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संसद में कानून पास, लेकिन अधर में है वक्फ बोर्डों को माफिया मुक्त करने की पहल

बेशकीमती संपत्तियों पर कब्जे हटाने के मामले चुनावी मुद्दे बने हैं। लेकिन चुनाव के बाद इन संपत्तियों पर काबिज ताकतवर माफिया पर हाथ डालने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाता। उत्तर प्रदेश व दिल्ली में तो इन संपत्तियों पर कब्जा करने वाले राजनीतिक पार्टियों और सरकार में अहम पदों पर बैठे हैं।

zafar
Published on: 24 Sep 2016 2:47 PM GMT
संसद में कानून पास, लेकिन अधर में है वक्फ बोर्डों को माफिया मुक्त करने की पहल
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नई दिल्ली ब्यूरो

देश भर में मुस्लिम वक्फ बोर्डों की हालत सुधारने के लिए 2013 में संसद द्वारा किए गए संशोधन के बाद भी दिल्ली व उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्डों में सुधार लाने की पहल अभी कहीं हिचकोले खाती दिख रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि केंद्र व राज्य सरकारों के बीच अभी इस दिशा में ठोस समन्वय विकसित करने में काफी वक्त लग सकता है। मामला इसलिए भी कुछ पेचीदा है कि कई कई राज्यों की वक्फ संपत्तियों की बदइंतजामी और दुरुपयोग रोकने का रिकॉर्ड काफी लचर रहा है।

माफिया का कब्जा

-वक्फ संपत्तियों पर माफिया के कब्जे को लेकर आम मुस्लिम संगठनों में अरसे से असंतोष है।

-दिल्ली व यूपी में कई बार बेशकीमती संपत्तियों पर कब्जे हटाने के मामले चुनावी मुद्दे बने हैं।

-लेकिन चुनाव के बाद इन संपत्तियों पर काबिज ताकतवर माफिया पर हाथ डालने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाता।

-उत्तर प्रदेश व दिल्ली में तो ये बातें जगजाहिर हैं कि इन संपत्तियों पर कब्जा करने वाले राजनीतिक पार्टियों और सरकार में अहम पदों पर बैठे हैं।

राज्यों में बनेंगे ट्रिब्यूनल

-नए संशोधित कानून को अमलीजामा पहनाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही ट्रिब्यूनल के चेयरमैन का ऐलान करने वाली है।

-राज्यों में भी इसके बाद इसी तरह के प्रादेशिक ट्रिब्यूनल बनने हैं। हालांकि इन ट्रिब्यूनल का मकसद अदालतों में वक्फ संपत्तियों के लंबित मुकदमों का बोझ कम करना है।

-मुसलिम संगठनों के प्रबुद्ध लोगों का मानना है कि वक्फ को माफिया व स्वार्थी लोगों के कब्जे से मुक्त करने के लिए सबसे पहले सरकारों को मजबूत इच्छाशक्ति दिखानी होगी।

-उन्हें इस बात से भी निराशा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार से भी लोग नाउम्मीद हो गए हैं।

लाखों संपत्तियां

-देशभर में 31 राज्यों में करीब सवा लाख वक्फ संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं।

-इनसें से करीब एक चौथाई से ज्यादा 1.35 लाख अकेले यूपी में हैं।

-दिल्ली में करीब 35 हजार से ज्यादा वक्फ सम्पत्तियां सरकारी रिकॉर्ड में हैं।

-इसमें से बड़ी संख्या में ऐसी संपत्तियां भी हैं जो रजिस्टर्ड ही नहीं हैं।

-केंद्र सरकार की कोशिश है कि अगले छह माह में सभी वक्फ संपत्तियों को रजिस्टर्ड कर दिया जाए।

-हालांकि अधिकारियों का कहना है कि यूपी जैसे बड़े राज्य में चुनावों की वजह से यह काम लटक सकता है।

-ऑनलाइन प्रकिया आागामी कुछ दिनों में आरंभ होने की उम्मीद है।

उपयोगी हो सकते हैं वक्फ

-मोदी सरकार इस योजना पर काम कर रही है कि वक्फ संपत्तियों को माफिया के चंगुल से मुक्त करके वहां अच्छे स्कूल, व्यावसायिक व कौशल विकास व मुसलमानों के सामाजिक सांस्कृतिक स्थलों व सामुदायिक केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।

-सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व सेक्रेटरी डॉ. कैसर शमीम का कहना है कि वक्फ को कब्जों से मुक्त करने के दावे से पहले यह जरूरी है कि केंद्र सरकार पूरे देश में सारी वक्फ संपत्तियों का पूरी पारदर्शिता के साथ जमीनी सर्वे करवाए।

-उसके बाद उन्हें कब्जों से मुक्त करने का बीड़ा उठाए और संसद से पारित कानून को जमीनी स्तर पर ईमानदारी से लागू करे

सर्वे बिना कुछ नहीं

-सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व सेक्रेटरी डॉ. कैसर शमीम का कहना है कि वक्फ को कब्जों से मुक्त करने के दावे से पहले यह जरूरी है कि केंद्र सरकार पूरे देश में सारी वक्फ संपत्तियों का पूरी पारदर्शिता के साथ जमीनी सर्वे करवाए।

-उसके बाद उन्हें कब्जों से मुक्त करने का बीड़ा उठाए और संसद से पारित कानून को जमीनी स्तर पर ईमानदारी से लागू करे

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