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कहाँ पड़े हो घोटाले पे! यहां भैंसों के इस बॉडी पार्ट पर 16 लाख रुपये उड़ा दिये
नई दिल्ली : चारा घोटाले की चर्चा समय-समय पर बनी रहती है। इसी के साथ एक बार फिर से घोटाला चर्चे में आया है। लेकिन इस बार चारे की बजाय बात भैंसों के सींगों की मालिश की है। भैंसों की सींगों को लेकर क्या घोटाला हुआ, ये सोचकर कुछ अजीब सा लगता है कि इसमें क्या घोटाला हो सकता है।
नई दिल्ली : चारा घोटाले की चर्चा समय-समय पर बनी रहती है। इसी के साथ एक बार फिर से घोटाला चर्चे में आया है। लेकिन इस बार चारे की बजाय बात भैंसों के सींगों की मालिश की है। भैंसों की सींगों को लेकर क्या घोटाला हुआ, ये सोचकर कुछ अजीब सा लगता है कि इसमें क्या घोटाला हो सकता है।
आपको बता दें, बिहार सरकार ने हाल ही में यह खुलासा किया कि सिर्फ भैंसों के सींग की मालिश करने के लिए 16 लाख रुपये खर्च कर दिए गए। इस मालिश के लिए पांच सालों में (साल 1990-91 से 1995-96) कुल मिलाकर 16 लाख रुपये का सरसों का तेल खरीदा गया था। इस मामले में लालू प्रसाद यादव जेल में हैं।
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बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को ये खुलासा विधानसभा मेंं विधेयक पेश करते हुए किया। यह बिहार विनियोग अधिकाई व्यय विधेयक 2019 मानसून सत्र में विधानसभा में पेश किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अत्यधिक व्यय या आवश्यकता को बजट के माध्यम से लिया जाता है लेकिन लालू प्रसाद यादव की अगुवाई वाली तत्कालीन सरकार ने इसका पालन नहीं किया और फर्जी बिलों के माध्यम से जनता के धन को लूटने के लिए बजटीय आवंटन से अधिक निकासी की गई।'
हजारों लीटर खरीदा गया सरसों का तेल
16 लाख रुपये में 49,950 लीटर सरसों का तेल सन् 1990-91 से 1995-96 तक कुल मिलाकर खरीदा गया था। होटवार दुग्ध आपूर्ति सह डेयरी फार्म के महाप्रबंधक डॉ जेनुअल भेंगराज ने वरिष्ठ अधिकारियों और शीर्ष नेताओं की मिलीभगत से सरसों के तेल का नकली बिल तैयार किया।
कार का हुआ इस्तेमाल
रिपोर्ट के अनुसार, चारा घोटाले पर बैलों को रांची से घाघरा तक स्कूटर की सवारी करवाई गई थी। एक रिकार्ड के मुताबिक, बैलो को ले जाने के लिए एक कार, जिसका पंजीकरण न0-BHV-5777 है का इस्तेमाल किया गया था।
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हालांकि, पशुपालन विभाग द्वारा खर्च किए गए 658 करोड़ रुपये की राशि पर विचार नहीं किया जा सकता है क्योंकि चारा घोटाले के ये मामले रांची और पटना में सीबीआई कोर्ट के पास लंबित हैं।