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वोट जिहाद: ATS ने कसा शिकंजा, गृह मंत्रालय ने भी दिये जांच के आदेश, 1000 करोड़ की फंडिंग का है आरोप
2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी महाराष्ट्र का काफी बुरा प्रदर्शन रहा था। र्टी नेता बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने गंभीर आरोप लगाते हुए 'वोट जिहाद' के आरोप लगाये थे। लिए 100 करोड़ रुपए की अवैध फंडिंग का लगाया था आरोप
2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी महाराष्ट्र का काफी बुरा प्रदर्शन रहा था। हार के बाद राज्य इकाई ने हार के कारण पता लगाने के लिये गहन मंथन किया। इसी क्रम में पार्टी नेता बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने गंभीर आरोप लगाते हुए 'वोट जिहाद' के आरोप लगाये थे। सौमेया का कहना था कि मालेगांव में बीजेपी उम्मीदवार की हार वोंटिग प्रक्रिया में खेल कर हुई। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि मालेगांव में वोट जिहाद के लिए फंडिंग घोटाला हुआ है। पार्टी का कहना है कि इसके लिए 100 करोड़ रुपए की फंडिंग की गई थी। किरीट सोमैया ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि इसके लिए दुबई में फर्जी कंपनियां बनाई गईं और पैसे की मांग की गई। बीजेपी के अनुसार, यह घोटाला अब 1000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का हो सकता है। इस पूरे मामले की जांच एटीएस करेगी, जिसके लिए गृह मंत्रालय ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।
ED ने पिछली महीने की छापेमारी
ईडी मालेगांव के एक व्यापारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत यह कार्रवाई की थी जिसने 100 करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन के लिए कई लोगों के बैंक खातों का गलत तरीके से उपयोग किया।
इन पर भी रहेगी नजर
धुले लोकसभा चुनाव में भी कथित 'वोट जिहाद' के आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि इस चुनाव में कुछ गड़बड़ी की गई, जिससे कांग्रेस की उम्मीदवार शोभा बच्चव ने बीजेपी के सुभाष भामरे को महज 3,831 वोटों से हराया। खास बात यह है कि मालेगांव जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में बीजेपी के भामरे को सिर्फ 4,542 वोट मिले, जबकि कांग्रेस की शोभा बच्चव को यहां 1,98,869 वोट मिले।
इन परिणामों को लेकर आरोप लगाया गया था कि इन वोटों को हासिल करने के लिए दुबई से पैसे भेजे गए थे। इस आरोप के बाद जांच एजेंसियां जैसे ईडी, एनआईए, सीबीआई, इनकम टैक्स और आईबी इस मामले की गहन जांच में जुट गई हैं। बताया जा रहा है कि 200 से अधिक बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ था, जिससे मामला और भी पेचीदा हो गया है।
अब सवाल यह है कि क्या इन आरोपों की पुष्टि होती है और क्या जांच एजेंसियां इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश कर पाएंगी? राज्य की राजनीति में इस घोटाले की जांच की दिशा काफी महत्वपूर्ण हो सकती है, और अब सभी की नजरें इस पर टिकी हुई हैं।