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पश्चिम बंगाल में बदलेगा कांग्रेस का स्टैंड! अधीर रंजन की जगह शुभंकर सरकार की ताजपोशी का क्या है संकेत
West Bengal Politics: केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने शुभंकर सरकार को तत्काल प्रभाव से प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है।
West Bengal Politics: कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई में बड़ा बदलाव किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की छुट्टी करते हुए उनकी जगह शुभंकर सरकार की ताजपोशी की गई है। शुभंकर सरकार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही अधीर रंजन का प्रदेश अध्यक्ष पद से हटना तय माना जा रहा था। शुभंकर सरकार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस की राजनीतिक लाइन में बदलाव का संकेत मिल रहा है। दरअसल अधीर रंजन चौधरी खुलकर ममता सरकार के खिलाफ हमला करते रहे हैं जबकि शुभंकर सरकार टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी से गठबंधन के पक्षधर रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल कांग्रेस के रुख में बड़ा बदलाव आ सकता है।
अधीर रंजन की जगह शुभंकर को मिली कमान
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने शुभंकर सरकार को तत्काल प्रभाव से पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। नई जिम्मेदारी सौंपे जाने के साथ ही उन्हें एआईसीसी के सचिव पद से मुक्त कर दिया गया है। इस अधिसूचना में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के योगदान की सराहना भी की गई है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अधीर रंजन चौधरी की छुट्टी पहले से ही तय मानी जा रही थी। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने पहले ही इस बाबत ऐलान कर दिया था। शुभंकर सरकार की नियुक्ति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में की जाती रही है। वे पश्चिम बंगाल में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें राज्य में बड़े बदलाव के लिए केंद्रीय नेतृत्व का समर्थन हासिल रहेगा।
चौधरी ने खोल रखा था ममता के खिलाफ मोर्चा
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अधीर रंजन चौधरी ने लगातार ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। उन्हें ममता बनर्जी का प्रखर आलोचक माना जाता रहा है और वे राज्य में वामदलों के साथ गठबंधन के हिमायती रहे हैं। टीएमसी के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बावजूद लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और टीएमसी का गठबंधन नहीं हो सका था। दरअसल अधीर रंजन ने खुलकर टीएमसी के साथ गठबंधन का विरोध किया था। इसे लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें फटकार भी लगाई थी। लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से ही अधीर रंजन को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं और अब इन अटकलों पर मुहर लग गई है।
अब बंगाल में बदल सकता है कांग्रेस का स्टैंड
पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अधीर रंजन चौधरी की छुट्टी को राज्य में कांग्रेस के स्टैंड में बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है। शुभंकर सरकार लोकसभा चुनाव के दौरान टीएमसी से गठबंधन न होने के कारण नाराज थे। वे राज्य में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से गठबंधन की पैरोकारी करते रहे हैं। ऐसे में सियासी जानकारों का मानना है कि अब आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल कांग्रेस की राजनीतिक लाइन बदल सकती है।
पश्चिम बंगाल में नाकाम रहा कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन
पश्चिम बंगाल के विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ गठबंधन किया था मगर इसके बावजूद दोनों दल अपनी ताकत दिखाने में नाकाम साबित हुए थे। लोकसभा चुनाव में तो लंबे समय से सांसद रहने वाले अधीर रंजन चौधरी को भी हार का सामना करना पड़ा था। अधीर रंजन चौधरी को ममता सरकार के दमदार विरोधी के रूप में जाना जाता रहा है। ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व तक को चुनौती दे डाली थी। यही कारण है कि शुभंकर सरकार की ताजपोशी बड़े बदलाव का संकेत मानी जा रही है।