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AAP सांसद संजय सिंह के खिलाफ वारंट जारी, कोर्ट ने दिए ये आदेश
AAP MP Sanjay Singh: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। आप नेता के खिलाफ पुराने आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया है।
AAP MP Sanjay Singh: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने जमानती वारंट जारी किया है। संजय सिंह के खिलाफ सुल्तानपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने यह वारंट जारी किया है। कोर्ट की तरफ से जारी जमानती वारंट में आप नेता व सांसद संजय सिंह को 29 जून को कोर्ट मे पेश होने को कहा गया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट ने चुनाव आचार संहिता से जुड़े एक मामले में जमानती वारंट जारी किया है।
आप सांसद ने दी प्रतिक्रिया
अदालत की तरफ से वारंट जारी होते ही आप नेता व सांसद संजय सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि एक पुराने मामले में सुल्तानपुर की कोर्ट से उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ है। मीडिया में गैर जमानती वारंट की खबर चल रही है, जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने इस त्रुटि को सुधार लेने की भी बात कही है। बता दें, कुछ देर पहले आप नेता संजय सिंह ने दिल्ली जल संकट को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा था कि बीजेपी वाले दिल्ली के लोगों का हक हरियाण को दिलाना चाहते हैं।
बिना इजाजत की थी चुनावी सभा
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने सांसद संजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। पूरा मामला बंधुआकलां थाने से संबंधित है। आप नेता संजय सिंह ने जिला पंचायत चुनाव में बिना इजाजत के पार्टी उम्मीदवार के लिए जनसभा आयोजित की थी। कोर्ट की तरफ से नोटिस जारी होने पर भी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने ये आदेश जारी किया है। बता दें कि सांसद संजय सिंह सुलतानपुर के ही रहने वाले हैं।
थानाध्यक्ष ने दर्ज कराई थी FIR
विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय के अनुसार, 13 अप्रैल 2021 को थानाध्यक्ष प्रवीन कुमार सिंह ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। संजय सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने हसनपुर गांव में अपनी पार्टी की जिला पंचायत सदस्य सलमा बेगम के पक्ष में बिना इजाजत चुनावी जनसभा की थी। उनकी सभा में 50 से 60 लोग और थे। सांसद के इस काम को कोविड-19 के नियमों का भी उल्लंघन माना गया था।