Handwashing Day: आप हाथ धोइए बीमारी से, किस्मत चमकी इनकी

हैंड वाश प्रोडक्ट का कारोबार एक साल में छूने लगा आसमान, कोरोना से बचना है तो यह एक काम है बेहद जरूरी, हैंड हाइजीन बनाए रखने की जरूरत, साथ ही हैंड वाशिंग में सेनिटाइजर के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल के ये हैं खतरे

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Published on: 15 Oct 2020 11:41 AM GMT
Handwashing Day: आप हाथ धोइए बीमारी से, किस्मत चमकी इनकी
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Wash hands, due to illness, hand wash market of three billion

योगेश मिश्र/नीलमणि लाल

हाथ धोने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वॉशिंग दिवस मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना वर्ष 2008 में ग्लोबल हैंड वाशिंग पार्टनरशिप द्वारा की गयी जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है। हाथों को साफ़ रखने से गंदगी से होने वाली बीमारियों से बचाव होता है। मौजूदा कोरोना संक्रमण काल ने हाथ धोते रहने की प्रवृत्ति को और भी आगे बढ़ाने का काम किया है। सिर्फ हाथ सही ढंग से धोते रहने से ही कोरोना से काफी हद तक बचा जा सकता है।

कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्किंग और हैण्ड वाशिंग सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण उपाय हैं। यही वजह है कि आठ महीनों में देखते देखते हैण्डवाश प्रोडक्ट्स का बाजार आसमान पर जा पहुंचा है।

वैश्विक मार्केट रिसर्च के अनुसार हैण्ड वाश प्रोडक्ट्स का बाजार 2019 में 2.67 बिलियन डालर का था जिसके 2027 तक 4.56 बिलियन डालर तक का हो जाने का अनुमान है। इसके अलावा अस्पतालों में ही हैण्डवाश प्रोडक्ट्स का बाजार 2025 तक 7.7 अरब डालर का हो जाएगा।

ये बाजार 2020 से 2025 के बीच 8 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। इस बाजार को सबसे ज्यादा पुश चीन, भारत और जापान से मिल रहा है जहाँ हैण्डवाश प्रोडक्ट्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।

18400 करोड़ रुपये का बाजार

भारत में पर्सनल वाश केयर प्रोडक्ट्स का बाजार 18400 करोड़ रुपये का है जिसमें साबुन का ही बाजार 740 करोड़ सालाना का है। साबुन की मार्केट सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ रही है। बाजार अनुमान है कि हाथ धोने के साबुन का बाजार 8 हजार करोड़ का है।

जहाँ तक हैण्ड सैनीटाईजर बाजार की बात है तो कोरोना वायरस के कारण भारत में इसके 2020-2024 के बीच 405.31 मिलियन डालर बढ़ जाने की संभावना है। ये भी अनुमान है कि भारत में हैण्ड सैनीटाईजर का बाजार 2024 तक 61.02 फीसदी की रफ़्तार से बढ़ेगा।

स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत

भारत में साबुन और लिक्विड हैण्ड वाश प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ने में स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत अभियानों का बड़ा योगदान है। अब कोरोना की वजह से इसमें तेजी आ गयी है।

मिसाल के तौर पर लाइफबॉय के हैण्डसैनीटाईजर का प्रोडक्शन वर्ष 2020 में पिछले साल के मुकाबले 56 गुना बढ़ चुका है जबकि लिक्विड हैण्डवाश का प्रोडक्शन तीन गुना बढ़ा है। एक रिसर्च के अनुसार भारत में हैण्ड वाश प्रोडक्ट्स का बाजार 2025 तक 2159.50 करोड़ रुपये का हो जाएगा।

handwash

गोदरेज ने कोरोना के इस दौर में हैण्ड वाश बाजार में एंट्री की है और कंपनी का इरादा दो साल में 200 करोड़ और चार साल में 500 करोड़ का बिजनेस करने का है। साबुन की कटेगरी में गोदरेज दूसरे नंबर का प्लेयर है।

भारत में हैण्ड वाश प्रोडक्ट्स के बाजार में रेकिट बेन्क्किसेर ग्रुप (डेटोल), आईटीसी लिमिटेड (सैवलान, विवेल, फियामा डी विल्स), हिंदुस्तान यूनिलीवर ग्रुप (लाइफ बॉय, लक्स), विप्रो, कोलगेट, गोदरेज, डाबर, हिमालय ड्रग, प्रिस्टीन केयर और पतंजलि आयुर्वेद का दबदबा है।

ग्लोबल हैण्ड वाश मार्केट की बड़ी कम्पनियाँ

थ्री एम

गो-जो इंडस्ट्रीज

जॉनसन एंड जॉनसन

प्रॉक्टर एंड गैम्बल

रेकिट बेन्क्किसेर ग्रुप

यूनिलीवर ग्रुप

वी-आई जॉन

हिमालयन ड्रग कम्पनी

हैंड वॉश का सही तरीका

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने हाथ धोने के पांच चरण बताये हैं। सीडीसी ने लोगों से कहा है कि वे नियमित अंतराल पर हाथ धोने का सही तरीका जानें और इसी के अनुसार हाथ साफ करें और दूसरों को भी साफ-सफाई के लिए प्रेरित करें।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि संक्रमण से बचाव के लिए दिनभर में पांच बार हाथ धोना जरूरी है। नाखून छोटा और साफ रखें। खुद से तय करें कि किस काम के बाद हाथ धोना है क्योंकि हाथों से ही संक्रमण फैलता है।

