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Security in India: क्या होती है Y+ और Z+ सुरक्षा, किन परिस्थियों में और कैसी मिलती है, जानें सब कुछ
Security in India: भारत की सुरक्षा व्यवस्था 6 श्रेणियों में विभाजित है। ये एसपीजी, जेड प्लस, जेड, वाई, वाई प्लस और एक्स है। सरकार इस बात का निर्णय ले सकती है कि इन श्रेणियों में किसे कौन से स्तर की सुरक्षा देनी है।
Security in India: देश के मशहूर उद्योगपति और एशिया के सबसे अमीर इंसान रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी को अब विदेशों में भी जेड+ श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी। हालांकि, इसके लिए उन्हें खुद खर्चा वहन करना होगा। अभी तक इस पर होने वाला खर्च केंद्रीय गृह मंत्रालय यानी भारत सरकार उठाती थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेड+ सिक्योरिटी पर होने वाला खर्च, जो कि 40 से 45 लाख रूपये प्रति महीना होता है, उन्हें उठाना होगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय समय-समय पर खुफिया इनपुट और सुरक्षा के जोखिम को देखते हुए देश की मशहूर हस्तियों को सिक्योरिटी कवर मुहैया कराते रहता है। सुरक्षा का जोखिम कम होने पर सरकार सिक्योरिटी कवर या तो कम कर देती है या उसे हटा भी लेती है। उदाहरण के तौर पर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मिलने वाली एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई थी और उन्हें जेड+ सुरक्षा मुहैया कराई गई। तो आइए एक नजर भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर डालते हैं।
6 श्रेणियों में विभाजित है सुरक्षा व्यवस्था
भारत की सुरक्षा व्यवस्था 6 श्रेणियों में विभाजित है। ये एसपीजी, जेड प्लस, जेड, वाई, वाई प्लस और एक्स है। सरकार इस बात का निर्णय ले सकती है कि इन श्रेणियों में किसे कौन से स्तर की सुरक्षा देनी है। खतरे के आधार पर सरकार यह वीआईपी सुरक्षा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मंत्री, सांसद, विधायक, नौकरशाह, पार्षद, पूर्व नौकरशाह, राजनेता, उद्योगपति, फिल्म स्टार, जज, क्रिकेटर, पूर्व जज या धार्मिक व्यक्ति किसी को भी दे सकती है।
एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप)
यह सुरक्षा का सबसे उच्चतम स्तर है। ये देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है। इनमें शामिल होने वाले जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स (BSF, CISF, ITBP, CRPF) से किया जाता है। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद साल 1985 में इसकी शुरूआत की गई थी। इसके कंधे पर प्रधानमंत्री के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनके परिजनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है।
पहले ये सुरक्षा कवर पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनके परिजनों को लंबे समय तक मिलता था। लेकिन साल 2019 में एसपीजी कानून 1988 में संशोधन किया गया। जिसके तहत अब एसपीजी सुरक्षा कवच मौजूदा प्रधानमंत्री उनके साथ आधिकारिक आवास पर रहने वाले करीबी रिश्तेदारों को ही मिलेगा। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्रियों को ये सुरक्षा उनके ऑफिस छोड़ने के 5 साल बाद तक ही मिलेगी। इस संशोधन के बाद गांधी परिवार को दी जाने वाली एसपीजी सुरक्षा हटा दी गई थी और उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई। जिस पर कांग्रेस ने सदन में काफी हंगामा मचाया था।
जेड प्लस श्रेणी
जेड प्लस श्रेणी सुरक्षा एसपीजी सुरक्षा के बाद देश का दूसरा सबसे उच्चतम सुरक्षा व्यवस्था है। इसमें 55 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा के लिए मौजूद होते हैं। 55 जवानों में 10 से अधिक एनएसजी के कमांडो होते हैं। इसके अलावा पुलिस अधिकारी होते हैं। इसमें सीआरपीएफ और आईटीबीपी के जवान भी शामिल रहते हैं। जेड प्लस सुरक्षा में एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन भी दिए जाते हैं।
जेड श्रेणी
जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था में 22 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं, जिनमें 4 से 5 एनएसडी के कमांडो होते हैं। इसके अलावा इसमें सीआरपीएफ, आईटीबीपी के कमांडों और लोकल पुलिस के जवान होते हैं।
वाई प्लस श्रेणी
इसमें 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं। इनमें दो कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं।
वाई श्रेणी
वाई श्रेणी की सुरक्ष व्यवस्था में भी 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं लेकिन इनमें कोई कमांडो नहीं होता। इसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षा गार्ड) भी होते हैं।
एक्स श्रेणी
इस श्रेणी में दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक पीएसओ (निजी सुरक्षा गार्ड) होता है। इसमें भी कोई कमांडो शामिल नहीं होता है। इस श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था देश में काफी लोगों को मिली हुई है।