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Sandeshkhali Violence Case: संदेशखाली की पीड़ित महिलाएं राजभवन में रहेंगी, बंगाल के राज्यपाल की खास पहल
Sandeshkhali Violence Case: राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली में खुद को असुरक्षित महसूस कर रही महिलाओं के लिए एक बड़ा पहल की है। उन्होंने राजभवन के द्वार उनके आश्रय के लिए खोल दिए हैं।
Sandeshkhali Violence Case: दबंग टीएमसी नेता शाहजहां शेख को लेकर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली इलाका लगातार खबरों में बना हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर जानलेवा हमला कराने के आरोपी शेख और उसके सहयोगियों पर लोकल महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और उनकी जमीन हड़पने के गंभीर आरोप हैं। इन आरोपों को लेकर राज्य की ममता बनर्जी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। वहीं, सत्तारूढ़ टीएमसी का आरोप है कि विपक्षी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली में खुद को असुरक्षित महसूस कर रही महिलाओं के लिए एक बड़ा पहल की है। उन्होंने राजभवन के द्वार उनके आश्रय के लिए खोल दिए हैं। राजभवन की सीमाओं के अंदर तीन घरों का निर्माण कराया गया है, जिसे ‘शांति होम’ का नाम दिया गया है। इन घरों में वो संदेशखाली की वो महिलाएं रहेंगी, जो फिलहाल वहां पुलिस और टीएमसी के कथित गुंडों से असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
आवास के साथ मिलेगा मुफ्त भोजन
राजभवन के परिसर में बने शांति होम में संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं के लिए आवास के साथ-साथ मुफ्त भोजन की भी व्यवस्था की गई है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बताया कि पिछले दिनों जब उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया था तब कुछ महिलाओं ने उन्हें राखी बांधी थी। मैंने उनसे न्याय दिलाने और रक्षा करने का वादा किया है। पीड़ित महिलाओं की स्थिति को देखकर ही उन्होंने शांति होम्स बनाने का निर्णय लिया।
राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने सोमवार को संदेशखाली का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ टीएमसी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर जमकर लताड़ लगाई। शर्मा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति शासन के बिना यहां पर महिलाएं सुरक्षित हैं। यहां की लड़कियों और महिलाओं ने कहा कि उन्हें टीएमसी में शामिल होने के लिए कहा जाता है। सभी को केवल टीएमसी का प्रचार करने के लिए कहा जाता है, अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें परेशान किया जाता है।
रेखा शर्मा के दौरे पर तृणमुल कांग्रेस ने हमला बोला है। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि महिला आयोग का दौरा राजनीति से प्रेरित है। NCW बंगाल तो बहुत जल्दी आ जाता है लेकिन बीजेपी शासित राज्यों में जाने की ऐसी फुर्ती नहीं दिखाता।
संदेशखाली की तुलना मणिपुर से गलत - सुप्रीम कोर्ट
संदेशखाली हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिलने के बाद ममता सरकार बैकफुट पर है लेकिन सोमवार को उसे सर्वोच्च न्यायालय से थोड़ी राहत मिली है। दरअसल, कोर्ट में संदेशखाली की घटना को मणिपुर हिंसा से तुलना करते हुए इसकी सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी। जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज करते हुए कहा कि ‘संदेशखाली की तुलना मणिपुर से न करें, मामले पर उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया गया है।‘ वे इस पर आदेश देंगे।
तीन में से दो मुख्य आरोपी गिरफ्तार
संदेशखाली की घटना के तीन मुख्य किरदार हैं और तीनों सत्ताधारी टीएमसी के लोकल नेता हैं। इनमें से दो आरोप शिब प्रसाद हाजरा और उत्तम सरकार को गिरफ्तार किया जा चुका है। तीसरा मुख्य आरोपी जिसे सरगना बताया जा रहा है शाहजहां शेख अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि ममता सरकार जानबूझकर उसे बचा रही है।