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New law of Hit And Run: क्या है 'हिट एंड रन' का नया कानून, जिस पर मचा है बवाल, देश भर में हो रहा है विरोध
New law of Hit And Run: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अप्रूवल मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता अब नया कानून बन चुका है। आने वाले समय में इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) जिसे ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया था उसे अब The criminal code से बदल दिया जाएगा।
क्या है 'हिट एंड रन' का नया कानून, जिस पर मचा है बवाल, देश भर में हो रहा है विरोध: Photo- Social Media
New law of Hit And Run: देश भर में हिड एंड रन के नए कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है। ट्रक ड्राइवरों, बस चालक इसके विरोध में सड़क पर उतर आए हैं और इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। दरअसल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अप्रूवल मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता अब नया कानून बन चुका है।
आने वाले समय में इंडियन पीनल कोड (IPC) जिसे ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया था उसे अब The criminal code से बदल दिया जाएगा। इसके कारण देश के विभिन्न राज्यों में इसको लेकर विरोध शुरू हो गई है क्योंकि ड्राइवरों और ट्रक चालकों ने इस नए दंड कानून में कड़े 'हिट-एंड-रन' प्रावधान पर अपना असंतोष व्यक्त किया है। इस नए कानून के अनुसार अगर सड़क दुर्घटना के दौरान गाड़ी से किसी की मौत हो जाती है और इस बीच गाड़ी चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसे 2 साल की जगह अब 10 साल की सजा होगी। यही नहीं इसके इलावा उसे भारी जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
आइए जानते हैं क्या होता है 'हिट एंड रन'?
यहां यह जानना जरूरी है कि 'हिट एंड रन' क्या है, किसे कहते हैं 'हिट एंड रन'। 'हिट एंड रन' उसे कहते है जब गाड़ी की टक्कर से कोई शख्स घायल हो जाए और ड्राइवर मौके से फरार हो जाता है। ऐसे मामलों में घायल व्यक्ति को समय रहते अस्पताल पहुंचाने या प्राथमिक इलाज मिलने पर बचाया भी जा सकता है। आईपीसी के पुराने कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में केवल दो साल की सजा थी और जमानत भी मिल जाती थी।
और क्या कहता है नया नियम?
'हिट एंड रन' मामले में नए नियम के मुताबिक अगर सड़क दुर्घटना के बाद गाड़ी चालक पुलिस को टक्कर की सूचना दिए बिना ही मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की जेल और जुर्माना देना पड़ेगा। यह नए नियम निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू किए होंगे। यही कारण है कि देश के कई राज्यों में इन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि 'हिट एंड रन' केस में नए कानून के प्रावधान कुछ ज्यादा ही सख्त हैं, इन्हें नरम किया जाए।