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Nabanna Abhiyan: जानिए क्या है नबन्ना अभियान? पश्चिम बंगाल में इसके लिए क्यों करने पड़ रहे इतने इंतजाम

Nabanna Abhiyan: पश्चिम बंगाल में आज महिला डॉक्टर के साथ हुए अत्याचार को लेकर नबन्ना अभियान चलाया जा जायेगा।

Sonali kesarwani
Published on: 27 Aug 2024 11:12 AM IST (Updated on: 27 Aug 2024 1:34 PM IST)
Nabanna Abhiyan: जानिए क्या है नबन्ना अभियान? पश्चिम बंगाल में इसके लिए क्यों करने पड़ रहे इतने इंतजाम
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Photo: social media 

Nabanna Abhiyan: पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप के बाद हत्या के मामले को लेकर लोगों में जमकर गुस्सा दिखाई दे रहा है। आज इसी के खिलाफ पश्चिम बंगाल में छात्र, राज्य सचिवालय के आस पास नबन्ना अभियान निकालेंगे। इस अभियान के दौरान किसी तरह से हिंसा न उठे कोई जान- माल की हानि न हो इसके लिए आइजी और डीआइजी रैंक के 21 पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा का विशेष जिम्मा सौंपा गया है। यह अभियान पश्चिमबंगा छात्र समाज नामक संगठन के बैनर तले किया जायेगा। लोग इससे पहले भी इस केस को लेकर काफी प्रदर्शन कर चुके है उनके प्रदर्शन का बस एक ही उद्देश्य है कि महिला डॉक्टर को किसी भी तरह इंसाफ मिले और आरोपी को सजा मिले।

क्या है नबन्ना अभियान?

बहुत सारे लोगों को अभी तक नहीं समझ आ रहा होगा कि इस अभियान को नबन्ना नाम ही क्यों दिया गया है। दरअसल साल 2011 में बंगाल का अपना सचिवालय रायटर्स बिल्डिंग हुआ करता था जिसे साल 2011 में ही ममता बनर्जी सरकार ने हावाड़ा में हुबली नदी के किनारे एक बिल्डिंग को सचिवालय का रूप दिया, जिसे उन्होंने नबान्न नाम दिया गया। नबन्ना में नब का मतलब होता है नया। नबन्ना अभियान आज पश्चिमबंगा छात्र समाज नामक संगठन के तले ही किया जायेगा।

सरकार की तरफ से किये गए कड़े इंतजाम

आज इस अभियान में किसी तरह की हिंसा न उठे इसके लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। प्रदर्शन को देखते हुए शहर में 4,500-5,000 पुलिस कर्मियों की तैनाती रहेगी। एसपी व डीएसपी रैंक के 13 पुलिस अधिकारी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के 15 अधिकारी को भी तैनात किया जाएगा। इन सब के अलावा सरकार ने यह भी कहा कि अगर कोई कानून व्यवस्था को भंग करता है तो उसपर पानी की बौछारें की जाएगी। इस अभियान को लेकर तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष की तरफ से ये कहा गया कि इसके पीछे बड़ी साजिश रची जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान को भाजपा, माकपा व कांग्रेस की तरफ से मदद भी मिल रही है।

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Content Writer

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