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Sandeshkhali: ‘खालिस्तानी’ टिप्पणी पर विवाद, शुभेंदु अधिकारी पर आरोप, भाजपा नेता ने पुलिस को दी चेतावनी
Sandeshkhali: भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली का दौरा करना चाहते थे। उसी दौरान शुभेंदु अधिकारी ने आईपीएस अफसर को खालिस्तानी कहा।
Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई घटना को लेकर अब एक नया विवाद पैदा हो गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी एक सिख आईपीएस अधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में फंस गए हैं। उनके ऊपर सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहने का बड़ा आरोप लगा है।
हालांकि शुभेंदु अधिकारी ने इस आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने चुनौती भरे अंदाज में कहा कि दक्षिण बंगाल के एडीजी को इस मामले में सबूत पेश करना चाहिए नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
भाजपा विधायक ने दावे को किया खारिज
दरअसल भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली का दौरा करना चाहते थे। इस दौरान धमाखली में हालत से निपटने के लिए एक सिख आईपीएस अधिकारी की तैनाती की गई थी। आरोप है कि शुभेंदु अधिकारी ने इस आईपीएस अफसर को खालिस्तानी कहा।
इस दौरे के समय शुभेंदु अधिकारी के साथ भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल भी मौजूद थीं। उन्होंने सिख आईपीएस अफसर को खालिस्तानी कहे जाने के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी या किसी भी बीजेपी समर्थक ने उन्हें खालिस्तानी नहीं कहा। उन्होंने पुलिस अफसर पर अपने कर्तव्य का पालन न करने का बड़ा आरोप भी लगाया।
अफसर ने भाजपा कार्यकर्ताओं को दी नसीहत
दूसरी ओर आईपीएस अफसर जसप्रीत सिंह भाजपा कार्यकर्ताओं से यह कहते हुए सुने गए कि पगड़ी करने के कारण आप लोग मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से सवाल किया कि क्या आपने यही सीखा है? यदि कोई पुलिस अधिकारी पगड़ी पहनने के बाद अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से करता है तो वह आप लोगों के लिए खालिस्तानी बन जाता है?
उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि इस टिप्पणी के लिए आपको शर्म आनी चाहिए। जब मैंने आपके धर्म को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की तो आपको भी आए मेरे धर्म को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। मैं तो सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहा हूं।
शुभेंदु अधिकारी ने दी एडीजी को चुनौती
इस बीच पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दक्षिण बंगाल के एडीजी के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैंने सिख आईपीएस अफसर के खिलाफ खालिस्तानी होने की टिप्पणी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि एडीजी को 24 घंटे के भीतर इन आरोपों के संबंध में सबूत पेश करना चाहिए।
अगर वे सबूत पेश करने में नाकाम रहे तो उन्हें इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि संदेशखाली के घटनाक्रम से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह का विवाद पैदा किया गया है।
बंगाल पुलिस की कार्रवाई की चेतावनी
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल पुलिस का कहना है कि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से सिख पुलिस अफसर के खिलाफ खालिस्तानी होने की टिप्पणी की गई। बंगाल पुलिस ने इस घटना पर दुख जताते हुए अधिकारी की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। बंगाल पुलिस ने इसे सांप्रदायिक रूप से उकसाने वाला बयान बताते हुए कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ममता ने बोला भाजपा पर हमला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सोच यह है कि पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है। भाजपा देश में विभाजनकारी राजनीति करने में जुटी हुई है और पार्टी के रवैए ने सारी संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस ने भी इस कथित टिप्पणी को लेकर शुभेंदु अधिकारी और भाजपा पर हमला बोला है।
दूसरी ओर सिख समुदाय से जुड़े लोगों ने खालिस्तानी टिप्पणी के विरोध में कोलकाता में मुरलीधर लेन स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। सिख समुदाय के लोगों का कहना था कि उनके समुदाय के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए।