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Wayanad Seat: आखिर वायनाड ही क्यों? लोकसभा चुनाव लड़ने वाली गांधी परिवार की 10वीं सदस्य होंगी प्रियंका, जानें सियासी सफर
Wayanad Seat: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट छोड़ दी है। अब यहां से प्रियंका गांधी लोकसभा का उप चुनाव लड़ेंगे। अब सवाल यह उठता है कि आखिर यहां से प्रियंका ही क्यों?
Wayanad Seat: मतलब जब राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ दी तो प्रियंका गांधी ही यहां से क्यों चुनाव लड़ेंगी। प्रियंका गांधी आज तक कोई चुनाव नहीं लड़ी हैं। जबकि वह कांग्रेस की बड़ी लीडर हैं। पब्लिक में उनकी काफी डिमांड है। वे चुनावों में अपनी पार्टी का पक्ष जनता के सामने मजबूती से रखती हैं। अब सवाल आखिर वायनाड से क्यों लड़ेंगी चुनाव। केरल दक्षिण के राज्य में से एक है। दक्षिण में कांग्रेस की माजबूत पकड़ आज भी बनी हुई है। कर्नाटक में उनकी सरकार है। वहीं एक तरफ जहां राहुल गांधी उत्तर भारत के यूपी के रायबरेली से सांसद हैं तो वहीं प्रियंका दक्षिण के केरल से सांसद बन कर लोकसभा पहुंचेंगी तो कांग्रेस पार्टी का दक्षिण से मजबूत चेहरा होंगी। लोकसभा चुनाव लड़ने वाली प्रियंका गांधी गांधी परिवार की 10वीं सदस्य होंगी।
इंदिरा की छवि
प्रियंका गांधी में लोग इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं। प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी की मजबूत नेता हैं। उनका चेहरा, बोली और बहुत कुछ उनकी दादी इंदिरा गांधी से मिलता जुलता है। इंदिरा गांधी एक सशक्त नेता रही हैं। वह कई बार देश की प्रधानमंत्री भी रही हैं।
चुनावी राजनीति में पहली बार एंट्री करने जा रही हैं
प्रियंका गांधी चुनावी राजनीति में पहली बार एंट्री करने जा रही हैं। राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने का एलान कर दिया है। इस तरह से यहां अब उप चुनाव होना तय है। प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा सीट से उप चुनाव में कांग्रेस की आधिकारिक प्रत्याशी होंगी। वहीं, राहुल रायबरेली से सांसद बने रहेंगे। प्रियंका गांधी अपने अब तक के राजनीतिक सफर में पहली बार चुनाव लड़ेंगी। वह पार्टी संगठन में कार्य तो करती रही हैं लेकिन इससे पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा है। अब यह पहला मौका होगा जब प्रियंका गांधी लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी। वह वर्तमान में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य भी हैं। 2004 के लोकसभा चुनावों में प्रियंका गांधी पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल रहीं। यह राजनीति में उनका पहला मजबूत कदम था। उन्होंने दर्जनों संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में रैलियां कीं। 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में, जब राहुल गांधी ने कांग्रेस के लिए राज्यव्यापी प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला तो प्रियंका गांधी ने अमेठी-रायबरेली क्षेत्र की 10 सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
डेढ़ दशक तक सक्रिया राजनीति से दूर रहीं
बता दें कि प्रियंका गांधी वाड्रा करीब डेढ़ दशक तक सक्रिय राजनीति में उतरने से कतराती रहीं। वह लंबे समय तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कामकाज देखती रही हैं। इस दौरान वह रायबरेली में अपनी मां सोनिया गांधी और अमेठी में भाई राहुल के चुनाव अभियानों में सहायक की भूमिका में रहीं। प्रियंका ने औपचारिक रूप से सक्रिय राजनीति में तब एंट्री की जब उन्हें 23 जनवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के लिए कांग्रेस पार्टी का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया। 11 सितंबर, 2020 को उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया।
ज्यादातर समय उत्तर प्रदेश में ही सक्रिय रहीं
अक्टूबर 2021 में प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने दो बार हिरासत में लिया। पहली बार वह लखीमपुर खीरी जाने के दौरान हिरासत में ली गईं, जहां कुछ प्रदर्शनकारी किसान उस समय केंद्रीय मंत्री रहे अजय मिश्रा के बेटे के काफिले की गाड़ी चढ़ने से मारे गए थे। उन्हें और पार्टी के कई अन्य नेताओं को सीतापुर के एक पीएसी गेस्ट हाउस में 50 घंटे तक हिरासत में रखा गया था। दूसरी बार यूपी पुलिस ने उन्हें सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए आगरा जाते समय हिरासत में लिया था, जब वह एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए आगरा जा रही थीं, जिनकी कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गई थी।
कांग्रेस ने प्रियंका के नेतृत्व में लड़ा 2022 का यूपी चुनाव
2022 का यूपी विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व ही चुनाव लड़ा था। जनवरी 2022 में, प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी के साथ 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र लॉन्च किया। कांग्रेस का यह घोषणापत्र राज्य के विकास के साथ-साथ युवाओं और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित था, और इसमें 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने का भी वादा किया गया था। महिला वोटों और राजनीति में उनकी भागीदारी पर जोर देते हुए उन्होंने राज्य में लड़की हूं, लड़ सकती हूं अभियान की शुरुआत की। लेकिन यूपी में पार्टी को पुनर्जीवित करने के उनके सभी प्रयास असफल साबित हुए और कांग्रेस को 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा। वह 403 विधानसभा सीटों में से केवल 2 सीटें जीत सकी।
व्यक्तिगत जीवन
प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 को हुआ था। वह भारत की राजनीति में मतबूत प्रभाव रखने वाले नेहरू-गांधी परिवार की सदस्य हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी की बेटी हैं। वह फिरोज और इंदिरा गांधी की पोती हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू उनके नाना थे। प्रियंका गांधी राजीव गांधी फाउंडेशन की ट्रस्टी भी हैं। उन्होंने 1997 में व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा से शादी की। दोनों के दो बच्चे हैं-एक बेटा और एक बेटी।
पोस्ट ग्रेजुएट हैं प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने 1984 तक अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल में की। इसके बाद, सुरक्षा कारणों से राहुल और प्रियंका दोनों को दिल्ली के डे स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, लगातार आतंकी धमकियों के कारण, उन्हें और राहुल दोनों को घर पर ही शिक्षा दी गई। बाद में उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की। प्रियंका ने दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में 2010 में बुद्धिस्ट स्टडीज में मास्टर डिग्री प्राप्त की।