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Suspension Bridge: क्या होता है सस्पेंशन ब्रिज, जानिए देश में कहां-कहां हैं ऐसे पुल
Suspension Bridge: पानी या नदी के ऊपर कई तरह के पुलों का निर्माण किया जाता है, इन्हीं में एक होता है सस्पेंशन ब्रिज या हैंगिंग ब्रिज।
Suspension Bridge (Pic: Social Media)
Suspension Bridge: देश में सरकार के द्वारा नदियों में कई तरह के पुल बनवाए जाते हैं। इन्ही में से एक है सस्पेंशन ब्रिज, जिसकी आज हम इस रिपोर्ट में चर्चा करेगें। सस्पेंशन ब्रिज ज्यादातर नदियों पर बनाए जाते हैं, क्योंकि नदियों में पानी का बहाव तेज होता है। सस्पेंशन ब्रिज की सबसे बड़ी पहचान यह है कि ये ब्रिज केबल की सहायता से बनाए जाते हैं। सस्पेंशन ब्रिज में नदी के दोनों किनारों पर पिलर बनाए जाते हैं और बाकी पुल केबल के जरिए टिका होता है। सस्पेंशन ब्रिज में पानी के अंदर किसी भी तरह को कोई पिलर नहीं बनाया जाता है। इस तरह के ब्रिज सस्पेंशन ब्रिज या फिर हैंगिंग ब्रिज कहलाते हैं।
कैसे बनता है सस्पेंश ब्रिज
सस्पेंशन ब्रिज में डेक, टावर, फाउंडेशन और केबल अहम हिस्से होते हैं। डेक पुल पर बनी सड़क का अंतिम छोर कहा जाता है, अंत में यह जमीन में घुसा होता है। डेक से आगे, पुल को बेस देने के लिए टावर लगा होता है। ये टावर दोनो किनारे पर बने होते हैं। इससे ही पुल का टेंशन दोनों किनारों को आपस में जोड़ता है। टेंशन एक तार होता है, यह एक टावर से दूसरे टावर पर बंधा होता है। इस तार से ही केबल लगे होते हैं, जो पुल की सड़क को टेंशन से बांध कर रखते हैं। इस प्रकार इन सभी से मिलकर एक पुल बंनकर तैयार होता है।
भारत के इन इलाकों में है फेमस सस्पेंशन ब्रिज
भारत में सबसे ज्यादा सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण 1800 के दशक में ही किया गया है। भारत के सबसे बड़ा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा चांटी ब्रिज है। ये उत्तराखंड में स्थित है। इसके अलावा भारत के मशहूर सस्पेंशन पुलों की बात करें तो इनमें प्रमुख रूप से राजस्थान का कोटा हैंगिंग ब्रिज, अरुणाचल प्रदेश का लोहित रिवर ब्रिज, उत्तराखंड का लक्ष्मण झूला शामिल है।