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क्या है 'हज सब्सिडी'?कब से इसकी शुरूआत हुई
हर साल लाखों मुस्लिम हज यात्रा पर जाते हैं। इस यात्रा के लिए भारतीय सरकार उन्हें कुछ सब्सिडी देती, जिससे तहत फ्लाइट में जाने वाले हज यात्रियों को सरकार किराए में छूट, एयरपोर्ट पर उनके खाने का इंतजाम, दवाइयां और अस्थायी आवास की सुविधा दे
लखनऊ : हर साल लाखों मुस्लिम हज यात्रा पर जाते हैं। इस यात्रा के लिए भारतीय सरकार उन्हें कुछ सब्सिडी देती, जिससे तहत फ्लाइट में जाने वाले हज यात्रियों को सरकार किराए में छूट, एयरपोर्ट पर उनके खाने का इंतजाम, दवाइयां और अस्थायी आवास की सुविधा देती है। लेकिन अब भारतीय सरकार यह सब्सिडी नहीं देगी। केंद्र सरकार ने 16जनवरी को हज पर मिलने वाली सब्सिडी कर खत्म दी है,हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला इसी साल से लागू होगा।
हालांकि, हज सब्सिडी खत्म करने की शुरुआत 2012 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से हुई थी। तत्कालीन यूपीए सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की शुरुआत की थी।केंद्र सरकार के हज सब्सिडी खत्म करने के मुद्दे पर बहस जारी है कुछ मुस्लिम मौलानाओं ने इसे सही बताया पर यह कहा कि इसके साथ एयरइंडिया से ही जाने की शर्त भी खत्म होनी चाहिए तो कुछ मौलाना इसे गरीब मुस्लिमों की आस टूटने वाला फैसला बताया। इसके साथ ही महिला पर्सनल ला बोर्ड ने इस फैसले को गलत बताया है।आइये जानते हैं कि हज सब्सिडी क्या है और कब से इसकी शुरूआत हुई।
हज यात्रा के लिए 1954 तक मुम्बई की मुगल शिपिंग कम्पनी के जहाजों से ही लोग जाते थे। 1960 के दशक में ईंधन का खर्च बढ़ा और 1973 में हज यात्रियों को लेकर जा रहे एक जहाज के हादसे के बाद सरकार ने फैसला किया कि अब हज यात्री सिर्फ हवाई मार्ग से ही जाएंगे। जहाज यात्रा रुक जाने से जायरीनों पर जो अतिरिक्त खर्च बढ़ा उससे राहत दिलाने के लिए इंदिरा गांधी की सरकार ने हवाई यात्रा पर सब्सिडी की शुरुआत की थी।
ये सब्सिडी उन्हीं लोगों को मिलती थी, जो हज कमेटी के जरिए जाते थे। 1998 से 2004के बीच एक संसदीय कमेटी ने हज सब्सिडी खत्म करने की सिफारिश की थी लेकिन सरकार ने इसे बंद नहीं किया। इसके बाद 2006में विदेश मंत्रालय और पर्यटन पर बनी एक संसदीय समिति ने हज सब्सिडी को एक समय सीमा के भीतर खत्म करने के सुझाव दिए थे। बाद में बीएन शुक्ला और बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल गोरादिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें हज़ सब्सिडी को असंवैधानिक बताकर इसे समाप्त करके का आग्रह किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 8 मई 2012 को सरकार ने आदेश दिये कि हज सब्सिडी को दस साल की में धीरे-धीरे खत्म कर दिया जाए। इसके बाद से लगातार सरकार से मिलने वाली सब्सिडी में कटौती होती गयी।
• 2012 में 836.55 करोड़ रुपये की हज सब्सिडी दी गई।
• वर्ष 2013 में डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा की कटौती , 680.03 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की।
• 2014 में सौ करोड़ से ज्यादा की कटौती की गई और सब्सिडी 577.07 करोड़ रह गई।
• 2015 में 50 करोड़ की कमी आई और ये रकम घटकर 529.51 करोड़ रुपये हो गई। 2016 में 405 करोड़ रुपये हज सब्सिडी के रूप में सरकार ने दिए।
• 2017 में 250 करोड़ की सब्सिडी दी गई ।
• 2018 में हज सब्सिडी पूरी तरह से खत्म।
जायरीनों की संख्या
• 1996 में 75346 यात्री
• 2000 में 113909यात्री
• 2012 में 169961 यात्री
• 2013 में 135938
• 2014 में 135966
• 2017 में 169940
• 2018 में 175000 जायरीन जायेंगे