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Prince Tewatia: जानिए स्कूल ड्रॉपआउट प्रिंस तेवतिया कैसे बना दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर
Prince Tewatia: प्रिंस तेवतिया कि शुक्रवार को जेल में चाकुओं से गोदकर हत्या हो गई। प्रिंस की एक छात्र बनने से लेकर अपराधी बनने तक की कहानी...
Prince Tewatia: शुक्रवार शाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में एक खूनी गैंगवार हुआ, जिसमें एक कुख्यात गैंगस्टर की जान चली गई। इस घटना में जिस 30 वर्षीय युवक की मौत हुई है, पुलिस के रिकॉर्ड में वो एक हिस्ट्रीशीटर के रूप में दर्ज है। जिसके नाम दिल्ली के अलग-अलग थानों में 16 मुकदमे दर्ज है। हम जिस शख्स के बारे में बात कर रहे हैं, उसका नाम प्रिंस तेवतिया है। जिसने स्कूल-कॉलेज के दिनों में ही अपराध की राह पकड़ ली थी और जल्द ही कुख्यात बन गया।
तेवतिया खास तौर पर साउथ दिल्ली में काफी एक्टिव रहता था। वह पिछले एक दशक से अधिक समय से जरायम की दुनिया में सक्रिय था। उसके ऊपर हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। उत्तर भारत के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों में से एक लॉरेंस बिश्नोई के साथ जुड़ने के बाद उसकी ताकत काफी बढ़ गई थी। जानकारी के मुताबिक, तेवतिया का दक्षिणी दिल्ली के ही एक अन्य शातिर अपराधी रोहित चौधरी से छत्तीस का आंकड़ा चल रहा था।
अपराध की दुनिया में ऐसे हुई थी एंट्री
अन्य गैंगस्टरों की तरह प्रिंस तेवतिया की भी एक कहानी है, जिसने जुर्म की दुनिया में कदम रखने के लिए उसे मजबूर किया था। पुलिस रिकॉर्ड में पहली बार उसका नाम साल 2008 में आया था। वह एक झगड़े के मामले में पुलिस के हत्थे चढ़ गया था। एकबार किसी लड़के ने उसके पिता को थप्पड़ जड़ दिया था। बताया जाता है कि इसी घटना ने तेवतिया के लिए एक ट्रिगर के रूप में काम किया और वह अपराध के रास्ते चल पड़ा। उसने उस लडके की हत्या ही कर डाली।
2010 में दिल्ली पुलिस ने अंबेडकर नगर इलाके से प्रिंस को गिरफ्तार किया था। बताया जाता है कि शातिर तेवतिया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में नाबालिग होने को लेकर जाली कागजात पेश किए थे। जिसके बाद अदालत के आदेश पर साकेत थाने में उस पर जालसाजी का मुकदमा भी कायम किया गया था।
जेल से छूटते ही वारदातों को देने लगा अंजाम
मर्डर केस में सालों तक जेल में बंद रहने के बाद साल 2015 में प्रिंस तेवतिया बाहर आया। लेकिन जेल से छूटते ही उसने वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया था। उसने लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा जैसे कुख्यात गैंगस्टरों से हाथ मिला लिया था। वह अब दिल्ली पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था। एकबार फिर क्राइम ब्रॉन्च ने ऑपरेशन चलाकर उसे अऱेस्ट किया था। पुलिस ने प्रिंस के पास हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया था। बताया जाता है कि दिल्ली में वह एक बड़े गैंगवार को अंजाम देने के फिराक में था।
पैरोल लेकर हो गया था फरार
प्रिंस तेवतिया को 2019 में शादी के लिए तीन दिनों का पैरोल मिला था। पैरोल खत्म होते ही वह फरार हो गया। क्राइम ब्रॉन्च ने कुछ महीने बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ भी हुई थी, जिसमें वो जख्मी हो गया था। पिछले साल एकबार फिर वह जमानत पर जेल से बाहर आया। उसने यहां भी फर्जीवाड़ा किया था। दरअसल, कोर्ट में उसने फेक कोरोना प्रमाण पत्र जमा कर दिया था। जिसके बाद अदालत के आदेश पर एकबार फिर उसपर तिलक मार्ग थाने में जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया था।
परिवार में कौन-कौन ?
प्रिंस तेवतिया दिल्ली के खानपुर स्थित दुग्गल कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहता था। उसके पिता डीडीए के रिटायर्ड अफसर हैं। उसकी एक बहन और भाई भी है। तेवतिया ने दसवीं में ही पढ़ाई – लिखाई को तिलांजलि दे दी थी।