मांग रहा है। बीते कुछ समय से लगातार हो रही ऐसी हिंसक घटनाओं ने भारत की छवि को भी प्रभावित किया है। तो आइए आपको इस साल की ऐसी ही कुछ प्रमुख हिंसक घटनाओं से अवगत कराते हैं, जिसने सरकार के सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल है।

करौली हिंसा (Karauli Violence)

राजस्थान के करौली में हिंदू नववर्ष के मौके पर निकाली गई बाइक रैली पर पथराव के बाद भीषण सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। इस दौरान उपद्रवियों ने एक दर्जन दुकानें और तीन बाईकों को आग के हवाले कर दिया। दरअसल बाइक रैली जब मुस्लिम इलाके में पहुंची तभी वहां मस्जिद से पथराव होने लगा, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। आरोप है कि इस दौरान भड़काऊ नारे लगाए गए थे। इस हिंसा में 40 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

जोधपुर हिंसा (Jodhpur Violence)

राजस्थान के जोधपुर में ईद से एक दिन पहले दो समुदाय झंडे और लाउडस्पीकर को लेकर आपस में भिड़ गए। ईद से एक दिन पहले शुरू हुई हिंसा, अगले दिन तक जारी रही। दोनों पक्षों के तरफ से जमकर पत्थरबाजी हुई। पुलिस को हालात को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़ने पड़े थे। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों को तितर – बितर करने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। अफवाह को फैलने से रोकने के लिए इलाके में इंटनेट को भी बंद करना पड़ा था।

खरगोन हिंसा (Khargone Violence)

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में इस साल रामनवमी के दिन जमकर बवाल देखा गया। बताया जा रहा है कि रामनवमी का जुलूस शुरू ही हुआ था कि उपद्रवियों ने डीजे को लेकर विवाद शुरू कर दिया। देखते ही देखती ये विवाद भयानक हिंसा में तब्दिल हो गया। पत्थरबाजी के अलावा आगजनी की गई। कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया। बाद में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए कई आरोपियो के घर पर बुलडोजर चला दिया था, जिसे लेकर खासा बवाल हुआ था। खरगोन जिले में काफी दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा था।

जहांगीरपुरी हिंसा (Jahangirpuri Violence)

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के दौरान भड़की हिंसा लंबे समय तक सुर्खियों में रही थी। हाल के दिनों में सीएए एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़के भीषण दंगे के बाद दिल्ली में इसे दूसरा बड़ा सांप्रदायिक घटना माना जा रहा है। इस घटना का पैटर्न भी अन्य सांप्रदायिक घटनाओं की तरह ही था। हनुमान जयंती के मौके पर निकाले गई शोभायात्रा पर मुस्लिम इलाके में पत्थरबाजी हुई, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। 16 अप्रैल को हुए इस घटना में 8 पुलिसकर्मियों सहित 9 लोग घायल हो गए थे। इस हिंसा का मास्टरमाइंड मोहम्मद अंसार फिलहाल जेल में है।

कानपुर हिंसा (Kanpur Violence)

बीते शुक्रवार 3 जून को जुमे की नमाज के बाद अचानक कानपुर में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा का मास्टरमाइंड एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी था। हाशमी पर आरोप है कि पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर बीजेपी नेता नुपूर शर्मा द्वारा दिए गए बयान के विरोध में उसने और अन्य मुस्लिम नेताओं ने जुलूस निकाला था। इस दौरान जबरदस्ती दुकान बंद कराने और भड़काऊ बयानबाजी करने के कारण वहां दो समुदायों के बीच टकराव हो गया। जिनमें आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा कई कारों के साथ बाइक और स्कूटी को भी नुकसान पहुंचाया गया था। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जफर हाशमी के जुलूस में हिंदुओं को लक्ष्य करके भड़काऊ बयान दिए जा रहे थे। इसलिए माहौल अधिक तनावपूर्ण हो गया था। पुलिस की सख्ती के बाद से जफर हाशमी फरार हो गया था, लेकिन फिर उसे पकड़ लिया गया।

इसी मुद्दे को लेकर आज यानि शुक्रवार 10 जून को एकबार फिर यूपी के प्रयागराज और मुरादाबाद में और झारखंड की राजधानी रांची में जमकर बवाल हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस हिंसा को लेकर पहले से अलर्ट होने के बावजूद ऐसी घटनाओं को रोकने में क्यों विफल रही।

Bishwajeet Kumar

Bishwajeet Kumar

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