कौन हैं अजीत डोभाल जिन पर PM मोदी को है इतना भरोसा, लगातार तीसरी बार सौंपी NSA की जिम्मेदारी

NSA Ajit Doval: मोदी सरकार ने एक बार फिर अजीत डोभाल पर भरोसा जताते हुए उन्हें NSA की जिम्मेदारी दी है। आइए, जानते हैं कौन हैं अजित डोभाल।

Anshuman Tiwari
Published on: 13 Jun 2024 1:50 PM GMT (Updated on: 13 Jun 2024 2:08 PM GMT)
कौन हैं अजीत डोभाल जिन पर PM मोदी को है इतना भरोसा, लगातार तीसरी बार सौंपी NSA की जिम्मेदारी
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NSA Ajit Doval: प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के तीसरी बार शपथ लेने के बाद सबकी निगाहें देश के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) को लेकर उनके फैसले पर टिकी हुई थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में भी लगातार अजीत डोभाल को ही अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाए रखने का फैसला किया है। इससे पता चलता है कि डोभाल पर पीएम मोदी को अटूट भरोसा है।

2014 में पहली बार सौंपी थी जिम्मेदारी


2014 में पहली बार डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। डोभाल को पहली बार 20 मई 2014 को देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था। 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल को कूटनीतिक सोच और काउंटर टेरेरिज्म का विशेषज्ञ माना जाता है। डोभाल की उम्र अधिक हो जाने के कारण इस बार उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाए जाने को लेकर आशंकाएं जताई जा रही थीं मगर पीएम मोदी ने एक बार फिर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।

कीर्ति चक्र पाने वाले पहले आईपीएस अफसर


मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले अजीत डोभाल केरल कैडर के 1968 बैच के रिडायर्ड आईपीएस अफसर हैं। 1986 में हुए मिजोरम समझौते में डोभाल की बहुत बड़ी भूमिका मानी गई थी। डोभाल इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक रहे हैं। 1988 में अजीत डोभाल को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। कीर्ति चक्र पाने वाले वे देश के पहले आईपीएस अफसर हैं।

डोभाल से जुड़ी दिलचस्प कहानी

जानकारों का कहना है कि जब ऑपरेशन ब्लैक थंडर की योजना बनी थी तो कार्रवाई से कुछ दिन पहले से ही अमृतसर में एक नया रिक्शा वाला दिखने लगा था। खालिस्तानी आतंकियों को उस रिक्शा वाले पर शक भी हुआ था। 10 दिनों तक उसकी निगरानी करने के बाद जब एक दिन खालिस्तानी आतंकियों ने उसे रोका तो रिक्शावाला उन्हें भरोसा दिलाने में कामयाब हो गया कि वो आईएसआई का एजेंट है और उनकी मदद करने आया है। वह रिक्शावाला बहुत दिनों तक पहेली बना रहा। जानकारों का कहना है कि रिक्शावाला बनाकर डोभाल खालिस्तानी आतंकियों से ढेर सारी जानकारियां इकट्ठी करने में कामयाब रहे। इस कारण ही ब्लैक कैट्स कमांडोज ने 41 आतंकी मार गिराए जबकि 200 आतंकियों ने सरेंडर किया।

विकिलीक्स ने किया था बड़ा खुलासा

अमेरिका के खुफिया केबल्स के आधार पर विकिलीक्स ने भी अजीत डोभाल को लेकर एक बड़ा खुलासा किया था। विकिलीक्स के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने 2005 में छोटा राजन के शूटर विक्की मल्होत्रा के जरिए दाऊद इब्राहिम को मारने की योजना बनाई थी। इसकी जिम्मेदारी करीब पांच महीना पहले रिटायर हुए अजीत डोभाल को सौंप गई थी। खबरों के मुताबिक योजना के बारे में बात करने के लिए एक दिन जब डोभाल और विक्की मल्होत्रा दिल्ली में साथ थे,तभी मुंबई क्राइम ब्रांच की एक टीम ने हत्या के आरोप में मल्होत्रा को गिरफ्तार कर लिया और दाऊद को मारने की योजना खटाई में पड़ गई थी।

कई मौकों पर निभाई बड़ी जिम्मेदारी


अजीत डोभाल के काफी तेजतर्रार अफसर होने और उनकी काबिलियत के कारण ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में उन्हें पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी थी। वर्ष 2017 में भी जब डोकलाम में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने खड़े थे तब डोभाल ने ब्रिक्स बैठक के दौरान उस समय के अपने समकक्ष यांग जी ची से बात कर मामले को तूल पकड़ने से बचवाया था। दिल्ली में दंगे के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ने डोभाल को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। पीएम मोदी ने डोभाल को इलाके में कानून और व्यवस्था पर नियंत्रण करने के लिए भेजा था। यह शायद पहला मौका था जब किसी एनएसए ने न सिर्फ़ इलाके में जाकर हालात का जायज़ा लिया बल्कि पीड़ित लोगों से बात भी की।

कश्मीर में शांति के लिए किया था कैंप


जब कश्मीर में धारा 370 हटाई गई तो डोभाल ने कश्मीर में लॉकडाउन की शुरुआत के दिनों में पूरे एक पखवाड़े तक कैंप किया। उसी दौरान उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ। इस वीडियो में डोभाल कश्मीर के सबसे तनावग्रस्त इलाकों में से एक शोपियां में स्थानीय लोगों के साथ बिरयानी खाते दिखे थे। धारा 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में कोई बड़ा बवाल नहीं हो पाया था और इसमें भी डोभाल की बड़ी भूमिका मानी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले दो कार्यकाल के दौरान विदेशी दौरों में भी डोभाल पीएम मोदी के लिए काफी मददगार साबित हुए हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में भी डोभाल पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया है।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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