हाथ को साफ बहते हुए ठंडे या गर्म पानी में धोएं।

नल बंद करें और हाथ में साबुन लगाएं।

साबुन लगे हाथों को अंगुलियों के बीच और नाखून के नीचे अच्छे से रगड़ें।

बीस सेकंड तक दोनों हाथों को अच्छे से रंगड़ना है।

इस दौरान ‘हैप्पी बर्थडे’ गाना दो बार गा सकते हैं।

नल ऑन करें और हाथों को साफ बहते हुए पानी से धोएं।

साफ तौलिए से हाथ को अच्छे से पोछ लें या एयर ड्रायर से हाथ को सुखा लें।

ध्यान रखें

हाथ धोने के बाद तौलिये की मदद से नल बंद करें।

हर व्यक्ति के लिए अलग साबुन हो।

हाथ साफ करने की जगह को भी साफ-सुथरा रखें, वॉश बेसिन में गंदगी बिलकुल न रहने दें।

हाथ को पोंछने के लिए हर व्यक्ति अलग-अलग तौलिए का इस्तेमाल करे।

तौलिए में हाथ पोंछने के बाद उसे धूप में डाल दें, संभव हो तो उसे तुरंत साफ भी कर दें।

हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग

साबुन या हैंडवॉश से हाथ धोने के बजाये बहुत से लोग मजबूरी में या आदतन हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन हद से ज्यादा इसका प्रयोग भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। हैंड सैनिटाइजर में ट्राइक्लोसान नाम का एक केमिकल यानी रसायन होता है।

इस केमिकल को हाथ की त्वचा सोख लेती है। इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से यह केमिकल हमारे ब्लड तक भी पहुंच सकता है और ब्लड में मिलने के लिए बाद यह हमारी मांसपेशियों के संचालन को नुकसान पहुंचाता है।

सैनिटाइजर में बेंजाल्कोनियम क्लोराइड भी पाया जाता है, जो बैक्टीरिया और वायरस को तो हाथों से निकालता है, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल हमारी त्वचा के लिए अच्छा नहीं होता। कई लोगों को सैनिटाइजर से त्वचा में जलन और खुजली जैसी समस्याएं होने की भी समस्या हो सकती हैं।

इसमें (सैनिटाइजर में) फैथलेट्स नाम का केमिकल होता है, जो खुशबू के लिए प्रयोग किया जाता है। जिस सैनिटाइजर में इसकी मात्रा ज्यादा होती है, वह हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है। ज्यादा खुशबू वाले सैनिटाइजर लीवर, किडनी, फेफड़े और हमारे प्रजनन तंत्र को प्रभावित करते हैं।

सैनिटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल से हमारी त्वचा रुखी यानी ड्राई हो जाती है। वहीं कई कंपनी के सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में बच्चों द्वारा इसका इस्तेमाल करने के दौरान मुंह में जाने से और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ रिसर्च तो इसे बच्चों की इम्यूनिटी पर बुरा प्रभाव करने वाला भी बता चुके हैं।

कब धोएं हाथ

खाना बनाने से पहले, खाना बनाने के दौरान और खाना बनाने के बाद

भोजन को खाने से पहले

किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल करने से पहले और बाद में

टिल्ट का इस्तेमाल करने के बाद

नाक साफ़ करने, खांसने या छींकने के बाद

किसी सार्वजानिक इस्तेमाल की सतह को छूने के बाद

पशु को छूने के बाद

कचरा-कूड़ा छूने के बाद

यूपी में हैण्ड वाशिंग डे

उत्तर प्रदेश में हैण्ड वाशिंग डे को बहुत गंभीरता से मनाया जा रहा है। मुख्योमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने राज्य के लोगों का आह्वान किया है कि वे नियमित रूप से हाथ धोने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि नियमित अंतराल के बाद हाथ धोते रहने से कोरोना के फैलाव को रोकने में मदद मिलती है।

इस अवसर पर राज्य में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में ट्विटर पर हैशटैग हैण्ड वाशिंग के माध्यम से हैंड हाइजीन बनाए रखने की जरूरत और कोरोना से युद्ध में इसकी महत्ता के विषय में व्यापक स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। उन्होंने अपनी हाथ धोते हुए तस्वीर ट्विटर पर शेयर करके जनता से अनुरोध किया है कि हाथ धोना रोके कोरोना मुहिम का हिस्सा बनें।

सीएम ने ट्वीट किया है कि - संक्रमण की कड़ी तोड़कर ही महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ‘स्वच्छ हाथ’ कोरोना से बचाव का सबसे सहज माध्यम हैं। आइए, आज ग्लोबल हैण्ड वाशिंग डे पर कोरोना पर विजय सुनिश्चित करने हेतु नियमित अंतराल पर अपने हाथों को धोने का प्रण लें।

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