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अयोध्या मामले पर तारीख पर तारीख के बीच जस्टिस ललित के बारे में भी जानिए

अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आज सुनवाई होनी थी। देश और दुनिया की करोड़ों आखें टीवी टिकी हुई थीं। लेकिन सुनवाई शुरू होने के बाद ही एक बार फिर तारीख दे दी गई। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि जस्टिस यू यू ललित वर्ष 1994 में यूपी के पूर्व सीएम कल्‍याण सिंह के वकील रह चुके हैं।

Rishi
Published on: 10 Jan 2019 2:04 PM IST
अयोध्या मामले पर तारीख पर तारीख के बीच जस्टिस ललित के बारे में भी जानिए
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नई दिल्लीः अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आज सुनवाई होनी थी। देश और दुनिया की करोड़ों आखें टीवी टिकी हुई थीं। लेकिन सुनवाई शुरू होने के बाद ही एक बार फिर तारीख दे दी गई। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि जस्टिस यू यू ललित वर्ष 1994 में यूपी के पूर्व सीएम कल्‍याण सिंह के वकील रह चुके हैं। इस सवाल के बाद चीफ जस्टिस ने जजों के साथ बात की और इसके बाद ललित ने इस अहम सुनवाई से अपने आप को अलग कर लिया।

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अब आप भी जानिए जस्टिस यू यू ललित के बारे में

ललित सुप्रीम कोर्ट के छठे ऐसे वकील हैं। जो सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त हुए हैं। 13 अगस्त 2014 को यूयू ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्यभार संभाला। आपको बता दें, पूर्व सीजेआई आरएम लोढ़ा के नेतृत्व वाले कोलेजियम ने उन्हें नामित किया। ललित 22 नवंबर 2022 को रिटायर होंगे, ऐसी उम्मीद है कि ललित 74 दिन के लिए चीफ जस्टिस बन सकते हैं।

ललित के पिता जस्टिस यू।आर। ललित दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे। यू आर बॉम्बे हाई कोर्ट के एडिशनल जज भी रहे हैं।

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यूयू ने वर्ष 1983 में वकालत शुरू की।

1986 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरु की।

1986 से 1992 तक सोली सोरबजी के साथ काम किया।

29 अप्रैल 2004 को यूयू सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील बने।

जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस एके गांगुली की बेंच ने 2011 में यूयू को टूजी स्पेक्ट्रम से जुड़े मामलों में सीबीआई की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अप्वाइंट किया।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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