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विस्टाडोम कोच सफर को बनाएगा यादगार, जानिए इसकी खासियत

इसकी सीट 180 ड्रिगी तक रोटेट हो सकती है। ये सभी कोच तकनीकी ।इन कोच में बहुत अधिक शीशे का इस्तेमाल किया गया है। इन कोच को सिर्फ टूरिज्म को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिससे टूरिज्म को खूब बढ़ावा मिलेगा।

suman
Published on: 1 Jan 2021 5:54 AM GMT
विस्टाडोम कोच सफर को बनाएगा यादगार, जानिए इसकी खासियत
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ट्रेन संग दौड़ेगा 44 सीटों वाला ये विस्टाडोम कोच, आरामदायक होगा हर मिनट; जानिए खासियत

नई दिल्ली : ब ट्रेन से यात्रा करना हुआ सुखद, ट्रेम बैठ आप खुले आसमान, पहाड़ हो या गुफा या फिर कोई मनोरम दृश्य आसानी से देख सकते है और आनंद ले सकते है। क्योंकि भारतीय रेलवे ने नई डिजाइन के विस्‍टाडोम टूरिस्‍ट कोचों का स्‍पीड ट्रायल पूरा कर लिया है। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी दी। उन्‍होंने इस आलीशान कोच का एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें इसकी खासियतें बताई गई हैं।

इन कोचों में बड़े शीशे की खिड़कियां हैं, शीशे की छत है, ऑब्जर्वेशन लाउंज है और घुमाई जा सकते वाली सीटें हैं। इन सबकी मदद से टूरिस्ट बाहर का नजारा ले सकेंगे। जब ट्रेन टूरिस्ट लोकेशन से गुजरेगी तो शीशे की छत और शीशे की बड़ी खिड़कियों से बाहर आसानी से देख सकेंगे और तस्वीरें भी ले सकेंगे। वहीं घूमने वाली सीटों की मदद से वह सीट पर बैठे-बैठे ही हर तरफ का नजारा ले सकेंगे।

खासियतों से लैस

नए डिजाइन की विस्टाडोम टूरिस्ट कोच के साथ 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के साथ सफलतापूर्वक ट्रायल कर लिया है। ये कोच यात्रियों के लिए यात्रा को यादगार बनायेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है। विस्टाडोम कोच में यात्रियों को अल्ट्रा लग्जरी सुविधाएं मिलती है। इसकी छत ट्रांसपेरेंट ग्लास से बनी होती है। एक कोच में 44 पैसेंजर बैठ सकते है। इसकी सीट 180 ड्रिगी तक रोटेट हो सकती है। ये सभी कोच तकनीकी ।इन कोच में बहुत अधिक शीशे का इस्तेमाल किया गया है। इन कोच को सिर्फ टूरिज्म को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिससे टूरिज्म को खूब बढ़ावा मिलेगा।

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विस्टाडोम कोच ट्रेन

इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 220 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। इससे पहले भारतीय पटरियों पर टैल्गो ट्रेन 180 की स्पीड से दौड़ी थी, लेकिन, वह स्पेन की ट्रेन थी। इसके अलावा गतिमान एक्सप्रेस दिल्ली से झांसी के बीच अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से सफर विस्टाडोम कोच लगे है। विस्टाडोम कोच , ट्रांसपेरेंट ग्लास कोच है, जिसमे बैठ यात्रा करते समय, यात्री बाहर के दिलकश नज़ारे आसानी से देख सकते है।

इन देशों के साथ भारत में यहां यहां चल रही...

यूरोप को देशों मे स्वीट्जरलैंड में विस्टाडोम ट्रेने चलती है। वहां के लोग इन ट्रेनों से यूरोप का खूबसूर। और मनोरम नजारा देखते हैं। खबरों के मुताबिक,विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन दादर, मडगांव, अराकु घाटी, कश्मीर घाटी, डार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका शिमला रेलवे, कांगडा घाटी रेलवे, माथेरान हिल रेलवे, नीलगिरी माउंटेन रेलवे में चलेगी।चेन्नई कोच फैक्टरी में तैयार की गई विस्टाडोम कोच मध्य रेलवे को मिल गया है। इसे खासकर पर्यटकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है और उन इलाकों में चलने वाली ट्रेनों से जोड़ा जाएगा जहां खूबसूरत नजारे दिखते हैं।

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इस कोच को तैयार करने में इस बात का खास खयाल रखा गया है कि पहाड़ी इलाकों से गुजरते वक्त पर्यटक या यात्री कुदरती नजारों का पूरा लुत्फ उठा सकें। फिलहाल विस्टाडोम कोच विशाखापट्टनम से अराकू वैली हिल स्टेशन के बीच चलने वाली ट्रेन में लगाए गए हैं और अब ये कोच मध्य रेलवे के पास भी उपलब्ध हैं। मध्य रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुनील उदासी ने बताया कि इन विस्टाडोम कोच को मुंबई विभाग में स्थित कर्जत-लोनावला और कसारा-इगतपुरी के बीच चलने वाली गाड़ियों में लगाने पर विचार किया जा रहा है।

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