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तहव्वुर आ तो गया अब आगे क्या होगा? कौन-कौन से खुलेंगे राज, क्या सज़ा होगी?
Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा को विशेष एनआईए अदालत में पेश किए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जानिए आगे क्या होगा?
Tahawwur Rana: मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा अमेरिका से भारत ले आया गया है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नगरिक राणा को 2009 में शिकागो में गिरफ्तार किया गया था।
अब कानूनी प्रोसेस का अगला चरण
तहव्वुर राणा को भारत लाया जाना एक लंबी कानूनी प्रक्रिया का पहला चरण है। अगले चेन में उस पर आतंकवाद के आरोपों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा मुकदमा चलाया जाएगा। राणा से पूछताछ भी होनी है। बहुत से राज खुलने बाकी हैं क्योंकि 26/11 के अन्य प्रमुख व्यक्ति जैसे लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, आतंकवादियों के संदिग्ध आईएसआई हैंडलर मेजर इकबाल और आतंकवादियों के प्रशिक्षक साजिद माजिद उर्फ साजिद मीर अभी भी पाकिस्तान में हैं। इनके भारत में क्या कोई लिंक हैँ, ये भी पता किया जाना है।
अब क्या होगा?
तहव्वुर राणा को विशेष एनआईए अदालत में पेश किए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हिरासत के दौरान, एनआईए और खुफिया ब्यूरो के अधिकारी 26/11 की पहेली के गायब टुकड़ों को खोजने के लिए उससे पूछताछ करेंगे। हालांकि इससे पहले एफबीआई ने उससे पूछताछ की थी और लश्कर-ए-तैयबा की सहायता करने और मुंबई हमलों से उसके संबंधों के लिए अमेरिका में मुकदमा चलाया गया था, लेकिन भारतीय अधिकारियों को बहुत कुछ पता करना है। हमले की साजिश से संबंधित भारत के बारे में विशिष्ट विवरण जानने हैं।
2011 में एनआईए ने राणा, उसके सहयोगी और हमलों के जासूस डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी और सात अन्य लोगों के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में आरोप-पत्र दाखिल किया था। उन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य करना), 18 (साजिश करना, करने का प्रयास करना या आतंकवादी कृत्यों की वकालत करना) और 20 (आतंकवादी समूह की सदस्यता) और आपराधिक साजिश के अलावा भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 121ए (121 के तहत अपराधों के लिए साजिश), 302 (हत्या), 468 (जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अब एक सप्लीमेंट्री आरोप-पत्र दाखिल किए जाने की उम्मीद है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएसएस) के तहत आरोपों को अपडेट किए जाने की संभावना है। इनमें से कई आरोपों में मौत की सज़ा का प्रावधान है।
मुकदमे की रफ्तार
राणा का मुक़दमा कितनी तेज़ी से आगे बढ़ता है, यह देखना अभी बाकी है। भारत ने 26/11 के एक अन्य आरोपी अबू जुंदाल उर्फ़ ज़बीउद्दीन अंसारी को 2012 में सऊदी अरब से प्रत्यर्पित करवाया था। उसके ख़िलाफ़ मुक़दमा अभी भी जारी है।