शशिकला ने छोड़ी राजनीति, संन्यास का एलान, तमिलनाडु चुनाव से पहले बड़ा फैसला

4 साल की कैद के बाद जेल से रिहा हुई शशिकला के राजनीति में सक्रिय होने की अटकलों पर विराम लग गया है। उन्होंने आज राजनीति से संन्यास लेने का एलान किया है।

Shivani Awasthi
Published on: 3 March 2021 4:22 PM GMT
शशिकला ने छोड़ी राजनीति, संन्यास  का एलान, तमिलनाडु चुनाव से पहले बड़ा फैसला
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लखनऊ: तमिलनाडु की सियासत में बीते कई दिनों से शशिकला के राजनीतिक सफर को लेकर चल रही अटकलों के बीच आज बड़ी खबर आई है। तमिलनाडु की छोटी अम्मा शशिकला ने राजनीति से संन्यास लेने का एलान कर दिया है। बता दें कि हाल ही में शशिकला 4 साल की कैद की सजा पूरी कर जेल से आजाद हुई हैं। जिसके बाद से माना जा रहा था कि शशिकला दोबारा राजनीति में सक्रिय हो सकती हैं और आगामी चुनावों में बड़ी भूमिका में नजर आ सकती है। लेकिन उन्होंने इन सबकी अफवाहों पर विराम लगा दिया।

शशिकला ने राजनीति से लिया संन्यास

5 दिसंबर 2016 को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद शशिकला का सीएम बनना तय था। शशिकला ने सबसे पहले उस व्यक्ति से इस्तीफा लिया, जिसे जयललिता ने जीते जी अपनी जगह बिठाया था।

जयललिता के निधन के बाद शशिकला का सीएम बनना था तय

बाद में 6 फरवरी को अन्नाद्रमुक के विधायकों ने पार्टी महासचिव वीके शशिकला को विधायक दल का नेता चुन लिया। इससे 62 वर्षीय शशिकला के तमिलनाडु की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। कहा जा रहा था कि तमिलनाडु की पहली महिला सीएम जानकी रामचंद्रन, दूसरी जयललिता के बाद तीसरी महिला सीएम शशिकला बनेंगी।

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शशिकला के नाम का प्रस्ताव मौजूदा मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने इस्तीफा देकर प्रस्तावित किया था जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने से उनका यह सपना अधूरा रह गया। शशिकला के ही आशीर्वाद से ई पलानीस्वामी (ईपीएस) मुख्यमंत्री बने और ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) डिप्टी सीएम बने थे।

4 साल की कैद के बाद जेल से शशिकला की रिहाई

गौरतलब है कि शशिकला को चार साल की कैद के बाद जनवरी में परप्पाना अग्रहारा केंद्रीय जेल से रिहा किया गया है। उन्हें 14 फरवरी, 2017 को बेनामी संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया गया था और 10 करोड़ रुपये का जुर्माना देने के बाद रिहा कर दिया गया। अगर वह 10 करोड़ रुपये का जुर्माना नहीं भरतीं तो उन्हें 13 महीने और जेल में काटने पड़ते।

बेनामी संपत्ति के इस मामले में पहली आरोप जयललिता थीं। उन दिनों शशिकला को सोने की देवी कहा जाता था। चर्चा यहां तक रही कि जब इनके घर में छापा पड़ा तो सुरंग खोदकर सोना निकाला गया था।

Shivani Awasthi

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