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West Bengal: मुर्शिदाबाद में वक्फ को लेकर हिंसक झड़प, पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच हुआ बवाल
West Bengal: वक्फ को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसक झड़प हो गई है। यहाँ पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर बवाल हुआ है।
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West Bengal: वक्फ बिल की वापसी की मांग को लेकर उबाल, रघुनाथगंज के उमरपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, दो पुलिस वाहन जलाए गए। वक्फ बिल को वापस लेने की मांग को लेकर रघुनाथगंज थाना क्षेत्र के उमरपुर में मंगलवार को हालात बेकाबू हो गए। जैसे ही पुलिस ने सड़क से अवरोध हटाने की कोशिश की, भीड़ आक्रोशित हो उठी और पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंकने लगी। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।
गुस्साई भीड़ ने पुलिस की दो गाड़ियों में आग लगा दी। इस हिंसक झड़प में अब तक दो पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है। मौके पर जंगीपुर पुलिस जिला के एसपी आनंद राय के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
वक्फ बिल के खिलाफ बीते दो दिनों से जंगीपुर पुलिस जिले के कई इलाकों जैसे सूती, शामशेरगंज और रघुनाथगंज में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस हालात पर नजर रखते हुए सख्ती से स्थिति नियंत्रित करने की कोशिश कर रही थी। मंगलवार दोपहर रघुनाथगंज थाना अंतर्गत उमरपुर में स्थानीय लोगों ने वक्फ बिल के खिलाफ एक विशाल रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि अगर बिल वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन उग्र रूप लेगा। इसके बाद सैकड़ों लोग 12 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतर आए और रास्ता जाम कर दिया।
जब पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो तीखी बहस हुई, जो देखते ही देखते झड़प में बदल गई। पुलिस पर ईंटबाज़ी शुरू हो गई। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लिया। लेकिन गुस्से में भरे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
करीब दो घंटे तक यह टकराव चलता रहा, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्रशासन की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश जारी है।
भाजपा नेता ने बोला हमला
भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, “पश्चिम बंगाल फिर से आग की लपटों में है। सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी है। इस बार मुर्शिदाबाद में मुस्लिम भीड़ वक्फ अधिनियम के विरोध में सड़कों पर उतर आई है। ममता बनर्जी ने बंगाल के विशाल क्षेत्रों पर नियंत्रण खो दिया है, जो अप्राकृतिक जनसांख्यिकीय बदलाव और अवैध घुसपैठ के कारण राज्य प्रशासन के लिए दुर्गम हो गए हैं। अब वह केवल उनके वोटों की प्रत्याशा में गिड़गिड़ाने के अलावा कुछ नहीं कर सकती। उन्हें 2026 में जाना ही होगा।”