TRENDING TAGS :
Jamrani Dam: क्या है जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना, क्यों पश्चिमी यूपी के किसानों के चहेरों पर आई खुशियां
PMKSY: जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के माध्यम से उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57,065 हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचाई की परिकल्पना की गई है।
Jamrani Dam Multipurpose Project: उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना की मूंजरी मिलने की चर्चा जितनी अधिक यूपी के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में हो रही है। उससे अधिक मंजूरी की चर्चा यूपी में हो रही है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार से परियोजना की मंजूरी मिलते ही सूबे की मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से (जो अब एक्स होगा है) केंद्र की मोदी सरकार को बधाई दी है। अब सवाल उठा यह है कि यह परियोजना उत्तराखंड राज्य की है, लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री आखिर क्यों केंद्र सरकार को बधाई संदेश दे रहे हैं। तो जान लीजिए यह पूरा मजारा क्या है और जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना क्या है?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की बुधवार को मंजूरी दे दी है। मंजूरी मिलने के बाद अब केंद्र सरकार 2,584.10 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को 1,557.18 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, जिसको पूरा करने का लक्ष्य मार्च, 2028 रख गया है। यह परियोजना पूरा होते ही उत्तराखंड को लाभ तो मिलेगा ही...साथ ही यूपी के किसानों के खेत भी लहलहाएंगे।
क्या है यह परियोजना
जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना उत्तराखंड के नैनीताल जिले में राम गंगा नदी की सहायक नदी गोला नदी पर जमरानी गांव के पास बनी रही है। यहां पर एक बांध का निर्माण किया जाएगा, जो मौजूदा गोला बैराज को अपनी 40.5 किमी लंबी नहर प्रणाली और 244 किमी लंबी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी देगा। गोला बैराज बांध साल 1918 में तैयार हुआ था। यह परियोजना 14 मेगावाट की जल विद्युत उत्पादन के साथ-साथ हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पीने के पानी भी उपलब्ध करवाएगी, जिससे 10.65 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी। इसके अलावा परियोजना से उत्तराखंड के कई जिलों के साथ यूपी के कुछ जिलों में अतिरिक्त सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
47 हजार से अधिक हेक्टेयर जमीन को मिलेगा अतिरिक्त पानी
जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के माध्यम से उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57,065 हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचाई की परिकल्पना की गई है। इसमें उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। परियोजना के सिंचाई लाभों का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को होगा। यह दोनों राज्यों के बीच लागत/लाभ साझाकरण 2017 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के अनुसार किया जाना है। हालांकि पीने का पानी और बिजली का पूरा लाभ उत्तराखंड के लिए ही परिकल्पित है।
दो नई फीडर नहरों का निर्माण
इसके अलावा दो नई फीडर नहरों के निर्माण, 207 किमी मौजूदा नहरों का नवीनीकरण और परियोजना के तहत 278 किमी पक्के फील्ड चैनल भी क्रियान्वित किए जाने हैं। आपको बता दें कि पीएमकेएसवाई की शुरुआत साल 2015-16 में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य खेत पर पानी की पहुंच को बढ़ाना और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना, खेत में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना,स्थायी जल संरक्षण पद्धितियों को लागू करना आदि है।
शामिल हुए सातवीं परियोजना
केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 में 2021-26 के दौरान PMKSY के कार्यान्वयन को रुपये 93,068.56 करोड़ (37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता) के समग्र परिव्यय के साथ मंजूरी दी थी । पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के तहत अब तक 53 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। 25.14 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित हुई है। 2021-22 के बाद पीएमकेएसवाई के एआईबीपी के अंतर्गत अब तक छह परियोजनाओं को शामिल किया गया था। जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना शामिल होने वाली सातवीं परियोजना है।