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'शराब घोटाले में AAP को मिला फायदा तो आरोपी क्यों नहीं बनाया', सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया इस टिप्पणी का मतलब

SC on Delhi Excise Policy Case: दिल्ली शराब घोटाले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से एक अहम टिप्पणी की गई। जिसमें आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने को लेकर की गई टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिया गया।

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Published on: 5 Oct 2023 3:41 PM IST (Updated on: 5 Oct 2023 3:52 PM IST)
SC on Delhi Excise Policy Case
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SC on Delhi Excise Policy Case (Social Media)

Delhi Excise Policy Case : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में गुरुवार (5 अक्टूबर) को सुनवाई हुई। इस मामले के आरोपी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत में आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपी बनाने वाली टिप्पणी का मुद्दा उठा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी AAP को आरोपी बनाने की तैयारी में है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान बताया कि आखिर उन्होंने ये सवाल क्यों पूछा?

शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, 'हम ये साफ करना चाहते हैं कि हमने कल सिर्फ एक कानूनी सवाल पूछा था। हमारा सवाल था कि 'A' और 'B' को आरोपी बनाया गया है जिससे 'C' को फायदा पहुंचा है, तो उसे आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? आपको बता दें, सुनवाई के समय मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने सवाल उठाया था कि, 'मीडिया में ऐसी बातें हैं कि अदालत ने AAP को भी आरोपी बनाने के लिए कहा है।

ED के वकील- अगर सबूत मिला तो बख्शा नहीं जाएगा

मनीष सिसोदिया के वकील सिंघवी ने जब AAP को आरोपी बनाने का मुद्दा उठाया, तो उस समय ईडी के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (Additional Solicitor General SV Raju) भी वहीं मौजूद थे। ASG राजू ने कहा, 'अगर किसी के खिलाफ सबूत मिलता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।' ज्ञात हो कि, बुधवार की सुनवाई में ASG एसवी राजू से ही सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सवाल पूछा था। दिल्ली शराब घोटाला मामले में 04 अक्टूबर को ही AAP सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

जानें क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?

दरअसल, पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) और जस्टिस एसवी भट्टी (Justice SV Bhatti) की पीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजूसे पूछा कहा था, 'जहां तक 'प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट' (PMLA) मामले में बात है। आपका पूरा केस ही यही है कि एक राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचा है। उस राजनीतिक दल को अभी भी आरोपी या पक्षकार नहीं बनाया गया है। आप इस बात का जवाब कैसे देंगे? शीर्ष अदालत ने कहा, आपके अनुसार राजनीतिक दल लाभार्थी है।' इसी के बाद से आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाए जाने की बात होने लगी।

सिंघवी- सिसोदिया पर आरोप सुनी-सुनाई बातों पर आधारित

मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें पेश की। सिंघवी ने कहा, 'उनके मुवक्किल (सिसोदिया) को पैसे मिलने के कोई सबूत नहीं हैं। जिन आरोपियों को उनका करीबी बताया गया है, वो भी उनके करीबी नहीं थे। अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में दलील दी कि, सिसोदिया के खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह बस सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं। उन बातों को साबित करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के पास कोई सबूत नहीं हैं।



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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