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Rapid Rail: आखिर है क्या रैपिड रेल? जानिए सब कुछ, मोदी करने वाले हैं उद्घाटन

Rapid Rail: रैपिड रेल सिस्टम एलिवेटेड और भूमिगत दोनों होगा। भारत की रैपिड रेल की खासियत इसका रेलवेलाइन सिस्टम होगा जिसे प्रीकास्ट स्लैब पर बिछाया गया है। इस तकनीक का उपयोग भारत में पहली बार देश की पहली क्षेत्रीय रेल के निर्माण में किया जा रहा है।

Neel Mani Lal
Published on: 15 Oct 2023 3:21 AM GMT (Updated on: 15 Oct 2023 3:21 AM GMT)
Rapid Rail
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पीएम मोदी (सोशल मीडिया)

Rapid Rail: भारत की पहली रैपिड रेल लाइन का प्राथमिकता खंड ‘रैपिडेक्स’ चालू होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। रैपिड रेल के पहले चरण में कुल पांच स्टेशन - साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो - चालू हो जाएंगे; पहला चरण कुल 17 किमी की दूरी का होगा और 25 किलोमीटर की दूरी मात्र 12 मिनट में तय होगी। इस रूट पर कुल 10 ट्रेनें चालू होंगी और एक रैपिड रेल में 1,700 यात्रियों के लिए जगह होगी।

मेट्रो और सामान्य ट्रेन से अलग है रैपिड रेल

- रैपिड रेल मेट्रो से अलग है क्योंकि यह कम स्टॉप और उच्च गति के साथ अपेक्षाकृत लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा प्रदान करती है।

- यह पारंपरिक रेलवे से भी अलग है क्योंकि यह डेडिकेटेड रूट के साथ हाईस्पीड पर नियत समय पर पॉइंट टू पॉइंट क्षेत्रीय यात्रा प्रदान करेगा।

- रैपिड रेल एक ऐसा सिस्टम है जो 160 किमी प्रति घंटे की गति से केवल एक घंटे से कम समय में दिल्ली से मेरठ तक पहुंचा देगा।

- भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी के आसपास के शहरों और विकासशील क्षेत्रों को महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करना है।


- आरआरटीएस या रैपिडेक्स ट्रेनों की डिज़ाइन गति 180 किमी प्रति घंटे है और यह 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम परिचालन गति से चलेगी, जिससे वे सेमी-हाई स्पीड ट्रेन सेट बन जाएंगी। 100 किमी प्रति घंटे की औसत गति के साथ रैपिडेक्स ट्रेनें दिल्ली मेट्रो और भारतीय रेलवे ट्रेनों की तुलना में बहुत तेज़ होंगी।

- एर्गोनॉमिक डिजाइन वाली इस रैपिड ट्रेन में 2x2 कुशन वाली सीटिंग, हर सीट पर ऑनबोर्ड वाईफाई, लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की सुविधा, सीसीटीवी कैमरे, डायनमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम होगा।

- आरआरटीएस ट्रेनों में आसान पहुंच के लिए ट्रेन के दरवाजे के पास स्थित हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (एचवीएसी), व्हीलचेयर और स्ट्रेचर स्पेस जैसी सुविधाएं भी होंगी।

- रैपिड रेल में स्टैण्डर्ड और प्रीमियम श्रेणी के कोच होंगे, साथ-साथ महिला यात्रियों के लिए एक कोच आरक्षित होगा। इन ट्रेनों को उस रूट पर आवश्यकता के आधार पर चार और छह कोच के सेगमेंट में चलाया जाएगा।


2005 में बनी थी टास्क फोर्स

योजना आयोग ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम विकसित करने के लिए शहरी विकास मंत्रालय (एमओयूडी) के सचिव की अध्यक्षता में 2005 में एक टास्क फोर्स का गठन किया। इसे क्षेत्रीय केंद्रों को जोड़ने वाले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) पर विशेष जोर देने के साथ एनसीआर 2032 के लिए एकीकृत परिवहन योजना में शामिल किया गया था। टास्क फोर्स ने 8 गलियारों की पहचान की और कार्यान्वयन के लिए दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर नामक तीन गलियारों को प्राथमिकता दी।

2019 में शुरू हुआ था काम

8 मार्च, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी। पहले चरण में साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किमी लंबे खंड पर रैपिड ट्रेन चलेगी। संपूर्ण 82 किमी लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर जून 2025 तक चालू होने की उम्मीद है। रैपिडेक्स ट्रेनों का निर्माण गुजरात के सावली में एल्सटॉम के विनिर्माण संयंत्र द्वारा किया जा रहा है।

अनोखी तकनीक

रैपिड रेल सिस्टम एलिवेटेड और भूमिगत दोनों होगा। भारत की रैपिड रेल की खासियत इसका रेलवेलाइन सिस्टम होगा जिसे प्रीकास्ट स्लैब पर बिछाया गया है। इस तकनीक का उपयोग भारत में पहली बार देश की पहली क्षेत्रीय रेल के निर्माण में किया जा रहा है। प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब तकनीक उच्च क्षमता वाला गिट्टी रहित ट्रैक सिस्टम है जिनका जीवन चक्र लंबा होता है और कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। इसके कारण, ट्रैक की समग्र लागत भी कम है। इन प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण मेरठ के शताब्दी नगर स्थित एक फैक्ट्री में किया जा रहा है। ये ट्रैक स्लैब आम तौर पर 4 मीटर गुणे 2.4 मीटर आकार के होते हैं। इसका निर्माण इसलिए किया गया है ताकि हाई स्पीड ट्रेन चल सके। मेट्रो ट्रेन के गिट्टी रहित ट्रैक 95 किलोमीटर प्रतिघंटा स्पीड के लिए उपयुक्त होते हैं। आरआरटीएस प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण मेक इन इंडिया पहल के तहत किया जा रहा है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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