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West Bengal SSC Scam: बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटला कौन है, पार्थ चटर्जी और मोनालिसा दास, ED कर सकती इनकी भी जांच
West Bengal SSC Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर ममता सरकार बुरी तरह से घिरती नजर आ रही हैं। सरकार के दो मंत्री सीधे तौर पर ईडी के रडार पर हैं, वहीं सूत्रों की मानें तो इस मामले में अभी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
West Bengal SSC Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर ममता सरकार बुरी तरह से घिरती नजर आ रही हैं। सरकार के दो मंत्री सीधे तौर पर ईडी के रडार पर हैं, वहीं सूत्रों की मानें तो इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के आवास पर छापा मारा था। 11-12 घंटे की पूछताछ के बाद पार्थ को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं अर्पिता को भी हिरासत में ले लिया गया है। बता दें कि अर्पिता के घर से ईडी ने 20 करोड़ रूपये बरामद किए थे।
इन सबके बीच ईडी ने ममता कैबिनेट के कद्दावर मंत्री पार्थ चटर्जी के एक और करीबी मोनालिसा दास के घर पर छापा मारने की तैयारी कर रही है। अर्पिता की तरह दास को भी उनका काफी नजदीकी और सहयोगी बताया जा रहा है। बता दें कि ईडी की रेज राज्य में अब भी कई जगहों पर जारी है। माना जा रहा है कि इस रेज के समाप्त होने के बाद और भी रूपये बरामद हो सकते हैं।
कौन है मोनालिसा दास
काजी नजरूल विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर देखा गया है कि मोनालिसा दास बांग्ला विभाग की प्रमुख हैं। मोनालिसा दास एक शिक्षिका बताई जाती हैं और उनका घर शांतिनिकेतन में है। हालांकि पार्थ चटर्जी के साथ उनके संबंध अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक मोनालिसा की प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. उन पर दबाव बनाकर नौकरी दिलाने का आरोप है। कहा जाता है कि उनकी नियुक्ति के पीछे पार्थ चटर्जी की विशेष भूमिका थी।
ईडी की रडार पर मोनालिसा दास
उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी पर कार्रवाई करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब उनके एक और करीबी मोनालिसा दास के घर पर छापेमारी की तैयारी कर रही है। ईडी सूत्रों के मुताबिक, दास के पास कई जमीन और मकान हैं। जांच एजेंसी ने ऐसी 10 से अधिक संपत्तियों के बारे में पता लगाया है। अधिकतर संपत्तियां बीरभूम जिले में है।
कौन हैं पार्थ चटर्जी
पार्थ चटर्जी ममता बनर्जी सरकार के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। वह कोलकाता की बहला पश्चिम सीट से पांच बार विधायक बन चुके हैं। ममता सरकार में नंबर की हैसियत रखने वाले पार्थ 2011 से कैबिनेट मंत्री के पद पर विराजमान हैं। यानी जब से राज्य में टीएमसी की सरकार आई है वह मंत्री बने हुए हैं। सीएम ममता के भरोसेमंद माने जाने वाले पार्थ चटर्जी के पास वाणिज्य, उद्योग और संसदीय कार्य जैसे कई अहम विभाग हैं।
वे 2006 से 2011 तक जब राज्य में वाममोर्चे की सरकार थी, तब नेताप्रति पक्ष की भूमिका भी निभा चुके हैं। पार्थ 2014 से लेकर 2021 तक पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री थे और ये घोटाला उसी दौरान हुआ था। चटर्जी से सीबीआई भी इससे पहले दो बार पूछताछ कर चुकी है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि वेस्ट बंगाल में 2014 और 2016 में शिक्षकों की भर्ती हुई थी। नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाते हुए दो अभ्यर्थियों ने कलकत्ता उच्च न्यायलय में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने इन भर्तियों की जांच सीबीआई को सौंप दी। बाद में सीबीआई इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज कराई। सीबीआई की शिकायत के बाद मामला ईडी के हाथ में चला गया।