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Teachers’ Day 2024: 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस, जानें कैसे पड़ी नींव
Teachers’ Day 2024: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षक और प्रसिद्ध दार्शनिक थे। उनका जन्म तिरुत्तनी में पांच सितम्बर 1888 को हुआ था। साल 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
Teachers’ Day 2024: शिक्षकों को सम्मान देने के लिए भारत में हर साल पांच सितंबर को ‘टीचर्स डे’ मनाया जाता है। इस दिन पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती मनायी जाती है। विश्व भर में शिक्षक दिवस पांच अक्टूबर को मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पर शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
कैसे पड़ी शिक्षक दिवस की नींव
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षक और प्रसिद्ध दार्शनिक थे। उनका जन्म तिरुत्तनी में पांच सितम्बर 1888 को हुआ था। साल 1954 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। साल 1963 में डॉ. राधाकृष्णन को ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ़ मेरिट की मानद सदस्यता प्रदान की गई थी। डॉ. राधाकृष्णन ने कलकत्ता विश्वविद्यालय और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया।
साल 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने। तब कुछ विद्यार्थियों ने उनसे धूमधाम से जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। लेकिन वह इसके पक्ष में नहीं थे। उन्होंने बर्थडे सेलिब्रेट करने से इनकार कर दिया। लेकिन डॉ. राधाकृष्णन ने विद्यार्थियों को सुझाव दिया कि विद्यार्थी इस दिन को शिक्षकों को समर्पित करें। उन्होंने कहा कि पांच सितंबर को सभी शिक्षकों को सम्मान दिया जाना चाहिए न कि केवल मुझे। इसके बाद से ही डॉ. राधाकृष्णन की जयंती के दिन को देश में नेशनल टीचर्स डे के रूप में घोषित कर दिया गया। 5 सितंबर 1962 को भारत में पहली बार राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया गया था।
शिक्षक दिवस का महत्व
षिक्षक की हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक ही हमें जीवन को जीने की कला सिखाते हैं। हम शिक्षक द्वारा दिये गये ज्ञान से ही जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर पाते हैं और भविष्य में बेहतर कार्य करने की प्रेरणा भी मिलती है। पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन सभी को अपने शिक्षक की कड़ी मेहनत और लगन को याद करते हुए कृतज्ञता जतानी चाहिए। छात्रों के कृतज्ञता जताने से शिक्षकों को भी आत्मचिंतन करने और छात्रों के लिए स्वस्थ और प्रेरक वातावरण बनाने की प्रेरणा मिलती है।