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Shahjahan Sheikh : जानें कौन है ईडी पर हमला कराने वाला मास्टरमाइंड शाहजहां शेख, लुकआउट नोटिस हुआ जारी

Shahjahan Sheikh : एजेंसी ने अब शाहजहां शेख के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। ईडी ने इस नोटिस को सभी हवाई अड्डे और बीएसएफ के साथ भी साझा किया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 6 Jan 2024 8:50 AM GMT (Updated on: 6 Jan 2024 9:38 AM GMT)
Shahjahan Sheikh
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Shahjahan Sheikh   (photo: social media )

Shahjahan Sheikh :पश्चिम बंगाल में छापेमारी करने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हुए जानलेवा के हमले के बाद से सियासी उबाल आया हुआ है। एक दूसरे के कट्टर सियासी प्रतिद्वंदी भाजपा और कांग्रेस इस घटना को लेकर ममता सरकार के खिलाफ एक पाले में नजर आ रहे हैं। दूसरी तरफ इस घटना के बाद से टीएमसी नेता शाहजहां शेख में है। हमले के बाद से वह फरार चल रहा है। आरोप है कि उसी के उकसावे पर ईडी के अधिकारियों और सीआरपीएफ के जवानों पर तृणमुल कार्यकर्ताओं ने हमला बोला।

एजेंसी ने अब उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। ईडी ने इस नोटिस को सभी हवाई अड्डे और बीएसएफ के साथ भी साझा किया है। दरअसल, शुक्रवार को शेख घर छापा मारने पहुंची ईडी की टीम पर जानलेवा अटैक हो गया था। घटना के वक्त अधिकारियों के साथ सीआरपीएफ के 27 जवान भी मौजूद थे। लेकिन 800 -1000 की संख्या के आगे वो असहाय थे। टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले में तीन अधिकारी जख्मी हो गए। इसके अलावा उनकी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई थी।

कौन है शाहजहां शेख ?

ताकतवर केंद्रीय एजेंसी ईडी और दो दर्जन से अधिक सीआरपीएफ जवानों पर जानलेवा हमला करवा कर शाहजहां शेख राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में है। उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली ब्लॉक का रहने वाला शेख इलाके का दबंग टीएमसी नेता है। चार भाई – बहनों में सबसे बड़ा शेख ने मछली फॉर्म और ईंट भट्ठे के एक श्रमिक के रूप में काम शुरू किया। इसके बाद 2004 में वह ईंट भट्ठा श्रमिक यूनियन का नेता बन गया। इस प्रकार तत्कालीन सत्तारूढ़ सीपीएम से उसके सियासी सफर का आगाज हुआ।

बंगाल की राजनीति में जब सीपीएम का सूर्य अस्त हुआ और तृणमुल कांग्रेस एक नई ताकत के रूप में उभरी तो उसने भी अपनी निष्ठा बदल ली। वह जेल में बंद टीएमसी नेता ज्योतिप्रिय मलिक के नेतृत्व में पार्टी में शामिल हो गया। मलिक उत्तर 24 परगना जिले के पार्टी अध्यक्ष भी हैं। मलिक के मंत्री बनते ही उसका भी सियासी रसूख बढ़ गया। 2018 के पंचायत चुनाव में वह जीतकर सरबेरिया अग्रघाटी ग्राम पंचायत के उप प्रमुख बना। पिछले साल हुए चुनाव में वह जीतकर जिला परिषद बना। वर्तमान मे वह संदेशखाली का टीएमसी अध्यक्ष भी है।


राजनीतिक और आर्थिक दोनों रूप से है सशक्त

मजदूर से राजनेता बना शाहजहां शेख राजनीतिक और आर्थिक दोनों रूप से काफी सशक्त बताया जाता है। उसका इलाके में मछली पालन का बड़ा कारोबार है। इसके अलावा उसने कई एकड़ जमीन और मकानें भी खड़ी कर ली हैं। इलाके के कुछ लोग उसे बाहुबली तो कुछ भाई कहते हैं। शेख की गिनती बंगाल में टीएमसी के बाहुबली नेताओं में होती है। राशन घोटाले में जेल में बंद पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी होने के कारण वह भी ईडी के रडार पर है। बताया जाता है कि घोटाले का एक बड़ा रकम उसके पास भी आया था, इसलिए ईडी उससे पूछताछ करना चाहती है।


2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद संदेशखाली में बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्तओं के बीच भयानक हिंसा देखने को मिली थी, जिसमें दोनों पक्षों के लोग मारे गए थे। भाजपा नेताओं ने इसके पीछे भी शाहजहां शेख को जिम्मेदार ठहराया था। उनके खिलाफ एफआईआर भी हुई। सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी समेत कई प्रभावशाली टीएमसी नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें हैं, जो राज्य में उसके सियासी रसूख को दर्शाता है।

एक जनवरी को बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को धमकाया था

बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने शाहजहां शेख का एक वीडियो शेयर किया है, जो कि एक जनवरी 2024 का बताया जा रहा है। वीडियो टीएमसी के किसी कार्यक्रम का है। जिसमें वह ईडी और सीबीआई की कार्रवाई को लेकर खुलेआम स्थानीय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को धमकाते नजर आते हैं। बंगाली भाषा में शेख कहते हैं - सीबीआई और ईडी उनका 'बाल' भी नहीं छू पाएंगे। आगे वो कहते हैं कि प्रार्थना करो कि मुझे गुस्सा न आए नहीं तो वो बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का दांत तोड़ देंगे। 2024 के चुनाव के बाद तब टीएमसी का सरकार पर पूरा नियंत्रण हो जाएगा तो उनके शरीर की खाल उधेड़ देंगे।


Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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