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Maharashtra News:शिंदे न फड़नवीस,आखिर कौन बनेगा महाराष्ट्र का सीएम, गेंद आलाकमान के पाले में
Maharashtra News: भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के नाम के बीच पेंच फंस जाने के कारण भाजपा आलाकमान लगातार मंथन करने में जुटा हुआ है।
Maharashtra News: महाराष्ट्र का चुनाव नतीजा आने के बाद अब सबकी निगाहें प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पर लगी हुई हैं। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के नाम के बीच पेंच फंस जाने के कारण भाजपा आलाकमान लगातार मंथन करने में जुटा हुआ है। नाम तय होने के बाद भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी जिसमें नए नेता का चुनाव किया जाएगा। इस बीच शिंदे सेना और एनसीपी के अजित पवार गुट ने मुख्यमंत्री के बारे में फैसला लेने का अधिकार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सौंप दिया है।
दूसरी ओर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका है। जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान होने के कारण दूसरे नामों पर भी विचार किया जा रहा है। इसके तहत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से मराठा समुदाय या ओबीसी के किसी नेता को भी महाराष्ट्र की कमान सौंपी जा सकती है। हालांकि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश में ही जुटा हुआ है।
शिंदे सेना की दावेदारी से फंसा पेंच
महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे की घोषणा 23 नवंबर को की गई थी मगर तीन दिन बीतने के बाद भी अभी तक मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर नहीं लग सकी है। शिंदे गुट की ओर से मुख्यमंत्री पद पर दावा किए जाने के बाद राज्य के नए मुख्यमंत्री को लेकर पेंच फंसा हुआ है। दरअसल शिंदे गुट की ओर से दलील दी गई है कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में सत्तारूढ़ महायुति को प्रचंड जीत हासिल हुई है। इसलिए मुख्यमंत्री पद पर एक बार फिर शिंदे की ताजपोशी की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के दौरान महायुति ने शानदार जीत हासिल की है। भाजपा ने अकेले 132 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 57 सीटों पर विजय मिली है। गठबंधन के एक और सहयोगी दल अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं।
दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटों पर जीत मिली है जबकि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने 20 सीटों पर जीत हासिल की है। शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी सिर्फ 10 सीटों पर सिमट गई है।
राज्य भाजपा के नेता फडणवीस के पक्ष में
महाराष्ट्र में 132 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने के बाद इस बार भाजपा मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। पांच साल तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद महायुति सरकार में देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद लेकर संतोष किया था। इसलिए महाराष्ट्र भाजपा इकाई की ओर से देवेंद्र फडणवीस को एक बार फिर राज्य की कमान सौंपने की पुरजोर मांग की जा रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है कि प्रदेश भर के भाजपा कार्यकर्ता इस बार फडणवीस को ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
अन्य नामों पर भी विचार कर रहा है शीर्ष नेतृत्व
दूसरी ओर शिंदे सेना की ओर से एक बार फिर राज्य की कमान एकनाथ शिंदे को सौंपने की मांग की जा रही है और यही कारण है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी तक फैसला नहीं हो सका है। इस खींचतान के चलते ही भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अब अन्य नामों पर भी चर्चा कर रहा है।
जानकारों का कहना है कि किसी मराठा नेता या ओबीसी से जुड़े दमदार नेता के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि इतना तो तय है कि मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा। दोनों दलों की ओर से भी अब यह बात कही गई है कि इस बाबत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का फैसला दोनों दलों को मंजूर होगा। शिंदे सेना और अजित पवार गुट को डिप्टी सीएम पद देने की तैयारी है।
महाराष्ट्र में इस फॉर्मूले पर भी हो रहा विचार
महाराष्ट्र की पिछली सरकार में देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम का पद संभाला था और अब यह संभावना जताई जा रही है कि नई सरकार में एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। शिंदे को केंद्र सरकार में लिए जाने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि अभी तक इस बाबत कोई फैसला नहीं किया जा सका है। शिंदे सेना के नेता चाहते हैं कि वे महाराष्ट्र में ही बने रहें ताकि पार्टी के विधायकों को एकजुट बनाए रखने में मदद मिल सके।
वैसे सियासी हल्कों में यह फार्मूला भी काफी चर्चाओं में है कि शिंदे को केंद्र में भेजा जाएगा और उनके बेटे को राज्य में डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस पूरे प्रकरण को लेकर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे दोनों ने चुप्पी साध रखी है। माना जा रहा है कि दोनों नेता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
वैसे देवेंद्र फडणवीस को अभी मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर नहीं माना जा रहा है। भाजपा को राज्य में 132 सीटों पर जीत दिलाने में फडणवीस की बड़ी भूमिका रही है और ऐसे में भाजपा नेतृत्व उनकी दावेदारी को पूरी तरह नकारने की स्थिति में नहीं दिख रहा है।
शिंदे ने की दबाव न बनाने की अपील
इस बीच शिंदे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए कोई दबाव न बनाएं। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता मेरे आवास पर इकट्ठा होकर किसी भी प्रकार का प्रदर्शन न करें। शिंदे सेना के वरिष्ठ नेता दीपक केसकर ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला दिल्ली में लिया जाएगा और पार्टी कार्यकर्ताओं को इस फैसले का इंतजार करना चाहिए।