Weather Update Today: हीटवेव का प्रकोप जारी, अभी नहीं राहत के आसार

heatwave alert: गर्मी में मामूली गिरावट उत्तरी भारत के निकट एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण है। गर्मी की लहर दोबारा वापस आ सकती है। यह जलवायु परिवर्तन की हकीकत को दिखाता है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 16 May 2022 12:51 PM GMT (Updated on: 16 May 2022 12:53 PM GMT)
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मौसम अपडेट। (Social Media)

heatwave alert today: मार्च में गर्मी के मौसम (Aaj Ka Mausam Kisa hai) की शुरुआत के बाद से भारत के बड़े हिस्से में लगातार गंभीर गर्मी की स्थिति (heatwave In India) है। गर्मी में मामूली गिरावट उत्तरी भारत (North India) के निकट एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) के कारण है। हालांकि, राहत अल्पकालिक होगी क्योंकि राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, जम्मू, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड के कुछ हिस्सों में गर्मी की स्थिति 20 मई के आसपास वापस आने का पूर्वानुमान है। रविवार को पाकिस्तान के जैकोबाबाद (Jacobabad of Pakistan) में तापमान 51 डिग्री सेल्सियस तथा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में पारा लगभग 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

गर्मी की लहर दोबारा आ सकती है वापस

जानकारों का कहना है कि गर्मी की लहर दोबारा वापस आ सकती है। यह जलवायु परिवर्तन(Climate change) की हकीकत को दिखाता है। पाकिस्तान (Pakistan) में भी मार्च से ऐसे ही हालात हैं और वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों देशों को मिलाकर एक अरब से ज्यादा लोगों के इस गर्मी से प्रभावित होने का खतरा है। पिछले साल इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (Intergovernmental Panel on Climate Change) की छठी आकलन रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि 1950 के दशक के बाद से गर्म मौसम और हीटवेव का चरम लगातार और अधिक तीव्र हो गया है। रिपोर्ट ने "मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन" को इन परिवर्तनों के "मुख्य चालक" के रूप में पहचाना है।

11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लू का प्रकोप

भारत में हीटवेव (Heatwave In India) सीजन मार्च में शुरू होता है और मई में चरम पर होता है, विशेष रूप से कोर हीटवेव जोन क्षेत्रों (Core Heatwave Zone Area) में। इस गर्मी में मार्च और अप्रैल के दौरान रिकॉर्ड तापमान देखा गया, लेकिन मई में ऐसे गर्म दिन सामान्य हैं। बीते एक सप्ताह से चल रही लू का प्रकोप 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैला हुआ है। जबकि इस बार गंभीरता कई गुना अधिक है।

इस साल, मार्च और अप्रैल में पूरे भारत में शुरुआती और अभूतपूर्व गर्मी देखी गई। मार्च 122 साल में सबसे गर्म और अप्रैल चौथा सबसे गर्म था। हालांकि उत्तर और मध्य भारत के बड़े हिस्से में गर्मी की लहर मई में एक वार्षिक घटना है, लेकिन दिल्ली और जम्मू और कश्मीर के क्षेत्रों में अधिकतम तापमान असामान्य रूप से अधिक है। कश्मीर में कई स्थानों पर दिन का तापमान 30 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया, कुछ सबसे गर्म स्थान मीरपुर (46) जम्मू हवाई अड्डा (45), श्रीनगर हवाई अड्डा (33.5), अनंतनाग (33.4) और कुपवाड़ा (30.2) थे।

इन राज्यों में लू की स्थिति

जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना कुछ ऐसे राज्य हैं जहां लू की स्थिति है। जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाता है, तब भीषण लू की घोषणा की जाती है। उत्तर भारत के कई हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है, दिल्ली के इतिहास में पहली बार 49 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। जानकार इसे ग्लोबल वार्मिंग (global warming) का सीधा असर बता रहे हैं।

मौसम स्टेशनों पर पारा 49 डिग्री सेल्सियस के पार दर्ज

दिल्ली में मौसम (Delhi Weather Update) को मापने के दो स्टेशनों पर रविवार 15 मई को पारा 49 डिग्री सेल्सियस के पार दर्ज किया गया। दिल्ली के इतिहास में पहली बार पारा इस स्तर पर पहुंचा। जानकार इसे स्थानीय इलाकों में गर्मी की लहर का असर भी बता रहे हैं क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के दूसरे मौसम स्टेशनों पर पारा इससे कम दर्ज किया गया। जहां दिल्ली के मंगेशपुर में तापमान 49.2 और नजफगढ़ में 49.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, वहीं सफदरजंग स्थित दिल्ली के मुख्य मौसम स्टेशन में 45.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

Deepak Kumar

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