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Vikas Divyakirti: कौन हैं विकास दिव्यकीर्ति? कोचिंग कांड में अब तक चुप्पी के पीछे क्या बड़ी वजह
Vikas Divyakirti: डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहते हैं। उनकी मोटिवेशनल रील्स सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं।
Vikas Divyakirti: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई। हादसे के बाद पूरी दिल्ली में बवाल जारी है। दिल्ली नगर निगम राजधानी में चलने वाले अवैध कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में दृष्टि आईएएस के डायरेक्टर विकास दिव्यकीर्ति पर दिल्ली नगर निगम ने कार्रवाई की गई है। दिल्ली नगर निगम ने विकास दिव्यकीर्ति की कोचिंग सेंटर दृष्टि आईएएस को सील कर दिया है।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहते हैं। उनकी मोटिवेशनल रील्स सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं। लेकिन आज इतने बड़े हादसे पर उनका चुप्पी साध जाना सभी को परेशान कर रहा है। दृष्टि आईएएस के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने अभी तक इस मामले पर कोई भी स्टेटमेंट जारी नहीं किया है। ऐसे में कई स्टूडेंट्स काफी नाराज हो रहे हैं।
कौन हैं विकास दिव्यकीर्ति?
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति एक प्रतिष्ठित शिक्षक हैं। वह पूर्व में सिविल सेवक भी रह चुके हैं। डॉक्टर दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसंबर, 1997 को हरियाणा के मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में एक प्रसिद्ध हिंदी साहित्य प्रोफेसर थे, जबकि उनकी मां भिवानी में एक पीजीटी शिक्षक थीं। विकास दिव्यकीर्ति के दो बड़े भाई हैं - एक अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और दूसरा सीबीआई में डीआईजी हैं।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने अपनी स्कूली शिक्षा हरियाणा के भिवानी जिले के सरस्वती शिशु मंदिर में पूरी की। ग्रैजुएशन की पढ़ाई के लिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने हिंदी में बीए किया। इसके बाद एमए, एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की। इस मजबूत शैक्षणिक आधार ने उन्हें भारत में यूपीएससी परीक्षाओं के लिए उच्च योग्य प्रोफेसरों में से एक के रूप में उन्हें स्थापित किया।
दिव्यकीर्ति ने 1999 में दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर की स्थापना की थी
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने दिल्ली विश्वविद्यालय में अपने शिक्षण करियर की शुरुआत की थी। साथ ही, पारिवारिक उम्मीदों से प्रभावित होकर, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और साल 1996 में AIR 384 हासिल की थी। गृह मंत्रालय में एक साल की सेवाएं देने के बाद उन्होंने शिक्षण के अपने जुनून का पालन करने का फैसला किया और 1999 में दिल्ली के मुखर्जी नगर में दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर की स्थापना की। दृष्टि कोचिंग सेंटर में यूपीएससी एस्पिरेंट को तैयारी करवाई जाती है।